गांडेय, गिरिडीह: बहुचर्चित राजद नेता कैलाश यादव हत्याकांड का मुख्य आरोपी सुखदेव राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. आरोपी निलंबित मुखिया की गिरफ्तारी शहरी क्षेत्र के चैताडीह से की गई है. गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने पुलिसिया पूछताछ में कई राज उगले हैं. जानकारी के बाद पुलिस टीम हत्याकांड में शामिल मुखिया पुत्र राजेश राय और मुकेश राय की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है.
पुलिस के सामने उगले कई राज
बताया गया कि आरोपी मुखिया सुखदेव राय को चैताडीह पानी टंकी के पास स्थित सोमर राणा के घर से गिरफ्तार किया गया है. गुप्त सूचना के आधार पर एसडीपीओ कुमार गौरव के नेतृत्व में बेंगाबाद थाना प्रभारी दीपक कुमार सदलबल छापेमारी में शामिल थे. आरोपी मुखिया को गुरुवार की शाम गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद थाने में उससे कड़ी पूछताछ की गई. पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां प्राप्त हुई हैं. शुक्रवार को उसे जेल भेज दिया गया. पुलिस का दावा है कि जल्द ही हत्यकांड में शामिल मुखिया पुत्र राजेश राय और उसके भाई मुकेश राय को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पुलिस टीम उन दोनों आरोपियों के बेहद करीब पहुंच चुकी है.
पुलिस को चकमा देकर हुआ था फरार
जानकारी देते हुए बेंगाबाद थाना प्रभारी ने बताया कि 25 अगस्त को घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मुखिया सुखदेव राय अपने नातेदारों के घर सरिया और मधुबन में छुपा था. तीन दिन पूर्व मुखिया पुत्र विक्की राय की गिरफ्तारी मधुबन से की गई थी, जबकि मुख्य आरोपी सुखदेव राय रात के अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गया था, जिसके बाद उसके चैताडीह में होने की सूचना मिली.
सरेंडर का मन बना रहा था आरोपी
वहीं, सूत्रों के मुताबिक मुख्य आरोपी सुखदेव राय गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर करने के इरादे से गिरिडीह पहुंचा था, जबकि एसआईटी की टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए चप्पे चप्पे पर नजर बनाई हुई थी. पुलिस की सतर्कता देख वह न्यायलय नहीं पहुंचा, जिसके बाद उसने चैताडीह में पनाह ली, जहां से उसे दबोचा गया.
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दो नामजद आरोपी फरार
बता दें कि 25 अगस्त को बेंगाबाद थाना क्षेत्र के मोतिलेदा में राजद जिला उपाध्यक्ष कैलाश यादव और भाजपा नेता इन्द्रलाल वर्मा पर जानलेवा हमला हुआ था. इस घटना में कैलाश यादव की मौत अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गयी थी. घटना के बाद आरोपी मुखिया सुखदेव राय, उसका पुत्र राजेश राय, मुकेश राय, विक्की राय समेत छह नामजद और अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था. वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी फरार चल रहे थे. एसपी अमित रेणु के निर्देश पर एसआईटी का गठन कर पुलिस टीम आरोपियों की गिरफ्तारी में दिन रात लगी हुई थी.