गिरिडीह: पारसनाथ की तराई में बसे उग्रवाद प्रभावित गांव टेसाफूली समेत सात गांव में मंगलवार की दोपहर एसपी सुरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में पुलिस की टीम पहुंची. यहां पर ग्रामीणों के बीच अनाज समेत कई तरह की राहत सामग्री बांटी गयी.
दरअसल सोमवार को एसपी को यह सूचना मिली थी की नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के जोनल कमिटी मेम्बर (10 लाख के इनामी) प्रशांत मांझी के गांव समेत आसपास के कई सुदूरवर्ती गांव के लोग अनाज की समस्या से जूझ रहे हैं. कइयों के पास अनाज नहीं है. इस जानकारी के बाद मंगलवार को एसपी दलबल के साथ टेसाफूली गांव पहुंचे. यहां पर ग्रामीणों के बीच अनाज का वितरण किया और मास्क, सेनेटाइजर भी दिया. एसपी ने लोगों से उनकी समस्या के बारे में बात भी की. इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्या से एसपी को रूबरू करवाया. कहा कि उनके पास अनाज की दिक्कत हो गयी है.
ये भी पढ़ें- रंगकर्मियों के लिए आगे आये पद्मश्री मुकुंद नायक, 7800 कलाकारों की करेंगे मदद
गरीबों का कराया गया इलाज
इस दौरान यहां के लोगों का हेल्थ चेकअप करवाते हुवे दवा भी दी. वहीं सैकड़ों लोगों को भोजन करवाया. इस दौरान एसपी ने लोगों से कहा कि किसी प्रकार की समस्या हो तो वे सीधे बात कर सकते हैं. मौके पर मौजूद एएसपी दीपक कुमार ने भी लोगों से कहा कि पुलिस हर वक्त लोगों की सेवा को तत्पर है. वहीं मंगलवार को वज्रपात से जिस किशोरी की मौत हुई थी उसके परिजनों से भी एसपी मिले और मदद की.
भटके लोगों को मुख्यधारा में लौटने की अपील
अनाज के वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया. वहीं एसपी ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी. यह भी कहा कि भटके हुए लोग भी यदि बीमार हैं और उन्हें भी कोई समस्या है तो वे सामने आए और मुख्यधारा से जुड़े.
ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में लापरवाही: जरूरतमंदों तक पहुचने वाले पैकेट्स में लगे कीड़े, अधिकारी बेपरवाह
नक्सलियों के भय से नहीं पहुंचते हैं सामाजिक कार्यकर्ता
यहां के लोगों ने बताया कि यह इलाका पूरी तरह नक्सल प्रभावित है. ऐसे में इस संकट की घड़ी में भी एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ता डर से अनाज बांटने यहां नहीं आ पा रहे हैं. इस स्थिति को देखते हुए एसपी ने स्थानीय पुलिस पदाधिकारी को साफ कहा कि वे इस इलाके के लोगों से संपर्क में रहे और कोई समस्या हो तो उसका निदान किया जाए.