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गिरिडीह: जीटी रोड का पानी खेतों में घुसने से धान की फसल बर्बाद, सड़क निर्माण कंपनी पर लगाया आरोप - गिरिडीह में धान की फसल नष्ट

गिरिडीह के घंघरी गांव में जीटी रोड का पानी खेतों में घुसने से धान की फसल बर्बाद हो गई है. जिससे किसानों में मायूसी छाई हुई है. किसानों ने रोड निर्माण कार्य करा रहे डीबीएल कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कंपनी से क्षतिपूर्ति की मांग की है.

crops destroyed due to GT Road water in Giridih
फसल बर्बाद
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Published : Jul 31, 2020, 9:04 AM IST

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड क्षेत्र में हुई मुसलाधार बारिश ने बेको पश्चिमी पंचायत के घंघरी के किसानों की मेहनत को बर्बाद कर दिया है. जीटी रोड का पानी खेतों में चले जाने से भारी मात्रा में धान की फसल बर्बाद हो गई. इससे किसानों में मायूसी छाई हुई है. फसल की बर्बादी के लिए जीटी रोड सिक्स लेन निर्माण कार्य करा रही डीवीएल कंपनी को किसानों ने जिम्मेवार ठहराया है. किसानों ने डीवीएल कंपनी से क्षतिपूर्ति की मांग की है.

देखें पूरी खबर

भुक्तभोगी किसानों का आरोप है कि लगभग 3 एकड़ में लगे धान की फसल रोड निर्माण कर रहे डीबीएल कंपनी की लापरवाही के कारण पानी में बह गये. रोड का निर्माण कर रहे कंपनी ने रोड के किनारे -किनारे बहुत बड़ा गटर या फिर कहें तो नाला का निर्माण किया है. इस गटर या नाले के पानी को घंघरी के किसानों के खेत में लाकर छोड़ दिया गया है. जिसके कारण लगभग 2 किलोमीटर दूर से आ रहे बारिश के पानी का तेज बहाव मेढ़ों को तोड़ते हुए किसानों की खेत में पहुंच रहा रहा है. जिससे वहां लगी फसल बर्बाद हो रही है.

ये भी देखें- रांची: एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद सदमे में था युवक, कुएं में मिली लाश

किसानों को लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये के धान की फसल और खेत की क्षति होने का अनुमान है. प्रभावित किसानों ने संबंधित सड़क निर्माण कंपनी से स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मुआवजा दिलाने की मांग की है.

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड क्षेत्र में हुई मुसलाधार बारिश ने बेको पश्चिमी पंचायत के घंघरी के किसानों की मेहनत को बर्बाद कर दिया है. जीटी रोड का पानी खेतों में चले जाने से भारी मात्रा में धान की फसल बर्बाद हो गई. इससे किसानों में मायूसी छाई हुई है. फसल की बर्बादी के लिए जीटी रोड सिक्स लेन निर्माण कार्य करा रही डीवीएल कंपनी को किसानों ने जिम्मेवार ठहराया है. किसानों ने डीवीएल कंपनी से क्षतिपूर्ति की मांग की है.

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भुक्तभोगी किसानों का आरोप है कि लगभग 3 एकड़ में लगे धान की फसल रोड निर्माण कर रहे डीबीएल कंपनी की लापरवाही के कारण पानी में बह गये. रोड का निर्माण कर रहे कंपनी ने रोड के किनारे -किनारे बहुत बड़ा गटर या फिर कहें तो नाला का निर्माण किया है. इस गटर या नाले के पानी को घंघरी के किसानों के खेत में लाकर छोड़ दिया गया है. जिसके कारण लगभग 2 किलोमीटर दूर से आ रहे बारिश के पानी का तेज बहाव मेढ़ों को तोड़ते हुए किसानों की खेत में पहुंच रहा रहा है. जिससे वहां लगी फसल बर्बाद हो रही है.

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किसानों को लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये के धान की फसल और खेत की क्षति होने का अनुमान है. प्रभावित किसानों ने संबंधित सड़क निर्माण कंपनी से स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मुआवजा दिलाने की मांग की है.

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