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लापता इंस्पेक्टर को ढूंढने में NDRF हुई फेल, अपराधी भी पुलिस पकड़ से बाहर

गिरिडीह से एक जुलाई की शाम से लापता हुए सीसीएल के सुरक्षा इंस्पेक्टर जेपी सिंह का अबतक कुछ पता नहीं चल सका है. अंदेशा है कि उनकी हत्या कर बंद माइंस में शव को फेंक दिया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंस्पेक्टर जेपी सिंह की तलाश
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Published : Jul 5, 2019, 7:58 AM IST

गिरिडीह: सोमवार की रात से रहस्यमय ढंग से लापता हुए सीसीएल के सुरक्षा इंस्पेक्टर जेपी सिंह का चौथे दिन भी सुराग नहीं मिल सका है. लापता होने के बाद अब तक मिले सुराग के आधार पर यह माना जा रहा है कि इंस्पेक्टर की हत्या कर दी गई और शव को सीसीएल के बंद पड़े अंडरग्राउंड माइंस में फेंक दिया गया है.

4 दिन बाद भी लापता इंस्पेक्टर का सुराग नहीं

एनडीआरएफ ने किए हाथ खड़े
इसके बाद मंगलवार की दोपहर से ही उक्त माइंस के अंदर जाने का प्रयास सीसीएल कर्मी करते रहे. बंद माइंस के 6-7 सौ फीट गहरा रहने और 4 सौ फीट से अधिक पानी रहने के कारण स्थानीय कर्मी, गोताखोर नाकाम रहे. ऐसे में गुरुवार को रांची से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. 17 सदस्यीय इस टीम ने प्रयास तो किया लेकिन गहराई के कारण टीम के सदस्यों ने हाथ खड़ा कर दिया और साफ कह दिया कि इस खदान के अंदर दाखिल होना और शव को ढूंढना उनके बस की बात नहीं.

प्रशासन की चिंता बढ़ी
एनडीआरएफ के फेल रहने के बाद स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ गई है. वहीं परिजन भी हताश और निराश दिख रहे हैं. बेटे मनीष कह रहे हैं कि जिस हालात में ही सही कम से कम उनके लापता पिता मिले तो. गुरुवार को इंस्पेक्टर के परिजन और ग्रामीण एसपी से भी मिले और इस कांड में शामिल रहे अपराधियों को ढूंढने की गुहार लगाई.

लगातार छापेमारी
वहीं, घटना के बाद से पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. इस मामले में अभी तक 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया है. दो युवकों की पहचान भी की गई है, जिनके इस घटना में शामिल रहने की बात कही जा रही है.

एसआईटी गठित
सीसीएल के गायब सुरक्षा निरीक्षक जयप्रकाश सिंह उर्फ भोला सिंह के मामले के उद्भेदन और अपराधियों की धर पकड़ को लेकर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने एसआईटी गठित कर दिया है. एसआईटी का गठन एसडीपीओ सदर जीतबाहन उरांव की अगुवाई में किया गया है.

एक जुलाई से हैं लापता
बता दें कि एक जुलाई की शाम भोला सिंह बाइक से मुफ्फसिल थाना विभागीय कार्य से आए थे. पर वे अपने घर नहीं पहुंचे. रात 10 बजे के बाद से ही उनकी खोज मुफ्फसिल पुलिस और सीसीएल सुरक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से शुरू कर दी गई पर कुछ पता नहीं चला. अगले दिन 2 जुलाई को सुबह फिर मुफ्फसिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर पुलिस अधिकारियों के साथ तफ्तीश में निकले तो बनियाडीह डंप यार्ड के पास पहाड़ी के ठीक नीचे लापता भोला सिंह का चप्पल मिला. वहां खून का धब्बा भी मिला.

ये भी पढ़ें- एक साल से गायब हैं तीन बच्चे, अब ATS करेगी तलाश में सीआईडी की मदद

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
इसके बाद खोजी कुत्ता के सहारे पुलिस भदुआ पहाड़ी के ठीक पीछे स्थित बंद पड़े चानक के पास पहुंची. वहां भोला का रूमाल, चाकू, तकिया का खोल और खून से लथपथ एक कागज मिला. मंगलवार से ही पुलिस और सीसीएल संयुक्त रूप से चानक में भोला सिंह और उनकी बाइक की खोज में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं, जो अब तक जारी है.

