दुमका: साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध साहित्यकार निलोत्पल मृणाल का छठ गीत इस बार धूम मचा रहा है. देदे एगो सोन चिरैया छठी मैया... इस गीत में शुरू से अंत तक बेटी के महत्व को दर्शाते हुए छठी मईया से बेटी की मांग की गई है. लोग देवी-देवताओं से अधिकतर बेटों की ही मांग करते हैं. लेकिन इस गीत में बेटी की मांग की गई है. इस गीत के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
इसे भी पढे़ं: Chhath Puja: राजधानी में धुर्वा इलाके के तालाबों की सफाई पूरी, छठ घाट पर लगेंगे थर्मल स्कैनर और ऑक्सीमीटर
दुमका के नोनीहाट गांव के एक युवा साहित्यकार निलोत्पल मृणाल का गाया हुआ छठ गीत विभिन्न क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय हो रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में नीलोत्पल ने बताया कि लेखक भी एक कवी होता है और छठी मईया के आशीर्वाद से अपने चाहने वालों के लिए एक गीत लिखा और गाया भी, जो आज काफी लोकप्रिय हो रहा है. यूट्यूब पर यह गीत अपलोड होने के 1 दिन के अंदर करीब दस हजार लोग पसंद कर चुके हैं. युवा साहित्यकार ने डार्क हॉर्स, औघड़, यार जादूगर जैसे उपन्यास लिखकर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीता है. मृणाल इलाके के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
- " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">
मृणाल का लोगों को संदेश
निलोत्पल मृणाल ने कहा कि लोग बेटा की चाह रखते हैं. लेकिन हम इस गीत के माध्यम से लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि बेटी भी बेटा से कम नहीं है. बेटी भी देश और विश्व में सभी क्षेत्रों में नाम कमा सकती है और अपने माता-पिता का नाम रोशन कर सकती है.