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पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज इस गांव के लोग, प्यास बुझाने के लिए रोज करना पड़ता है जद्दोजहद

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Published : Jun 11, 2021, 1:00 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 1:11 PM IST

दुमका के मंझियाड़ा गांव में पानी की व्यवस्था काफी खराब है. इस गांव के लोग पानी की समस्या से परेशान हैं. ग्रामीणों को पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. फिलहाल, गांव वालों ने प्रशासन से पानी की उचित व्यवस्था की मांग कर रहे हैं.

water crisis in dumka
पानी के लिए जद्दोजद करते लोग

दुमका: झारखंड राज्य के निर्माण में दो दशक से ज्यादा समय बीत चुका है. कई सरकारें आई पर जनता को जो बुनियादी सुविधाएं चाहिए वह आज भी मयस्सर नहीं है. सरकार विकास के दावे तो करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आता है. आज भी लोगों की पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती. दुमका में एक ऐसा ही गांव मंझियाड़ा गांव है. जहां के ग्रामीणों को पानी के लिए लंबी दूरी तय करती है, वे परेशान है और प्रशासन से पानी की उचित व्यवस्था की मांग कर रही है.

ये भी पढ़ें- सिंचाई विभाग का कार्यालय दूसरी जगह शिफ्ट करने का पत्र जारी, जर्जर भवन में काम करने को मजबूर कर्मी


क्या है पूरा मामला
सदर प्रखंड के मंझियाड़ा गांव की महिलाओं को अपने गांव से लगभग आधा किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है. महिलाएं दुमका-पाकुड़ रोड पर स्थित एक लाइन होटल में जाकर चापाकल से पानी भरती हैं. यह गांव आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल गांव है. जिस समुदाय के उत्थान के लिए सरकार अलग से कई योजनाएं चला रही है. जिसमें बड़ी राशि खर्च की जा रही है. गांव में 3 चापाकल और 1 सोलर वाटर प्लांट है, लेकिन सभी काफी दिनों से खराब हैं. इस वजह से उन्हें यहां पानी लेने दूर जाना पड़ता है. दिन का अधिकांश समय पानी भरने में ही बीत जाता है.

देखें पूरी खबर
त्वरित कार्रवाई की आवश्यकतामंझियाड़ा गांव में पानी की समस्या के संबंध में उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि प्रखंड कार्यालय से या पेयजल विभाग की ओर से गांव में जो पानी की समस्या है, उसे दुरुस्त करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी बीडीओ को आवश्यक दिशा निर्देश पहले ही दिया जा चुका है और जल्द ही गांव में पानी की व्यवस्था कर दी जाएगी.
water crisis in dumka
खराब चापाकल

दुमका: झारखंड राज्य के निर्माण में दो दशक से ज्यादा समय बीत चुका है. कई सरकारें आई पर जनता को जो बुनियादी सुविधाएं चाहिए वह आज भी मयस्सर नहीं है. सरकार विकास के दावे तो करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आता है. आज भी लोगों की पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती. दुमका में एक ऐसा ही गांव मंझियाड़ा गांव है. जहां के ग्रामीणों को पानी के लिए लंबी दूरी तय करती है, वे परेशान है और प्रशासन से पानी की उचित व्यवस्था की मांग कर रही है.

ये भी पढ़ें- सिंचाई विभाग का कार्यालय दूसरी जगह शिफ्ट करने का पत्र जारी, जर्जर भवन में काम करने को मजबूर कर्मी


क्या है पूरा मामला
सदर प्रखंड के मंझियाड़ा गांव की महिलाओं को अपने गांव से लगभग आधा किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है. महिलाएं दुमका-पाकुड़ रोड पर स्थित एक लाइन होटल में जाकर चापाकल से पानी भरती हैं. यह गांव आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल गांव है. जिस समुदाय के उत्थान के लिए सरकार अलग से कई योजनाएं चला रही है. जिसमें बड़ी राशि खर्च की जा रही है. गांव में 3 चापाकल और 1 सोलर वाटर प्लांट है, लेकिन सभी काफी दिनों से खराब हैं. इस वजह से उन्हें यहां पानी लेने दूर जाना पड़ता है. दिन का अधिकांश समय पानी भरने में ही बीत जाता है.

देखें पूरी खबर
त्वरित कार्रवाई की आवश्यकतामंझियाड़ा गांव में पानी की समस्या के संबंध में उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि प्रखंड कार्यालय से या पेयजल विभाग की ओर से गांव में जो पानी की समस्या है, उसे दुरुस्त करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी बीडीओ को आवश्यक दिशा निर्देश पहले ही दिया जा चुका है और जल्द ही गांव में पानी की व्यवस्था कर दी जाएगी.
water crisis in dumka
खराब चापाकल
Last Updated : Jun 11, 2021, 1:11 PM IST
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