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गिरिडीह के पूर्व विधायक ने चार बेटों पर दर्ज कराया FIR, बेटी के घर रहने को मजबूर ओमीलाल

गिरिडीह के पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद अपने बेटों से परेशान होकर अपने चार बेटों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि संपति विवाद को लेकर उनके बेटे उन्हें परेशान कर रहे हैं.

ओमीलाल आजाद, पूर्व विधायक
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Published : Oct 12, 2019, 10:47 AM IST

गिरिडीह: पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद अपने बेटों से परेशान होकर खुद के बनाए मकान में नहीं रह पा रहे हैं. उन्हें हमेशा यह भय बना रहता है कि कब-कहां वे लोग उन्हें पकड़कर फिर कैदी बना लेगें और यातनाएं देकर अपना मनचाहा काम होने के बाद उन्हें जान से मार देंगे.

Former MLA lodged case against sons, ओमीलाल आजाद ने बेटों पर दर्ज कराया मामला
ओमीलाल आजाद, पूर्व विधायक

बेटी-दामाद के घर रह रहे हैं ओमीलाल आजाद
दरअसल, उनके चारों बेटे संपति अपने नाम लिखने के लिए धमकी दे रहे हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से 1985-1990 में गिरिडीह के विधायक रहे. 82 वर्षीय आजाद फिलवक्त अपने बेटी माधुरी देवी के पति अशोक कुमार लेहरी के घर बिहार के जमुई जिले के चकाई बाजार में रह रहे हैं. आजाद गिरिडीह के नगर थाना क्षेत्र के आजाद भवन गद्दी मुहल्ला के रहने वाले हैं. आजाद ने अपने चार पुत्रों के विरूद्ध बाध्य होकर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. नगर थाना प्रभारी आदिकांत महतो ने इस मामले के अनुसंधान की जिम्मेवारी एएसआई प्रदीप कुमार सिंह को सौंपा है.

ये भी पढ़ें- गठबंधन को लेकर सुबोधकांत को नहीं दी गई है कोई जिम्मेदारी, JMM है बड़ी पार्टी: रामेश्वर उरांव

बेटियों को भी संपति देना चाहते हैं आजाद
प्राथमिकी में पूर्व विधायक ने कहा है कि वे अपनी संपति चार बेटों और चार बेटियों को अपने कानूनी उतराधिकारी के रूप में देना चाहता हूं. इसलिए मेरे चारों बेटे मेरे विरूद्ध होकर मुझे शारीरिक और मानसिक यातनाएं देते हैं. इसी क्रम में 16 से 18 अक्टूबर 2018 को मुझे मेरे कमरे में बंदी बनाकर मेरा सारा सामान छीनकर अने कब्जे में कर लिया और मुझ पर जोर देकर कहने लगा कि सारी संपति चारों बेटों के नाम लिख दो नहीं तो जान से मार देंगे. उनके इस अपराधी कार्रवाई की सूचना मेरे एक शुभचिंतक ने फोन पर उनकी आदित्यपुर में रहने वाली बेटी को दी. इस पर बेटी नीतू देवी ने गिरिडीह नगर थाना को दिनांक 17 अक्तूबर 2018 को सूचित किया और मेरी बेटियों और दामाद के साथ दिनांक 18 अक्तूबर 2018 को गिरिडीह नगर थाना पुलिस आयी और उन्हें कैद से मुक्त कराया.

कैद से मुक्त होने के बाद रहना किया बंद
इस प्राथमिकी में कहा गया है कि कैद से मुक्त होने के बाद उन्होंने अपने बेटों के साथ रहना बंद कर दिया और बारी-बारी से चारों बेटियों के साथ वे रह रहे हैं. परंतु उनका सारा कीमती सामान जैसे 20 भरी सोना का जेवर और जमीन संबंधी सभी दस्तावेजों की फाइलें आलमारियों में रखा है. उन्हें संपति नहीं लिखने पर जान से हाथ धोने की धमकी मिल रही है.

ये भी पढ़ें- उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन ने लिया तैयारियों का जायजा, जल्द झारखंड आएगी इलेक्शन कमीशन की टीम

किराएदार को धमकाकर वसूल ले रहे किराया
प्राथमिकी में आजाद ने कहा है कि गद्दी मुहल्ला में उनका मकान और दुकान है. दो दुकान राम रतन राम कपिश्वे को प्रतिमाह 3300 रुपए के किराए पर दिया हुआ है. दिसंबर 2018 तक उस किराएदार ने किराए की रकम का भुगतान उन्हें कर दिया है. जनवरी 2019 से दुकान के किराए की रकम मेरे चारों बेटों ने किराएदार को डरा धमका कर उन्हें भुगतान करने से मना कर दिया और वे लोग किराएदार से किराया वसूल रहे हैं.

