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बेहाल आदिवासी बहुल रेशमा गांवः जल संकट और जर्जर सड़क से ग्रामीणों में नाराजगी

केंद्र और राज्य सरकार के विकास के दावों के इतर कुछ ऐसे भी इलाके हैं, जो आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है. दुमका जिला का रानीश्वर प्रखंड का रेशमा गांव (Reshma Village) का हाल ऐसा ही है. आदिवासी बहुल इस गांव में आबादी लगभग 700 की है और यहां ना तो पीने का पानी है और ना ही अच्छी सड़कें हैं.

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जल संकट
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Published : Jul 27, 2021, 5:02 PM IST

Updated : Jul 27, 2021, 7:32 PM IST

दुमकाः केंद्र या राज्य सरकार भले ही विकास कार्य तेजी से धरातल पर उतारने का दावा करती हो पर आज भी लोगों को पेयजल, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं है. हम बात कर रहे हैं झारखंड-पश्चिम बंगाल की सीमा (Jharkhand-West Bengal Border) पर स्थित दुमका जिला के रानीश्वर प्रखंड के रेशमा गांव (Reshma Village) की. आदिवासी बहुल इस गांव में आबादी लगभग 700 है. ये सभी लोग तीन अलग-अलग टोलों में रहते हैं.

इसे भी पढ़ें- बिन पानी सब सून! दुमका के इस गांव में लोग डोभा का पानी पीने को मजबूर

दुमका जिला का रानीश्वर प्रखंड का आदिवासी बहुल रेशमा गांव तीन टोलें हैं जो लगभग दो किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है. इस गांव में ना तो पीने का साफ पानी का स्त्रोत लोगों के पास है और ना ही आवागमन के लिए अच्छी सड़कें हैं. गांव में तीन टोलें हैं, बुचह टोला, यहां करीब 35 घर है, इस टोला में कोई भी चापाकल नहीं है. यहां ग्रामीण गांव के बाहर आधा किलोमीटर दूर स्थित डोभा से पानी भरकर लाते हैं.

देखें पूरी खबर

इस टोला के ग्रामीणों का कहना है कि पीने के पानी की बहुत समस्या (Drinking Water Problem) है. खासकर शादी-ब्याह और मेहमानों के घर आने पर पानी की बहुत दिक्कत हो जाती है. बहुत मुश्किल से जिन्दगी गुजर रही है, इस टोला में सड़क तो है ही नहीं. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

रेशमा गांव में मांझी टोला है, यहां लगभग 40 घर है. इस टोला में दो चापाकल है, जिसमें एक ही से थोड़ा-बहुत पानी निकलता है. यहां छह सात महीने पहले सोलर पानी टंकी लगाया गया, पर एक बार भी सोलर टंकी से पानी नही निकला. ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार और विभाग सिर्फ खानापूर्ति करके चले गए हैं. इस टोला की सड़कें भी बदहाल (Roads in Bad Shape) हैं.

रेशमा गांव के स्कूल टोला में करीब 40 घर हैं. यहां के तीन चापाकल से ठीकठाक पानी तो निकल जाता है पर यहां की सड़क की हालत काफी दयनीय है. पुरानी जमाने की सड़कें हैं, जहां पर बड़े-बड़े पत्थर निकले हुए हैं, जिस पर लोगों का पैदल चलना दूभर है.

road and drinking water problems in Reshma Village of Dumka
खराब सोलर पानी टंकी से ग्रामीण परेशान

इसे भी पढ़ें- बेहाल प्रधानमंत्री आदर्श गांवः तीन पीढ़ियों से जारी है जल की जद्दोजहद

क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि झारखंड राज्य बने इतने वर्ष हो जाने के बाद भी हमारे गांव में मुलभुत सुविधा उपलब्ध नहीं है. गांव में पानी की समस्या विकराल तो है ही साथ ही जर्जर सड़क ने जीना मुश्किल कर रखा है, जहां वाहनों की बात छोड़िए पैदल चलने में भी परेशानी होती है.

road and drinking water problems in Reshma Village of Dumka
रेशमा गांव की जर्जर सड़क

रेशमा गांव मुख्य सड़क मार्ग से कटा हुआ है. ग्रामीणों ने मांग किया कि इसे तीन किलोमीटर दूर स्थित सड़क मार्ग से जोड़ा जाए. सड़क मार्ग से जुड़ा नहीं होने के कारण अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो सरकारी एंबुलेंस गांव तक नहीं आ पाती है. बारिश के दिनों में मरीजों-गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

करीब तीन किलोमीटर दूर तक मरीज को ढोकर ले जाना पड़ता है, तब जाकर एंबुलेंस के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र भेजना संभव हो पाता है. सड़क मार्ग नहीं होने के कारण आम लोगों को बाजार जाने छात्र-छात्राओं को स्कूल-कॉलेज जाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ग्रामीणों का कहना है पानी-सड़क और पीसीसी ढलाई को लेकर मुखिया और विधायक से कई वर्षों से गुहार लगाते आए हैं. लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ नहीं मिला, इसको लेकर ग्रामीण काफी नाराज हैं. ग्रामीणों की मांग है कि जल्द हमारी समस्या का सामाधान किया जाए.

road and drinking water problems in Reshma Village of Dumka
रेशमा गांव का खराब हैंडपंप

इसे भी पढ़ें- झारखंड के सरकारी स्कूलों में पेयजल का अभाव, ऐसे में कैसे होगा बच्चों का विकास


क्या कहते हैं जिला उपायुक्त
इस पूरे मामले पर जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला का कहना है कि ग्रामीणों को बेहतर पेयजल सुविधा मिले साथ ही साथ गांव में अच्छी सड़क पहुंचे, इसके लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं. सभी प्रखंडों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. डीसी ने आश्वस्त किया है कि रेशमा गांव की समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा.