गिरिडीह: सोमवार की रात से रहस्यमय ढंग से लापता हुए सीसीएल के सुरक्षा इंस्पेक्टर जेपी सिंह का चौथे दिन भी सुराग नहीं मिल सका है. लापता होने के बाद अब तक मिले सुराग के आधार पर यह माना जा रहा है कि इंस्पेक्टर की हत्या कर दी गई और शव को सीसीएल के बंद पड़े अंडरग्राउंड माइंस में फेंक दिया गया है.

4 दिन बाद भी लापता इंस्पेक्टर का सुराग नहीं

एनडीआरएफ ने किए हाथ खड़े
इसके बाद मंगलवार की दोपहर से ही उक्त माइंस के अंदर जाने का प्रयास सीसीएल कर्मी करते रहे. बंद माइंस के 6-7 सौ फीट गहरा रहने और 4 सौ फीट से अधिक पानी रहने के कारण स्थानीय कर्मी, गोताखोर नाकाम रहे. ऐसे में गुरुवार को रांची से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. 17 सदस्यीय इस टीम ने प्रयास तो किया लेकिन गहराई के कारण टीम के सदस्यों ने हाथ खड़ा कर दिया और साफ कह दिया कि इस खदान के अंदर दाखिल होना और शव को ढूंढना उनके बस की बात नहीं.

प्रशासन की चिंता बढ़ी
एनडीआरएफ के फेल रहने के बाद स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ गई है. वहीं परिजन भी हताश और निराश दिख रहे हैं. बेटे मनीष कह रहे हैं कि जिस हालात में ही सही कम से कम उनके लापता पिता मिले तो. गुरुवार को इंस्पेक्टर के परिजन और ग्रामीण एसपी से भी मिले और इस कांड में शामिल रहे अपराधियों को ढूंढने की गुहार लगाई.

लगातार छापेमारी
वहीं, घटना के बाद से पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. इस मामले में अभी तक 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया है. दो युवकों की पहचान भी की गई है, जिनके इस घटना में शामिल रहने की बात कही जा रही है.

एसआईटी गठित
सीसीएल के गायब सुरक्षा निरीक्षक जयप्रकाश सिंह उर्फ भोला सिंह के मामले के उद्भेदन और अपराधियों की धर पकड़ को लेकर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने एसआईटी गठित कर दिया है. एसआईटी का गठन एसडीपीओ सदर जीतबाहन उरांव की अगुवाई में किया गया है.

एक जुलाई से हैं लापता
बता दें कि एक जुलाई की शाम भोला सिंह बाइक से मुफ्फसिल थाना विभागीय कार्य से आए थे. पर वे अपने घर नहीं पहुंचे. रात 10 बजे के बाद से ही उनकी खोज मुफ्फसिल पुलिस और सीसीएल सुरक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से शुरू कर दी गई पर कुछ पता नहीं चला. अगले दिन 2 जुलाई को सुबह फिर मुफ्फसिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर पुलिस अधिकारियों के साथ तफ्तीश में निकले तो बनियाडीह डंप यार्ड के पास पहाड़ी के ठीक नीचे लापता भोला सिंह का चप्पल मिला. वहां खून का धब्बा भी मिला.

ये भी पढ़ें- एक साल से गायब हैं तीन बच्चे, अब ATS करेगी तलाश में सीआईडी की मदद

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
इसके बाद खोजी कुत्ता के सहारे पुलिस भदुआ पहाड़ी के ठीक पीछे स्थित बंद पड़े चानक के पास पहुंची. वहां भोला का रूमाल, चाकू, तकिया का खोल और खून से लथपथ एक कागज मिला. मंगलवार से ही पुलिस और सीसीएल संयुक्त रूप से चानक में भोला सिंह और उनकी बाइक की खोज में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं, जो अब तक जारी है.

