गिरिडीहः सीसीएल के सहायक सुरक्षा इंस्पेक्टर भोला सिंह की हत्या अब प्रमाणित हो चुकी है. इस हत्याकांड का पर्याप्त सबूत एफएसएल रिपोर्ट के बाद पुलिस को मिल गया है. ऐसे में इस हत्या को अंजाम देनेवाले दोनों आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने की कवायद भी पुलिस ने शुरू कर दी है. दरअसल, 1 जुलाई 2019 को भोला सिंह रहस्यमय ढंग से लापता हो गए थे. उनकी गुमशुदगी के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की. सीसीएल के अधिकारी भी अपने स्तर से प्रयास करते रहे. घटना के 14 दिनों के बाद पुलिस ने इस कांड का उद्भेदन कर लिया था. इस मामले में मुफस्सिल पुलिस ने अगदोनी कला के पप्पू मरीक और नगर थाना क्षेत्र निवासी सोहेल शेख को गिरफ्तार किया था.
पूछताछ के बाद बरामद हुआ हथियार
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से तत्कालीन एसपी सुरेंद्र कुमार झा, डीएसपी नवीन कुमार सिंह और जीतवाहन उरांव के साथ इंस्पेक्टर रत्नेश मोहन ठाकुर और आदिकांत महतो ने कड़ी पूछताछ की थी. लंबी पूछताछ के बाद दोनों ने इस हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी और इनकी निशानदेही पर आग लगे कोयले के अवैध खदान से हड्डी भी बरामद की थी. वहीं, जिस हथियार से हत्या हुई थी उसकी भी बरामदगी की जा चुकी है. खून लगे हथियार के अलावा रुमाल, कपड़े, कागज और मिट्टी में मिले खून के सैंपल को पुलिस ने कलेक्ट किया था.
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बेटे के ब्लड से हुआ डीएनए टेस्ट
भोला सिंह की हत्या हो चुकी थी. ऐसे में चाकू और कपड़ों के साथ-साथ मिट्टी, कागज में मिले खून के धब्बों का डीएनए टेस्ट करवाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए मृतक के पुत्र मनीष सिंह का ब्लड का सैंपल लिया गया. ब्लड को डीएनए टेस्ट के लिए तो हड्डी को भी जांच लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला, रांची भेजा गया. अब एफएसएल ने जांच रिपोर्ट भेज दी है. चाकू के अलावा रुमाल, जूता के साथ-साथ कपड़े, कागज और मिट्टी में मिले खून मृतक के पुत्र मनीष सिंह से मैच करवाया गया है. मुफस्सिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर ने इसकी पुष्टि कर दी है.