गिरिडीह: तिसरी प्रखंड के लक्ष्मीबथान गांव के लोग अब भी आदिम युग में जी रहे हैं. इस गांव में सड़क तो क्या पगडंडी भी नहीं है. वहीं जिले के 350 गांव सड़क सें वंचित है. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री और कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी ने गांव के पिछड़ेपन के लिए राज्य की हेमंत सरकार को जिम्मेवार ठहराया.
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राज्य सरकार का नहीं मिल रहा सहयोग: सांसद अन्नपूर्णा देवी का कहना है कि लक्ष्मीबथान जैसे गांव की बदहाली दूर हो इसे लेकर केंद्र सरकार अपने स्तर पर काम करती है. लेकिन राज्य की हेमंत सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा साफ कहा गया है कि राज्य सरकार प्रस्ताव भेजे तो काम होगा. सड़क को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा कि राज्य सरकार प्रस्ताव भेजेगी तो पूरा सहयोग होगा. इसके बावजूद राज्य की हेमंत सरकार योजनाओं का प्रस्ताव भेज ही नहीं रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि झारखंड के अधिकारी राज्य सरकार की बात ही नहीं मां रहे हैं. उक्त बातें अन्नपूर्णा देवी ने बगोदर में कही.
लक्ष्मीबथान गांव बदहाल: यहां बता दें कि तिसरी प्रखंड का लक्ष्मीबथान गांव पूरी तरह से बदहाल है. यहां पर सड़क है ही नहीं. सड़क नहीं रहने के कारण डेढ़ वर्ष पूर्व सूरजी नामक गर्भवती महिला की मौत घर सें खाट पर अस्पताल लाने के क्रम में हो गई थी. इस घटना को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद अधिकारी सें लेकर नेता तक गांव पहुंचे थे. गांव के विकास की बात कही गई थी लेकिन डेढ़ वर्ष बाद भी इस गांव की स्थिति जस की तस बनी हुई है. इस बार पुनः ईटीवी भारत ने यहां की समस्या को लेकर खबर प्रकाशित की है. चूंकि यह गांव कोडरमा संसदीय क्षेत्र में आता है ऐसे में यहां का प्रतिनिधित्व कर रही सांसद अन्नपूर्णा देवी को इस गांव की बदहाली के प्रति आकृष्ट किया गया. बता दें कि गिरिडीह जिले के 350 ऐसे गांव हैं जहां सड़क नहीं है. बगोदर से भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने इस मामले को उठाया है.