गिरिडीह: धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ आदिवासियों ने रैली निकाली (Tribals rally against conversion in Giridih). रैली के बाद एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जनजाति सुरक्षा मंच और वनवासी कल्याण केंद्र के बैनर तले यह कार्यक्रम हुआ. गिरिडीह शहर में आयोजित इस कार्यक्रम में कई गांव के आदिवासियों ने भाग लिया.
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धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ निकाली गई यह रैली सबसे पहले अंटा बंगला से निकली. रैली में राज्य की हेमंत सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी हुई. रैली शहर का भ्रमण करते हुए सरस्वती विद्या मंदिर पहुंची. यहां पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश संबोधक संदीप उरांव ने कहा कि जनजातियों के धर्मान्तरण रोकने के लिए कठोर कानून की जरूरत है.
यहां राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के जिला संघचालक बृजनंदन, देवघर के मनोज हेम्ब्रम, गिरिडीह के जगलाल हेमब्रम, उप महापौर प्रकाश सेठ मंचाधीन ने जनजाति सुरक्षा पर अपने विचार को रखा. इससे पहले दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया. मंच का संचालन बनवासी कल्याण केन्द्र के जिलाध्यक्ष विनोद केशरी एवं धन्यवाद ज्ञापन विभाग संगठन मंत्री सिकंदर प्रजापति ने दिया. इस कार्यक्रम में जिला संगठन मंत्री शिवलाल बेसरा, जिला सचिव अमित श्रीवास्तव, नगर अध्यक्ष निशांत शर्मा, कोषाध्यक्षा प्रवीण मिश्रा, अमित रंजन, भुवनेश्वर राज, चिकित्सा प्रमुख नीलकंठ मल्लाह, प्रखंड अध्यक्ष ग्रीष्म कुमार भगत, विरजू मुर्मु, रामलाल मुर्मु आदि मौजूद थे.
आदिवासियों की सबसे बड़ी समस्या में से एक है धर्मांतरण. झारखंड सहित पूरे देश में धर्मांतरण के मामले देखने को मिलते हैं. झारखंड की बात करें तो रांची, दुमका, जमशेदपुर और लोहरदगा जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कई ऐसे आदिवासी हैं, जिन्होंने धर्मांतरण कर दूसरे धर्म को अपनाया है. बीजेपी लगातार आरोप लगाती है कि आदिवासियों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जाता है. यही वजह है कि वह धर्म परिवर्तन के लिए और भी सख्त कानून की मांग कर रही है.