पूर्व विधायक ने कांड संख्या 248/19 धारा 347/387/384/406/34 भादवि के तहत यह मामला दर्ज किया गया है. प्राथमिकी में आजाद ने कहा है कि उनके आठ संतान हैं, चार बेटे और चार बेटियां हैं. बेटों में अशोक कुमार, अरूण कुमार, रतन कुमार और बेटियों में शशि देवी, माधुरी देवी, नीलम देवी और नीतू देवी है.

गिरिडीह: पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद अपने बेटों से परेशान होकर खुद के बनाए मकान में नहीं रह पा रहे हैं. उन्हें हमेशा यह भय बना रहता है कि कब-कहां वे लोग उन्हें पकड़कर फिर कैदी बना लेगें और यातनाएं देकर अपना मनचाहा काम होने के बाद उन्हें जान से मार देंगे.

Former MLA lodged case against sons, ओमीलाल आजाद ने बेटों पर दर्ज कराया मामला
ओमीलाल आजाद, पूर्व विधायक

बेटी-दामाद के घर रह रहे हैं ओमीलाल आजाद
दरअसल, उनके चारों बेटे संपति अपने नाम लिखने के लिए धमकी दे रहे हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से 1985-1990 में गिरिडीह के विधायक रहे. 82 वर्षीय आजाद फिलवक्त अपने बेटी माधुरी देवी के पति अशोक कुमार लेहरी के घर बिहार के जमुई जिले के चकाई बाजार में रह रहे हैं. आजाद गिरिडीह के नगर थाना क्षेत्र के आजाद भवन गद्दी मुहल्ला के रहने वाले हैं. आजाद ने अपने चार पुत्रों के विरूद्ध बाध्य होकर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. नगर थाना प्रभारी आदिकांत महतो ने इस मामले के अनुसंधान की जिम्मेवारी एएसआई प्रदीप कुमार सिंह को सौंपा है.

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बेटियों को भी संपति देना चाहते हैं आजाद
प्राथमिकी में पूर्व विधायक ने कहा है कि वे अपनी संपति चार बेटों और चार बेटियों को अपने कानूनी उतराधिकारी के रूप में देना चाहता हूं. इसलिए मेरे चारों बेटे मेरे विरूद्ध होकर मुझे शारीरिक और मानसिक यातनाएं देते हैं. इसी क्रम में 16 से 18 अक्टूबर 2018 को मुझे मेरे कमरे में बंदी बनाकर मेरा सारा सामान छीनकर अने कब्जे में कर लिया और मुझ पर जोर देकर कहने लगा कि सारी संपति चारों बेटों के नाम लिख दो नहीं तो जान से मार देंगे. उनके इस अपराधी कार्रवाई की सूचना मेरे एक शुभचिंतक ने फोन पर उनकी आदित्यपुर में रहने वाली बेटी को दी. इस पर बेटी नीतू देवी ने गिरिडीह नगर थाना को दिनांक 17 अक्तूबर 2018 को सूचित किया और मेरी बेटियों और दामाद के साथ दिनांक 18 अक्तूबर 2018 को गिरिडीह नगर थाना पुलिस आयी और उन्हें कैद से मुक्त कराया.

कैद से मुक्त होने के बाद रहना किया बंद
इस प्राथमिकी में कहा गया है कि कैद से मुक्त होने के बाद उन्होंने अपने बेटों के साथ रहना बंद कर दिया और बारी-बारी से चारों बेटियों के साथ वे रह रहे हैं. परंतु उनका सारा कीमती सामान जैसे 20 भरी सोना का जेवर और जमीन संबंधी सभी दस्तावेजों की फाइलें आलमारियों में रखा है. उन्हें संपति नहीं लिखने पर जान से हाथ धोने की धमकी मिल रही है.

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किराएदार को धमकाकर वसूल ले रहे किराया
प्राथमिकी में आजाद ने कहा है कि गद्दी मुहल्ला में उनका मकान और दुकान है. दो दुकान राम रतन राम कपिश्वे को प्रतिमाह 3300 रुपए के किराए पर दिया हुआ है. दिसंबर 2018 तक उस किराएदार ने किराए की रकम का भुगतान उन्हें कर दिया है. जनवरी 2019 से दुकान के किराए की रकम मेरे चारों बेटों ने किराएदार को डरा धमका कर उन्हें भुगतान करने से मना कर दिया और वे लोग किराएदार से किराया वसूल रहे हैं.