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गिरिडीह। सोमवार की रात से रहस्यमय ढंग से लापता हुवे सीसीएल के सुरक्षा इंस्पेक्टर जेपी सिंह का चौथे दिन भी सुराग नहीं मिल सका है. लापता होने के बाद अब तक मिले सुराग के आधार पर यह माना जा रहा है कि इंस्पेक्टर की हत्या कर दी गयी और शव को सीसीएल के बन्द पड़े अंडरग्राउंड माइंस में फेंक दिया गया. इसके बाद मंगलवार की दोपहर से ही उक्त माइंस के अंदर जाने का प्रयास सीसीएल कर्मी करते रहे. बन्द माइंस के 6-7 सौ फीट गहरा रहने व 4 सौ फीट अधिक पानी रहने के कारण स्थानीय कर्मी, गोताखोर नाकाम रहे. ऐसे में गुरुवार को रांची से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया. 17 सदस्यीय इस टीम ने प्रयास तो किया लेकिन गहराई के कारण टीम के सदस्यों ने हाथ खड़ा के दिया और साफ कह दिया कि इस खदान के अंदर दाखिल होना और शव को ढूंढना उनके बस की बात नहीं.






Body:एनडीआरएफ के फेल रहने के बाद स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ गयी है. वहीं परिजन भी हताश व निराश दिख रहे हैं. पुत्र मनीष कह रहे हैं कि जिस हालात में ही सही कम से कम उनके लापता पिता मिले तो. गुरुवार को इंस्पेक्टर के परिजन व ग्रामीण एसपी से भी मिले और इस कांड में शामिल रहे अपराधियों को ढूंढने की गुहार लगायी है.

वहीं घटना के बाद से पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. इस मामले में अभी तक 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया है. दो युवकों की पहचान भी की गई है जिनके इस घटना में शामिल रहने की बात कही जा रही है.

सुरक्षा निरीक्षक की बरामदगी को ले एसआईटी गठित
सीसीएल के गायब सुरक्षा निरीक्षक जयप्रकाश सिंह उर्फ भोला सिंह के मामले उद्भेदन व अपराधियों के धर पकड़ को लेकर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने एसआईटी गठित कर दी है. एसआईटी का गठन एसडीपीओ सदर जीतबाहन उरांव की अगुवाई में किया गया है. एसआईटी में उरांव के अलावा डीएसपी वन मुख्यालय नवीन कुमार सिंह, मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर एवं नगर थाना प्रभारी आदिकांत महतो को शामिल किया गया है. इसके अलावा गाण्डेय के पुलिस निरीक्षक जितेंद्र ठाकुर भी इस मामले में अनुसंधान में सहयोग कर रहे हैं. बतातें चलें कि एक जुलाई की संध्या भोला सिंह बाइक से मुफस्सिल थाना विभागीय कार्य से आए थे परंतु वे अपने घर नहीं पहुंचे. रात 10 बजे के बाद से ही उनकी खोज मुफस्सिल पुलिस व सीसीएल सुरक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से शुरू कर दी गयी परंतु कुछ पता नहीं चला. अगले दिन 2 जुलाई को सुबह पुन: मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर पुलिस अधिकारियों के साथ तफ्तीश में निकले तो बनियाडीह डंप यार्ड के पास पहाड़ी के ठीक नीचे लापता भोला सिंह का चप्पल मिला. वहां खून का धब्बा भी मिला. इसके बाद खोजी कुत्ता के सहारे पुलिस भदुआ पहाड़ी के ठीक पीछे स्थित बंद पड़े चानक के पास पहुंची. वहां भोला का रूमाल, चाकू, तकिया का खोल एवं खून से लथपथ एक कागज मिला. मंगलवार से ही पुलिस एवं सीसीएल संयुक्त रूप से चानक में भोला सिंह व उनकी बाइक की खोज में रेस्कयू ऑपरेशन चला रहे हैं जो अब तक जारी है.Conclusion:बाईट 1: मो कमाल, इंस्पेक्टर, एनडीआरएफ
बाइट 2: मनीष, लापता इंस्पेक्टर का पुत्र
बाइट 3: जीतबाहन उरांव, एसडीपीओ
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