दुमका: टोंगरा थाने के पास बांसकुली गांव में लगभग आधा दर्जन घरों में दुमका पुलिस ने छापेमारी कर 20 टन बाखर (नशीला पदार्थ) बरामद किया है. जिले के एसपी अंबर लकड़ा को यह सूचना मिली थी कि इन घरों में लंबे समय से बाखर का निर्माण हो रहा है. इस सूचना पर एसडीपीओ नूर मुस्तफा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और एक साथ कई घरों में छापेमारी की गई.
देसी शराब के निर्माण में इस्तेमाल होता है बाखर: बाखर का प्रयोग देसी शराब का नशा बढ़ाने में इस्तेमाल होता है. पुलिस ने बाखर के तीन मिनी फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर चार लोगों को हिरासत में लिया है. करीब 20 टन बाखर समेत भारी मात्रा में इसके निर्माण में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जब्त की है. गोदाम के मालिक बासुकीनाथ साहा, जगदीश साहा, सुसन साहा और विकास से पूछताछ की जा रही है.
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पुलिस बाखर स्टॉक को देख रह गई दंग: दुमका एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने पुलिस टीम के साथ बासुकीनाथ साहा के घर में दबिश दी. अंदर जाकर देखा तो पुलिस दंग रह गई. घर के आंगन में भारी मात्रा में तैयार बाखर सूख रहा था. अंदर के गोदाम में बाखर की सैकड़ों बोरियां भरी हुई थी. पुलिस ने पूरे बाखर को तीन पिकअप वैन में लाद कर थाने भेजा. इसकी कीमत लगभग 15 लाख रुपए बताई जा रही है.
बीस साल से चल रहा था धंधा: बासुकीनाथ साहा करीब 20 साल से बाखर तैयार कर रहा था. कारखाने में गांव के कई पुरुष और महिलाएं काम करते थे. तीन चक्की से चावल की पिसाई की जाती थी और फिर इसमें खैनी, धतूरे का बीज समेत अन्य सामग्री मिलाकर बाखर तैयार किया जाता था.
दूसरे राज्यों में होता था सप्लाई: बांसकुली में बनने वाला जहरीला बाखर दुमका और जामताड़ा जिले के अलावा बिहार और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में सप्लाई किया जाता है. पुलिस जब छापेमारी करने बांसकुली पहुंची उस समय बासकीनाथ साहा के बाखर गोदाम से एक मिनी ट्रक पर बाहर भेजने के लिए बाखर लोड किया जा रहा था. पुलिस ने बाखर सहित ट्रक को जब्त कर टोंगरा थाना ले गयी.