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खत्म होने के कगार पर है बदडीहा का बटाली उद्योग, सरकार नहीं दे रही ध्यान

गिरिडीह जिला मुख्यालय से लगभग 6 किमी की दूरी पर बदडीहा गांव स्थित है. लोहार जाति बाहुल्य इस गांव की पहचान बटाली उद्योग रहा है. लगभग 8 दशक से इस उद्योग से जुड़े सौ से अधिक परिवार लोहा का विभिन्न प्रकार औजार, कड़ाही समेत कई बर्तन बनाते रहे हैं, लेकिन आज ये अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.

बदडीहा का बटाली उद्योग
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Published : Sep 16, 2019, 7:19 PM IST

Updated : Sep 16, 2019, 8:09 PM IST

गिरिडीह: लोहा का औजार बनाकर कई राज्यों में पहचान बनानेवाला गिरिडीह का बटाली उद्योग इन दिनों अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. सौ से अधिक परिवार के घरों की रोटी का जुगाड़ करनेवाला यह लघु उद्योग से जुड़े लोगों को न तो काम मिल रहा है और न ही औजारों का उचित दाम मिल रहा है.

देखें स्पेशल स्टोरी


गिरिडीह जिला मुख्यालय से लगभग 6 किमी की दूरी पर बदडीहा गांव स्थित है. लोहार जाती बाहुल्य इस गांव की पहचान बटाली उद्योग रहा है. लगभग 8 दशक से इस उद्योग से जुड़े सौ से अधिक परिवार लोहा का विभिन्न प्रकार औजार, कड़ाही समेत कई बर्तन बनाते रहे हैं. यहां पर बने औजारों की मांग बंगाल, बिहार के अलावा कई प्रदेशों में रही है.


हाल के कुछ वर्षों से यह उद्योग बंदी के कगार पर आ चुका है. लोगों को काम नहीं मिल रहा है तो बनाए गए सामानों का उचित दाम भी नहीं मिल पा रहा है. कई कारीगर अब जहां-तहां मजदूरी कर अपने परिवार का पोषण कर रहे हैं. बावजूद इस उद्योग से अभी भी कई लोग जुड़े हैं.

ये भी पढ़ें: 2 नक्सली के साथ विस्फोटक बरामद, विधानसभा चुनाव में धमाका करने की थी साजिश
एक तो कच्चा माल नहीं मिलना उस पर बाजार पर ब्रांडों का कब्जा होने से भी उद्योग खतरे में पड़ गया है. इस काम से जुड़े सुमनलाल शर्मा बताते हैं कि इस धंधे में अब वैसी कमाई नहीं रही की लोगों का घर चल सके. ऐसे में नई पीढी इस काम के प्रति ध्यान नहीं दे रहा है. सरकार भी बटाली उद्योग जैसे लघु उद्योगों पर ध्यान नहीं दे रही है. आलम यह है कि इस गांव के लोग भी पलायन कर रहे हैं. कई युवा प्रदेशों में काम कर रहे हैं.

गिरिडीह: लोहा का औजार बनाकर कई राज्यों में पहचान बनानेवाला गिरिडीह का बटाली उद्योग इन दिनों अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. सौ से अधिक परिवार के घरों की रोटी का जुगाड़ करनेवाला यह लघु उद्योग से जुड़े लोगों को न तो काम मिल रहा है और न ही औजारों का उचित दाम मिल रहा है.

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गिरिडीह जिला मुख्यालय से लगभग 6 किमी की दूरी पर बदडीहा गांव स्थित है. लोहार जाती बाहुल्य इस गांव की पहचान बटाली उद्योग रहा है. लगभग 8 दशक से इस उद्योग से जुड़े सौ से अधिक परिवार लोहा का विभिन्न प्रकार औजार, कड़ाही समेत कई बर्तन बनाते रहे हैं. यहां पर बने औजारों की मांग बंगाल, बिहार के अलावा कई प्रदेशों में रही है.


हाल के कुछ वर्षों से यह उद्योग बंदी के कगार पर आ चुका है. लोगों को काम नहीं मिल रहा है तो बनाए गए सामानों का उचित दाम भी नहीं मिल पा रहा है. कई कारीगर अब जहां-तहां मजदूरी कर अपने परिवार का पोषण कर रहे हैं. बावजूद इस उद्योग से अभी भी कई लोग जुड़े हैं.

