बगोदर/गिरिडीहः जीटी रोड़ चौड़ीकरण के लिए बगोदर प्रखंड के गांव में जीटी रोड़ किनारे की जमीन अधिग्रहण कर लिया गया था. जहां सर्वे कर लोगों को मुआवजा भी दिया गया था. लेकिन अब इस सर्वे में अनियमितता के परत दर परत मामले उजागर हो रहे है, साथ ही उचित मुआवजा की मांग को लेकर रैयतों का संघर्ष जारी है.
सर्वे के अनुसार, अटका ही एक गांव है जहां सड़क किनारे की जमीन को कृषि भूमि के रूप में दिखाकर मुआवजा भुगतान के लिए नोटिस भेजा गया था. लेकिन प्रभावित भू स्वामियों के द्वारा मुआवजा लेने से इनकार किया जा रहा है. सर्वे में बरती गई भारी अनियमितता के मामले को लेकर भू-रैयतों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
नए मामले का उजागर
जानकारी के अनुसार, हरिहरधाम के पास सर्वे में अनियमितता का एक नया मामला सामने आया है. जहां जीटी रोड़ बायपास के क्रम में चार-पांच आवासों का अधिग्रहण किया गया था जिसमें एक ध्रुवनारायण सिंह का भी आवास था. लेकिन उनके आवास को सर्वे में आवासीय के बजाए कृषि भूमि दर्शाया गया है और उसी के आधार पर मुआवजा राशि भी निर्धारित की गई है. लेकिन ध्रुवनारायण सिंह के परिजन मुआवजा लेने से इनकार कर रहें है, जबकि प्रशासन के द्वारा मकान को खाली करने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है.
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नहीं मिल रहा न्याय
पीड़ित ध्रुवनारायण सिंह नें मामले की शिकायत कोर्ट में दर्ज कराई और सीएम से भी बात की, लेकिन परिवार को अब तक इंसाफ नहीं मिला पा रहा है. जिससे परिवार के सभी सदस्य आहत हैं. परिवार का कहना है कि अगल-बगल के मकान, जो उनके मकान बनने के काफी दिनों के बाद बना था उसे आवासीय दर पर मुआवजा भी दे दिया गया और उनलोगों के द्वारा स्वेच्छा से घर भी खाली कर दी गई है.