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कैसे चलेगा उपराजधानी का कामकाज? दुमका में प्रखंड से लेकर जिला और प्रमंडलीय स्तर पर अधिकारियों की भारी कमी

उपराजधानी दुमका में सभी विभाग के अधिकारियों की कमी है. प्रखंड से लेकर जिला और प्रमंडलीय स्तर पर अधिकारियों की भारी कमी है. सभी दस प्रखंड में ना आपूर्ति, ना कल्याण, ना कृषि और ना ही पशुपालन पदाधिकारी हैं.

shortage of officers of all departments in Dumka
shortage of officers of all departments in Dumka
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Published : Jan 3, 2022, 11:02 PM IST

Updated : Jan 3, 2022, 11:07 PM IST

दुमकाः झारखंड सरकार सरकारी कार्यालयों में कामकाज को दुरुस्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. लेकिन सरकारी कार्यालय में अधिकारी ही नहीं रहेंगे तो भला कामकाज कैसे सुचारू रूप से चल सकता है. हम बात कर रहे हैं झारखंड की उपराजधानी दुमका की. यहां प्रखंड स्तर से लेकर जिलास्तर और प्रमंडल स्तर सभी जगह अधिकारियों की भारी कमी है.

इसे भी पढ़ें- संथालपरगना में कृषि अधिकारियों की कमी, प्रभावित हो रही है खेती


प्रखंड स्तर पर अधिकारियों की संख्या नगण्य
दुमका जिला में 10 प्रखंड हैं, प्रखंड स्तर के पदाधिकारी सीधे ग्रामीणों से जुड़े हुए होते हैं. यह जरूरी है कि प्रखंड स्तर पर जो भी पद सृजित हैं उसमें अधिकारी की पदस्थापना रहे. लेकिन दुमका में प्रखंड स्तर के अधिकारियों की पदस्थापना को लेकर खिलवाड़ हो रहा है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिला के सभी 10 प्रखंडों में में ना तो एक भी आपूर्ति पदाधिकारी हैं ना कल्याण पदाधिकारी, ना पशुपालन पदाधिकारी, ना तो कृषि पदाधिकारी और ना ही सांख्यिकी पदाधिकारी हैं. जाहिर है कि बड़ी लापरवाही बरती जा रही है और कामकाज जैसे-तैसे हो रहा है.

जिलास्तर के अधिकारियों की भी काफी कमी
दुमका को झारखंड की उपराजधानी बनाया गया है. ऐसे में यहां सरकार को सब कुछ दुरुस्त रखने की आवश्यकता है ताकि उसे उदाहरण के तौर पर दूसरे जिलों में पेश किया जा सके. लेकिन जिलास्तर के अधिकारियों की पोस्टिंग के संबंध में ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है. यहां जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, सब रजिस्ट्रार, निदेशक डीआरडीए, निदेशक एनईपी, सहायक निदेशक जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के पद रिक्त हैं. वहीं जिला में कार्यपालक दंडाधिकारी के 10 पद स्वीकृत हैं जबकि पदस्थापित सिर्फ दो है. वहीं 10 अंचल में 10 अंचलाधिकारी होने चाहिए जबकि पदस्थापित 6 हैं. जाहिर है कि इन महत्वपूर्ण पद के रिक्त रहने से काम सुचारू रूप से नहीं हो सकता.

प्रमंडलीय स्तर पर अधिकारी कम
दुमका संथालपरगना प्रमंडल का मुख्यालय है. यहां प्रमंडलीय कार्यालय है जहां से 6 जिले दुमका, देवघर, साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़ और जामताड़ा जिला प्रमंडलीय स्तर का कामकाज निष्पादित की जाती है. प्रमंडलीय स्तर पर इन सभी जिलों के लगभग सभी विभाग के मॉनिटरिंग होती है. ऐसे में यह काफी आवश्यक है कि प्रमंडल स्तर के सभी पदाधिकारी के पद पर अधिकारी की पोस्टिंग रहे. दुमका के प्रखंड और जिला स्तर के अधिकारियों की तरह यहां पर प्रमंडल के अधिकारियों की भी कमी है. यहां सबसे पहले आयुक्त के सचिव का ही पद अतिरिक्त प्रभार में चल रहा है. साथ ही उपनिदेशक कल्याण, उपनिदेशक खनन उपनिदेशक जनसंपर्क के साथ विकास प्रशाखा पदाधिकारी के पद रिक्त हैं.