दुमकाः केंद्र या राज्य सरकार भले ही विकास कार्य तेजी से धरातल पर उतारने का दावा करती हो पर आज भी लोगों को पेयजल, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं है. हम बात कर रहे हैं झारखंड-पश्चिम बंगाल की सीमा (Jharkhand-West Bengal Border) पर स्थित दुमका जिला के रानीश्वर प्रखंड के रेशमा गांव (Reshma Village) की. आदिवासी बहुल इस गांव में आबादी लगभग 700 है. ये सभी लोग तीन अलग-अलग टोलों में रहते हैं.

इसे भी पढ़ें- बिन पानी सब सून! दुमका के इस गांव में लोग डोभा का पानी पीने को मजबूर

दुमका जिला का रानीश्वर प्रखंड का आदिवासी बहुल रेशमा गांव तीन टोलें हैं जो लगभग दो किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है. इस गांव में ना तो पीने का साफ पानी का स्त्रोत लोगों के पास है और ना ही आवागमन के लिए अच्छी सड़कें हैं. गांव में तीन टोलें हैं, बुचह टोला, यहां करीब 35 घर है, इस टोला में कोई भी चापाकल नहीं है. यहां ग्रामीण गांव के बाहर आधा किलोमीटर दूर स्थित डोभा से पानी भरकर लाते हैं.

देखें पूरी खबर

इस टोला के ग्रामीणों का कहना है कि पीने के पानी की बहुत समस्या (Drinking Water Problem) है. खासकर शादी-ब्याह और मेहमानों के घर आने पर पानी की बहुत दिक्कत हो जाती है. बहुत मुश्किल से जिन्दगी गुजर रही है, इस टोला में सड़क तो है ही नहीं. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

रेशमा गांव में मांझी टोला है, यहां लगभग 40 घर है. इस टोला में दो चापाकल है, जिसमें एक ही से थोड़ा-बहुत पानी निकलता है. यहां छह सात महीने पहले सोलर पानी टंकी लगाया गया, पर एक बार भी सोलर टंकी से पानी नही निकला. ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार और विभाग सिर्फ खानापूर्ति करके चले गए हैं. इस टोला की सड़कें भी बदहाल (Roads in Bad Shape) हैं.

रेशमा गांव के स्कूल टोला में करीब 40 घर हैं. यहां के तीन चापाकल से ठीकठाक पानी तो निकल जाता है पर यहां की सड़क की हालत काफी दयनीय है. पुरानी जमाने की सड़कें हैं, जहां पर बड़े-बड़े पत्थर निकले हुए हैं, जिस पर लोगों का पैदल चलना दूभर है.

road and drinking water problems in Reshma Village of Dumka
खराब सोलर पानी टंकी से ग्रामीण परेशान

इसे भी पढ़ें- बेहाल प्रधानमंत्री आदर्श गांवः तीन पीढ़ियों से जारी है जल की जद्दोजहद

क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि झारखंड राज्य बने इतने वर्ष हो जाने के बाद भी हमारे गांव में मुलभुत सुविधा उपलब्ध नहीं है. गांव में पानी की समस्या विकराल तो है ही साथ ही जर्जर सड़क ने जीना मुश्किल कर रखा है, जहां वाहनों की बात छोड़िए पैदल चलने में भी परेशानी होती है.

road and drinking water problems in Reshma Village of Dumka
रेशमा गांव की जर्जर सड़क

रेशमा गांव मुख्य सड़क मार्ग से कटा हुआ है. ग्रामीणों ने मांग किया कि इसे तीन किलोमीटर दूर स्थित सड़क मार्ग से जोड़ा जाए. सड़क मार्ग से जुड़ा नहीं होने के कारण अगर कोई बीमार पड़ जाता है तो सरकारी एंबुलेंस गांव तक नहीं आ पाती है. बारिश के दिनों में मरीजों-गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

करीब तीन किलोमीटर दूर तक मरीज को ढोकर ले जाना पड़ता है, तब जाकर एंबुलेंस के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र भेजना संभव हो पाता है. सड़क मार्ग नहीं होने के कारण आम लोगों को बाजार जाने छात्र-छात्राओं को स्कूल-कॉलेज जाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ग्रामीणों का कहना है पानी-सड़क और पीसीसी ढलाई को लेकर मुखिया और विधायक से कई वर्षों से गुहार लगाते आए हैं. लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ नहीं मिला, इसको लेकर ग्रामीण काफी नाराज हैं. ग्रामीणों की मांग है कि जल्द हमारी समस्या का सामाधान किया जाए.

road and drinking water problems in Reshma Village of Dumka
रेशमा गांव का खराब हैंडपंप

इसे भी पढ़ें- झारखंड के सरकारी स्कूलों में पेयजल का अभाव, ऐसे में कैसे होगा बच्चों का विकास


क्या कहते हैं जिला उपायुक्त
इस पूरे मामले पर जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला का कहना है कि ग्रामीणों को बेहतर पेयजल सुविधा मिले साथ ही साथ गांव में अच्छी सड़क पहुंचे, इसके लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं. सभी प्रखंडों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. डीसी ने आश्वस्त किया है कि रेशमा गांव की समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा.

Last Updated : Jul 27, 2021, 7:32 PM IST
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