रांची: पाकुड़ सदर अस्पताल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना के विरोध में राज्य भर के सरकारी डॉक्टरों ने कल 11 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. सरकारी डॉक्टरों के संगठन झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा) के सचिव ठाकुर डॉ मृत्युंजय सिंह ने प्रेस नोट जारी कर 11 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने लगातार डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और इसके लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स तक का गठन किया है, वहीं दूसरी तरफ झारखंड के सदर अस्पताल पाकुड़ में एक महीने में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ मारपीट की यह दूसरी घटना है. वहां का प्रशासन अपराधियों पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल रहा है और मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है.
पुलिस ने किया गुमराह
डॉ मृत्युंजय ने कहा कि 10 अक्टूबर को पाकुड़ जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पताल हड़ताल पर रहे, जिससे मरीज परेशान रहे. अब कल (11 अक्टूबर 2024) से डॉक्टर राज्यव्यापी कार्य बहिष्कार पर रहेंगे. उन्होंने कहा कि दबाव में आकर पुलिस प्रशासन ने अगस्त महीने में हुई मारपीट के आरोपी सोनाजोड़ी गांव के समद शेख को गिरफ्तार कर मामले को गुमराह करने का प्रयास किया है. दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर संगठन ने आंदोलन की स्थिति से बचने का पूरा प्रयास किया, लेकिन मारपीट के तीनों आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं होना उन्हें कड़ा निर्णय लेने को मजबूर करता है.
झासा अध्यक्ष डॉ पीपी शाह ने कहा कि अब सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा. चिकित्सकों के साथ हो रही मारपीट को लेकर संगठन काफी गंभीर है और यही कारण है कि 11:10:2024 से झारखंड राज्य के सभी सरकारी चिकित्सक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर रहेंगे, यह बहिष्कार तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक जारी रहेगा.
इमरजेंसी सेवा रहेगी चालू
झासा के सचिव ने कहा कि कार्य बहिष्कार के दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवा पूर्व की भांति चालू रहेगी. आज आईएमए (जेडीएन) के राष्ट्रीय स्थायी समिति के सदस्य डॉ सुशील कुमार सिंह की अध्यक्षता में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क की आपात बैठक हुई और उनसे भी आंदोलन में शामिल होने की अपेक्षा की गई है.
झासा सचिव डॉ मृत्युंजय सिंह ने कहा कि अगर हम स्वस्थ समाज की कल्पना करते हैं तो हमें डॉक्टरों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना होगा. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन इस जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता. प्रशासन को घटना के 24 घंटे के अंदर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर अपना कर्तव्य पूरा करना था. उन्होंने कहा कि कल से सरकारी डॉक्टरों का राज्यव्यापी कार्य बहिष्कार की पूरी जिम्मेदारी पाकुड़ के जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की होगी.
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