पूर्व विधायक ने कांड संख्या 248/19 धारा 347/387/384/406/34 भादवि के तहत यह मामला दर्ज किया गया है. प्राथमिकी में आजाद ने कहा है कि उनके आठ संतान हैं, चार बेटे और चार बेटियां हैं. बेटों में अशोक कुमार, अरूण कुमार, रतन कुमार और बेटियों में शशि देवी, माधुरी देवी, नीलम देवी और नीतू देवी है.

Intro:गिरिडीह।
गिरिडीह के पूर्व विधायक ओमीलाल आजाद अपने बेटों के आतंकपूर्ण कार्रवाईयों से आशांकित होकर खुद के बनाए मकान में नहीं रह पा रहे हैं। उन्हें हमेशा यह भय बना रहा है कि कब-कहां वे लोग उन्हें पकड़कर फिर कैदी बना लेगें और यातनाएं देकर अपना मनचाहा काम होने के बाद मुझे जान से मार देगें। सारी सम्पत्ति चारों बेटे अपने नाम लिखने के लिए धमकी दे रहे हैं। भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी से 1985-1990 में गिरिडीह के विधायक रहे 82 वर्षीय आजाद फिलवक्त अपने बेटी माधुरी देवी पति अशोक कुमार लेहरी के घर बिहार के जमूई जिले के चकाई बाजार में रह रहे हैं। आजाद गिरिडीह के नगर थाना क्षेत्र के आजाद भवन गद्दी मुहल्ला के रहने वाले हैं। आजाद ने अपने चार पुत्रों के विरूद्घ बाध्य होकर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है। नगर थाना प्रभारी आदिकांत महतो ने इस मामले के अनुसंधान की जिम्मेवारी एएसआई प्रदीप कुमार सिंह को सौंपा है। कांड संख्या 248/19 धारा 347/387/384/406/34 भादवि के तहत यह मामला दर्ज किया गया है। Body:प्राथमिकी में आजाद ने कहा है कि उनके आठ संतान हैं। चार बेटे एवं चार बेटियां हैं। बेटों में अशोक कुमार, अरूण कुमार, रतन कुमार एवं बेटियों में शशि देवी, माधुरी देवी, नीलम देवी एवं नीतू देवी है।

बेटियों को भी सम्पत्ति देना चाहते हैं आजाद
प्राथमिकी में पूर्व विधायक ने कहा है कि वे अपनी संपत्ति चार बेटों और चार बेटियों को अपने कानूनी उतराधिकारी के रूप में देना चाहता हू। इसलिए मेरे चारों बेटे मेरे विरूद्घ होकर मुझे शारीरिक और मानसिक यातनाएं देते हैं। इसी क्रम में 16 से 18 अक्तूबर 2018 को मुझे मेरे कमरे में बंदी बनाकर मेरा सारा सामान छीनकर अने कब्जे में कर लिया और मुझ पर जोर देकर कहने लगा कि सारी सम्पत्ति चारों बेटों के नाम लिख दो नहीं तो जान से मार देगें। उनके इस अपराधी कायार्ें की सूचना मेरे एक शुभचिंतक ने फोन द्वारा उनकी आदित्यपुर में रहने वाली बेटी को दिया। इस पर बेटी नीतू देवी ने गिरिडीह नगर थाना को दिनांक - 17 अक्तूबर 2018 को सूचित किया और मेरी बेटियों और दामाद के साथ दिनांक - 18 अक्तूबर 2018 को गिरिडीह नगर थाना पुलिस आयी और उन्हें कैद से मुक्त कराया।Conclusion:कैद से मुक्त होने के बाद रहना किया बंद
प्राथमिकी में कहा गया है कि कैद से मुक्त होने के बाद वे अपने बेटों के साथ रहना बंद कर दिए और बारी-बारी से चारों बेटियों के साथ वे रह रहे हैं। परंतु उनका सारा कीमती सामान जैसे 20 भरी सोना का जेवर और जमीन संबंधी सभी दस्तावेजों की फाइलें आलमारियों में रखा है। उन्हेंने सम्पत्ति नहीं लिखने पर जान से हाथ धोने की धमकी मिल रही है।

किराएदार को धमकाकर वसूल ले रहे किराया
प्राथमिकी में आजाद ने कहा है कि गद्दी मुहल्ला में उनका मकान व दुकान है। दो दुकान राम रतन राम कपिश्वे को प्रतिमाह 3300 रूपए के किराए पर दिया हुआ है। दिसंबर 2018 तक उक्त किराएदार ने उक्त किराए की रकम का भुगतान उन्हें कर दिया है। जनवरी 2019 से दुकान के किराए की रकम मेरे चारों बेटों ने किराएदार को डरा धमका कर रंगदारी करके उन्हें भुगतान करने से मना कर दिया और वे लोग चारों उक्त किराए की रकम किराएदार से भुगतान ले रहे हैं।
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