क्या कहते हैं जिला के उपायुक्त
दुमका में अधिकारियों पर कमी के संबंध में जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने बताया कि अधिकारियों की जो भी कमी है इस संबंध में सरकार को सूचित किया गया है. वहां से ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

दुमकाः झारखंड सरकार सरकारी कार्यालयों में कामकाज को दुरुस्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. लेकिन सरकारी कार्यालय में अधिकारी ही नहीं रहेंगे तो भला कामकाज कैसे सुचारू रूप से चल सकता है. हम बात कर रहे हैं झारखंड की उपराजधानी दुमका की. यहां प्रखंड स्तर से लेकर जिलास्तर और प्रमंडल स्तर सभी जगह अधिकारियों की भारी कमी है.

इसे भी पढ़ें- संथालपरगना में कृषि अधिकारियों की कमी, प्रभावित हो रही है खेती


प्रखंड स्तर पर अधिकारियों की संख्या नगण्य
दुमका जिला में 10 प्रखंड हैं, प्रखंड स्तर के पदाधिकारी सीधे ग्रामीणों से जुड़े हुए होते हैं. यह जरूरी है कि प्रखंड स्तर पर जो भी पद सृजित हैं उसमें अधिकारी की पदस्थापना रहे. लेकिन दुमका में प्रखंड स्तर के अधिकारियों की पदस्थापना को लेकर खिलवाड़ हो रहा है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिला के सभी 10 प्रखंडों में में ना तो एक भी आपूर्ति पदाधिकारी हैं ना कल्याण पदाधिकारी, ना पशुपालन पदाधिकारी, ना तो कृषि पदाधिकारी और ना ही सांख्यिकी पदाधिकारी हैं. जाहिर है कि बड़ी लापरवाही बरती जा रही है और कामकाज जैसे-तैसे हो रहा है.

जिलास्तर के अधिकारियों की भी काफी कमी
दुमका को झारखंड की उपराजधानी बनाया गया है. ऐसे में यहां सरकार को सब कुछ दुरुस्त रखने की आवश्यकता है ताकि उसे उदाहरण के तौर पर दूसरे जिलों में पेश किया जा सके. लेकिन जिलास्तर के अधिकारियों की पोस्टिंग के संबंध में ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है. यहां जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, सब रजिस्ट्रार, निदेशक डीआरडीए, निदेशक एनईपी, सहायक निदेशक जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के पद रिक्त हैं. वहीं जिला में कार्यपालक दंडाधिकारी के 10 पद स्वीकृत हैं जबकि पदस्थापित सिर्फ दो है. वहीं 10 अंचल में 10 अंचलाधिकारी होने चाहिए जबकि पदस्थापित 6 हैं. जाहिर है कि इन महत्वपूर्ण पद के रिक्त रहने से काम सुचारू रूप से नहीं हो सकता.

प्रमंडलीय स्तर पर अधिकारी कम
दुमका संथालपरगना प्रमंडल का मुख्यालय है. यहां प्रमंडलीय कार्यालय है जहां से 6 जिले दुमका, देवघर, साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़ और जामताड़ा जिला प्रमंडलीय स्तर का कामकाज निष्पादित की जाती है. प्रमंडलीय स्तर पर इन सभी जिलों के लगभग सभी विभाग के मॉनिटरिंग होती है. ऐसे में यह काफी आवश्यक है कि प्रमंडल स्तर के सभी पदाधिकारी के पद पर अधिकारी की पोस्टिंग रहे. दुमका के प्रखंड और जिला स्तर के अधिकारियों की तरह यहां पर प्रमंडल के अधिकारियों की भी कमी है. यहां सबसे पहले आयुक्त के सचिव का ही पद अतिरिक्त प्रभार में चल रहा है. साथ ही उपनिदेशक कल्याण, उपनिदेशक खनन उपनिदेशक जनसंपर्क के साथ विकास प्रशाखा पदाधिकारी के पद रिक्त हैं.

क्या कहते हैं जिला के उपायुक्त
दुमका में अधिकारियों पर कमी के संबंध में जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने बताया कि अधिकारियों की जो भी कमी है इस संबंध में सरकार को सूचित किया गया है. वहां से ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jan 3, 2022, 11:07 PM IST
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