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एक तो कच्चा माल नहीं मिलना उस पर बाजार पर ब्रांडों का कब्जा होने से भी उद्योग खतरे में पड़ गया है. इस काम से जुड़े सुमनलाल शर्मा बताते हैं कि इस धंधे में अब वैसी कमाई नहीं रही की लोगों का घर चल सके. ऐसे में नई पीढी इस काम के प्रति ध्यान नहीं दे रहा है. सरकार भी बटाली उद्योग जैसे लघु उद्योगों पर ध्यान नहीं दे रही है. आलम यह है कि इस गांव के लोग भी पलायन कर रहे हैं. कई युवा प्रदेशों में काम कर रहे हैं.

Intro:

गांडेय(गिरिडीह)। गिरिडीह बेंगाबाद मार्ग एनएच 114 ए पर एक बार फिर रफ्तार का कहर टूटा। इस मार्ग पर सोनबाद स्थित कामधेनु पेट्रोल पम्प के सामने एक तेज रफ्तार बड़ी वाहन ने साइकिल सवार किशोर को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही किशोर की दर्दनाक मौत हो गयी। मृतक किशोर 14 वर्षीय विकास कुमार मंडल सोनबाद निवासी बद्री मंडल का बड़ा पुत्र था। घटना के बाद वाहन को लेकर चालक मौके पर से फरार हो गया। जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बेंगाबाद गिरिडीह मुख्य मार्ग को जाम कर जमकर बवाल काटा।

Body:स्पीड ब्रेकर नहीं लगाने से आक्रोशित थे ग्रामीण

घटना की सूचना पाकर इंस्पेक्टर
दिलीप यादव, बेंगाबाद थाना प्रभारी प्रशांत कुमार सदल बल मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया। मगर गुस्साये ग्रामीण कोई भी बात मानने को तैयार नहीं थे। ग्रामीण घटना स्थल के समीप सड़क पर स्पीड ब्रेकर नहीं दिए जाने से काफी गुस्से में थे। आक्रोशित लोग मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग के साथ सड़क पर स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग पर अड़े हुए थे। स्थानीय लोगों की माने तो छह माह से सड़क पर इस स्थान पर स्पीड ब्रेकर की मांग लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से की जा रही थी। मगर अब तक प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं कि गयी। लोगों का कहना है कि स्पीड ब्रेकर नहीं रहने के कारण अक्सर इस स्थान पर दुर्घटना होती रहती है और लोगों की जान जाते रहती है।

प्रशासन के खिलाफ हुई नारेबाजी

घटना के डेढ़ घन्टा से अधिक बीत जाने के बाद किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के नहीं पहुंचने से ग्रामीण काफी आक्रोशित हो उठे। इस दौरान गुस्साये ग्रामीणों ने बेंगाबाद बीडीओ एवं सीओ के खिलाफ खूब नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। लगभग दो घण्टे से सड़क जाम रहने के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गयी थी।

परिजनों के चीत्कार से गमगीन हुआ माहौल

घटना के बाद परिजनों के चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो उठा। मृतक किशोर की माँ और दादी की चीत्कार ने सभी की आंखों में आंसू ला दिए। मृतक किशोर की माँ बार बार अपना सुध बुध खोये जा रही थी।

Conclusion:आठवीं कक्षा का छात्र था किशोर

बताया गया कि मृतक किशोर सोनबाद मध्य विद्यालय में आठवीं कक्षा का छात्र था। वह तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे बड़ा था। घटना के कुछ वक्त पहले वह अपनी बहन के साथ ट्यूशन पढ़कर घर लौटा था। जिसके बाद अपनी साइकिल लेकर घर से खेलने निकला था। इसी दौरान कामधेनु पेट्रोल पम्प के सामने तेज रफ्तार में ओवरटेक करने के चक्कर में किसी बड़ी वाहन ने उसे चपेट में ले लिया।
बाइट: परिजन
Last Updated : Sep 16, 2019, 8:09 PM IST
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