गिरिडीहः जिले के तिसरी में अभ्रख के अवैध खनन के दौरान हुए हादसे में दो मजदूरों की मौत के बाद कार्रवाई शुरू की गई है. इस मामले में अवैध खनन के मुख्य आरोपियों में से एक को गिरिडीह पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया है. इस बीच वन विभाग ने भी कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है. खनन हादसे को लेकर विभाग ने एफआईआर दर्ज किया है. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने गिरिडीह के डीएफओ प्रवेश अग्रवाल से बात की. डीएफओ ने बताया कि वन भूमि से अवैध खनन व परिवहन गंभीर अपराध है. इस बार तिसरी में हुए हादसे को काफी गंभीरता से लिया गया है.
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गैरजमानती धारा में हुआ मुकदमा
डीएफओ ने बताया कि खनन हादसे में दो लोगों की मौत के बाद जो प्राथमिकी दर्ज की गई है. उनमें कारू वर्णवाल, पिंटू वर्णवाल, शैलेंद्र प्रसाद, मुन्ना मोदी और कामेश्वर भारती को नामजद किया गया है. इनके खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 ( बिहार संशोधन 1989) की धारा 33, झारखंड वनोपज ( अभिवहन का विनियमन) नियमावली 2020 की धारा लगायी गयी है. यह सभी गैरजमानती धारा है. डीएफओ ने कहा कि इसके अलावा सभी अधिकारियों को साफ कहा गया है कि जहां भी अवैध खनन व परिवहन हो तो कार्रवाई भी होनी चाहिए.
ईडी को लिखेगा विभाग
डीएफओ ने बताया कि वन भूमि से खनन करके अभ्रख और पत्थर माफियाओं ने जो संपत्ति बनाई है उसका आकलन करने और कार्रवाई के लिए परिवर्तन निदेशालय को भी लिखा जाएगा. साथ ही कहा कि इसके अलावा अवैध खदानों में डोजरिंग भी बढ़ाई जायेगी.
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क्या है मामला
2 मार्च को तिसरी प्रखंड अंतर्गत मनसाडीह पंचायत के सक्सेकिया जंगल के पास रखवा माइका खदान में अवैध तौर पर अभ्रख निकालने के क्रम में हादसा हो गया था. इस खदान में हुए धंसान में दो युवक सतीश कुमार और रंजीत राय लगभग 500 फीट नीचे ही दब गए थे. इनकी लाश भी निकाली जा सकी थी. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए डीसी राहुल कुमार सिन्हा और एसपी अमित रेणू ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए थे. दोनों अधिकारियों के निर्देश पर तीन एफआईआर दर्ज की गई. इस मामले में एक आरोपी कारू वर्णवाल को लोकाय नयनपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है लेकिन बाकी चार आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से फरार हैं.