ETV Bharat / city

गिरिडीह में 3 मासूमों की मौत, परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा - डॉक्टर

गिरिडीह के सदर अस्पताल की इकाई चैताडीह स्थित मातृत्व और शिशु इकाई में तीन बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई है. परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया.

रोते बिलखते परिजन
author img

By

Published : May 21, 2019, 11:38 AM IST

गिरिडीह: सदर अस्पताल की इकाई चैताडीह स्थित मातृत्व और शिशु इकाई में सोमवार की देर रात से सुबह तक तीन नवजातों ने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद जमकर हंगामा हो गया. आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टर और नर्स के साथ धक्का मुक्की भी की. लोगों का आक्रोश बढ़ता देख अधिकांश कर्मी अस्पताल से भाग खड़े हो गए. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

बच्चों की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा

नाराज लोगों का हंगामा
बताया जाता है कि शहरी क्षेत्र के गार्डेना गली की रहने वाली नेहा देवी, सदर प्रखंड के कैलीबाद की रहने वाली राधा देवी और एक अन्य महिला का प्रसव रविवार को हुआ था. सोमवार की दोपहर बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद तीनों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. यहां पर रात 2 से 3 बजे के बीच दो बच्चों ने दम तोड़ दिया. जबकि एक बच्चे को बेहतर इलाज के लिए बोकारो रेफर कर दिया गया. बताया जाता है कि अस्पताल से निकलने के दौरान तीसरे बच्चे ने भी दम तोड़ दिया. इस घटना से नाराज लोगों ने हंगामा किया.

चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप
गार्डेना गली निवासी नेहा देवी का कहना है कि रविवार को उसे बच्चा हुआ था. बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य था. लेकिन मंगलवार की अहले सुबह बच्चे को सुई लगाई गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. बताया कि बच्चे की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हुई है. बच्चा होने के बाद वहां नर्स के द्वारा एक - एक हजार रुपये भी लिया गया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हो गई. इसी तरह का आरोप राधा देवी के पति सुधीर ठाकुर का भी है. सुधीर का कहना है कि चिकित्सक लापरवाही नहीं करते तो यह स्थिति नहीं होती.

ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री के रूप में राहुल गांधी को ही महागठबंधन देखना चाहती है: कांग्रेस

पुलिस ने मामला शांत कराया
इधर, डॉ गोविंद प्रसाद का कहना है कि लापरवाही नहीं बरती गई. बच्चों को बचाने का प्रयास किया गया. वहीं मामले की सूचना पर पचंबा थाना प्रभारी शर्मानंद सिंह पहुंचे और मामले की जांच की.

गिरिडीह: सदर अस्पताल की इकाई चैताडीह स्थित मातृत्व और शिशु इकाई में सोमवार की देर रात से सुबह तक तीन नवजातों ने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद जमकर हंगामा हो गया. आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टर और नर्स के साथ धक्का मुक्की भी की. लोगों का आक्रोश बढ़ता देख अधिकांश कर्मी अस्पताल से भाग खड़े हो गए. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

बच्चों की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा

नाराज लोगों का हंगामा
बताया जाता है कि शहरी क्षेत्र के गार्डेना गली की रहने वाली नेहा देवी, सदर प्रखंड के कैलीबाद की रहने वाली राधा देवी और एक अन्य महिला का प्रसव रविवार को हुआ था. सोमवार की दोपहर बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद तीनों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. यहां पर रात 2 से 3 बजे के बीच दो बच्चों ने दम तोड़ दिया. जबकि एक बच्चे को बेहतर इलाज के लिए बोकारो रेफर कर दिया गया. बताया जाता है कि अस्पताल से निकलने के दौरान तीसरे बच्चे ने भी दम तोड़ दिया. इस घटना से नाराज लोगों ने हंगामा किया.

चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप
गार्डेना गली निवासी नेहा देवी का कहना है कि रविवार को उसे बच्चा हुआ था. बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य था. लेकिन मंगलवार की अहले सुबह बच्चे को सुई लगाई गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. बताया कि बच्चे की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हुई है. बच्चा होने के बाद वहां नर्स के द्वारा एक - एक हजार रुपये भी लिया गया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे की मौत हो गई. इसी तरह का आरोप राधा देवी के पति सुधीर ठाकुर का भी है. सुधीर का कहना है कि चिकित्सक लापरवाही नहीं करते तो यह स्थिति नहीं होती.

ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री के रूप में राहुल गांधी को ही महागठबंधन देखना चाहती है: कांग्रेस

पुलिस ने मामला शांत कराया
इधर, डॉ गोविंद प्रसाद का कहना है कि लापरवाही नहीं बरती गई. बच्चों को बचाने का प्रयास किया गया. वहीं मामले की सूचना पर पचंबा थाना प्रभारी शर्मानंद सिंह पहुंचे और मामले की जांच की.

Intro:Body:

44


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.