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दुमकाः सांसद सुनील सोरेन ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना, लगाई आरोपों की झड़ी

दुमका से बीजेपी सांसद सुनील सोरोन ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के द्वारा हाई कोर्ट में सही ढंग से अपनी बात नहीं रखने की वजह से यह स्थिति आई.

sunil soren
सुनील सोरेन, सांसद
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Published : Sep 23, 2020, 10:28 PM IST

दुमका: झारखंड के हाईस्कूलों के शिक्षकों की नियुक्ति रद्द होने के मामले में दुमका सांसद सुनील सोरेन का कहना है कि हेमंत सरकार द्वारा हाई कोर्ट में सही ढंग से अपनी बात नहीं रखने की वजह से यह स्थिति आई. यह बातें सुनील सोरेन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा. बता दें कि हाई कोर्ट ने झारखंड की 2016 की नियोजन नीति को रद्द करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही 13 अनुसूचित जिले में हाई स्कूलों के शिक्षक नियुक्ति को भी रद्द कर दिया है इससे इन 13 जिलों में 3,686 हाई स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी.

इसमें दुमका जिले में 445 और जामताड़ा में 248 शिक्षकों को नियुक्ति मिली थी. सांसद सुनील सोरेन का कहना है कि रघुवर सरकार की शिक्षा नियोजन नीति सही थी और इसी के तहत शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. हाई कोर्ट में जब मामला गया तो वर्तमान झारखंड सरकार को इसमें मजबूती से अपना पक्ष रखना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जिससे हजारों युवकों को परेशानी हो गई है.

ये भी पढ़ें- बिहार चुनाव को लेकर चुपके-चुपके लालू से मिल रहे हैं नेता, चर्चा में हैं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता

आज सरकारी नौकरी मिलना काफी कठिन हो गया है और जिन्हें नौकरी मिल गई उससे जब हटने की बात हुई है तो यह झारखंड के लिए काफी दुखद है और इसके लिए हेमंत सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है. सुनील सोरेन का कहना है कि सहायक पुलिसकर्मियों के साथ झारखंड सरकार का व्यवहार बर्बरतापूर्ण है. सहायक पुलिसकर्मियों की मांगें जायज हैं, अगर वह अपना 100% योगदान दे रहे हैं तो उनकी नौकरी स्थायी होनी चाहिए. उन्हें भी उतना ही वेतन मिलना चाहिए जो रेगुलर पुलिसकर्मियों को मिल रहा है.

दुमका: झारखंड के हाईस्कूलों के शिक्षकों की नियुक्ति रद्द होने के मामले में दुमका सांसद सुनील सोरेन का कहना है कि हेमंत सरकार द्वारा हाई कोर्ट में सही ढंग से अपनी बात नहीं रखने की वजह से यह स्थिति आई. यह बातें सुनील सोरेन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा. बता दें कि हाई कोर्ट ने झारखंड की 2016 की नियोजन नीति को रद्द करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही 13 अनुसूचित जिले में हाई स्कूलों के शिक्षक नियुक्ति को भी रद्द कर दिया है इससे इन 13 जिलों में 3,686 हाई स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी.

इसमें दुमका जिले में 445 और जामताड़ा में 248 शिक्षकों को नियुक्ति मिली थी. सांसद सुनील सोरेन का कहना है कि रघुवर सरकार की शिक्षा नियोजन नीति सही थी और इसी के तहत शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. हाई कोर्ट में जब मामला गया तो वर्तमान झारखंड सरकार को इसमें मजबूती से अपना पक्ष रखना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जिससे हजारों युवकों को परेशानी हो गई है.

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आज सरकारी नौकरी मिलना काफी कठिन हो गया है और जिन्हें नौकरी मिल गई उससे जब हटने की बात हुई है तो यह झारखंड के लिए काफी दुखद है और इसके लिए हेमंत सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है. सुनील सोरेन का कहना है कि सहायक पुलिसकर्मियों के साथ झारखंड सरकार का व्यवहार बर्बरतापूर्ण है. सहायक पुलिसकर्मियों की मांगें जायज हैं, अगर वह अपना 100% योगदान दे रहे हैं तो उनकी नौकरी स्थायी होनी चाहिए. उन्हें भी उतना ही वेतन मिलना चाहिए जो रेगुलर पुलिसकर्मियों को मिल रहा है.

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