दुमका: कोरोना संक्रमण का दौर शुरू होने और लॉकडाउन के बाद जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है. हालांकि, सरकार ने कई क्षेत्रों में छूट दी है, लेकिन दुमका सिविल कोर्ट का वकालत खाना 23 मार्च से ही बंद है. अधिवक्ताओं के साथ-साथ आम लोग कचहरी परिसर पहुंच तो रहे हैं, लेकिन बार बिल्डिंग के बंद रहने से अधिवक्ता सड़कों पर ही खड़े-खड़े काम कर रहे हैं. वहीं, आमलोग को भी इधर उधर बैठे नजर आते हैं. खासतौर पर बारिश के दिनों में ज्यादा परेशानी देखने को मिलती है.
अधिवक्ताओं को हो रही परेशानी
वकालत खाना बंद रहने से अधिवक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है. इस समस्या को लेकर अधिवक्ताओं ने कहा कि बैठने तक की जगह नहीं है. अगर इस बीच शौचालय वगैरह जाना पड़े तो परेशानी और बढ़ जाती है. खड़े-खड़े लोग काम करने को मजबूर है. बारिश की वजह से समस्या ज्यादा गंभीर हो गई है.
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स्थिति सामान्य होने के बाद उम्मीद
इस मामले में दुमका बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपेश्वर प्रसाद झा ने कहा कि बार बिल्डिंग के बंद करने का निर्णय झारखंड बार काउंसिल ने लिया है. उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है. कोरोना काल में अगर वकालत खाना खोल देते हैं तो काफी संख्या में लोग वहां एकत्रित होंगे, जो कोरोना के मद्देनजर असुरक्षित होगा. उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होते ही इसे खोल दिया जाएगा.