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20 साल बाद भी आंदोलनकारियों की नहीं ली गई सुध, पेंशन की मांग को लेकर झारखंड आंदोलनकारियों ने दिया धरना - झारखंड आंदोलनकारी का धरना प्रदर्शन

गिरिडीह के बगोदर में झारखंड आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि झारखंड अलग हुए 20 साल हो गए, लेकिन अभी तक झारखंड आंदोलनकारियों की सुध नहीं ली गई.

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झारखंड आंदोलनकारी
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Published : Nov 16, 2020, 12:57 PM IST

बगोदर, गिरिडीह: झारखंड निर्माण के 20 साल बाद भी आंदोलनकारियों की सरकार के द्वारा सुध नहीं लिए जाने पर झारखंड निर्माण के आंदोलनकारियों में नाराजगी है. आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर बगोदर में उपवास रखकर धरना दिया. इसके माध्यम से आंदोलनकारियों की सुध लेने की मांग सरकार से की गई.

देखिए पूरी खबर

इस दौरान कहा गया कि उनकी मांगों को अगर पूरा नहीं किया जाता है तब चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. धरना पर बैठे आंदोलनकारी रूपलाल चौधरी ने कहा कि झारखंड के साथ अलग राज्य उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ का निर्माण भी हुआ था, लेकिन उन दोनों राज्यों के आंदोलनकारियों को पेंशन सहित आवास की भी सरकार के द्वारा सुविधा दी गई है.

ये भी पढे़ं: सुशील मोदी का छलका दर्द, कहा- कोई नहीं छीन सकता कार्यकर्ता का पद

झारखंड के आंदोलनकारी पेंशन की आस में अब तक बैठे हुए हैं. अब जब झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार भी बन गई है तब आंदोलनकारियों को उम्मीद थी कि अब उनकी मांगें पूरी होगी. सरकार गठन के एक साल होने को है इस दिशा में सरकार के द्वारा किसी तरह से कोई पहल भी नहीं दिख रही है. उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड आंदोलनकारियों को सुविधाएं देने की मांग की गई.

बगोदर, गिरिडीह: झारखंड निर्माण के 20 साल बाद भी आंदोलनकारियों की सरकार के द्वारा सुध नहीं लिए जाने पर झारखंड निर्माण के आंदोलनकारियों में नाराजगी है. आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर बगोदर में उपवास रखकर धरना दिया. इसके माध्यम से आंदोलनकारियों की सुध लेने की मांग सरकार से की गई.

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इस दौरान कहा गया कि उनकी मांगों को अगर पूरा नहीं किया जाता है तब चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. धरना पर बैठे आंदोलनकारी रूपलाल चौधरी ने कहा कि झारखंड के साथ अलग राज्य उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ का निर्माण भी हुआ था, लेकिन उन दोनों राज्यों के आंदोलनकारियों को पेंशन सहित आवास की भी सरकार के द्वारा सुविधा दी गई है.

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झारखंड के आंदोलनकारी पेंशन की आस में अब तक बैठे हुए हैं. अब जब झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार भी बन गई है तब आंदोलनकारियों को उम्मीद थी कि अब उनकी मांगें पूरी होगी. सरकार गठन के एक साल होने को है इस दिशा में सरकार के द्वारा किसी तरह से कोई पहल भी नहीं दिख रही है. उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड आंदोलनकारियों को सुविधाएं देने की मांग की गई.

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