दुमकाः ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत दीप कुमार श्रीवास्तव की हत्या कर दी गई है. वह विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे. घटना नगर थाना के शिव मंदिर रोड की है. दीप का शव जिस घर में वह रहते थे उसी के सामने सड़क के किनारे मिला है. उसके सर और चेहरे पर काफी खून बिखरा हुआ है. दुमका नगर थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार मौके पर पहुंच गए हैं और जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि दीप कुमार 2 साल से दुमका में कार्यरत थे. वह मूल रूप से रांची के रातू रोड के रहने वाले थे. पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही कुछ विशेष कहा जा सकता है. मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है कि कल शाम से वो किनके संपर्क में थे.
नगर थाना क्षेत्र के शिव मंदिर रोड में ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल के क्लर्क दीप श्रीवास्तव का शव बरामद हुआ था. मृतक के परिजन रांची से दुमका पहुंचे. दीप श्रीवास्तव के छोटे भाई सुदीप श्रीवास्तव का कहना है कि मेरे भैया जिस विभाग में काम करते थे उस कार्यालय में कुछ माह पहले एक करोड़ 42 लाख का घपला हुआ था. जिसमें ऑफिस के दो स्टाफ जेल में भी बंद है. यह पूरी संभावना है कि इस घोटाले से ही मेरे भैया के हत्या के तार जुड़े हुए हैं. हो सकता है उन्हें कोई राज पता हो या फिर कोई उसे भी फंसाना चाह रहा हो. मृतक के परिजनों ने ऑफिस के स्टाफ पर भी हत्या की साजिश रचने की आशंका जताई है.
पुलिस की जांच पर उठाया सवालः मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस की जो जांच है वह सही दिशा में नहीं है. सुबह से शाम हो गई पर अभी तक किसी तरह का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. घटनास्थल पर डॉग स्क्वायड को ले जाना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने पुलिस पर भी इस मामले को उलझाने का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच की जाए.
क्या है एक करोड़ 42 लाख के घोटाला का मामलाः हम आपको बता दें कि दुमका के ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल में कुछ माह पहले एक करोड़ 42 लाख रुपये जो एक संवेदक को पेमेंट करनी थी लेकिन वह हरियाणा की एक कंपनी को कर दी गई थी. बाद में जब संवेदक ने इस रुपये की मांग की तो विभाग फंस गया. इस मामले में पुलिस ने विभाग के कैशियर पंकज कुमार वर्मा समेत दो को जेल भेजा है और मामले की जांच अभी भी चल रही है. पैसे की रिकवरी नहीं हो पाई है.