गिरिडीह/बगोदर: भू- रैयतों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया और कहा यह आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक न्याय नहीं मिल जाता है. साथ ही मांगों को पूरा करने में स्थानीय सांसद- विधायक से मिलकर सहयोग करने की अपील करने का भी निर्णय लिया गया.
भू- रैयतों का आरोप है कि जीटी रोड सिक्स लेन के लिए सरकारी स्तर पर सड़क किनारे की जमीन अधिग्रहित की जा रही है. भू- रैयतों का कहना है कि मकान बने जमीन को भी सर्वे में कृषि योग्य जमीन के रूप में दिखाया गया है. इसी को लेकर भू- रैयत विरोध कर रहें हैं. उनका कहना है कि बगोदर प्रखंड के 28 गांव से होकर जीटी रोड गुजरती है. जहां 27 गांवों में रहने वाले भू- रैयतों को आवासीय दर पर मुआवजा का भुगतान कर दिया गया है.
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रैयतों ने कहा कि प्रखंड के अटका ही एक ऐसा पंचायत है जहां सड़क किनारे की जमीन को सर्वे में कृषि दर्शाया गया है और उसी के आधार पर मुआवजा राशि निर्धारित की गई है. उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर कृषि भूमि को आवासीय का दर्जा नहीं दिया जाएगा तो लोग अपनी जान दे देंगे पर जमीन नहीं देंगे.