सरायकेला: आदित्यपुर राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के 90 छात्रों को हॉस्टल में बंधक बनाने के आरोपों को कॉलेज प्राचार्य ने सिरे से खारिज कर दिया है. प्राचार्य ने स्पष्ट किया कि यह पूरी घटना एक गलतफहमी का परिणाम है. उन्होंने कहा कि संस्थान की परंपरा के अनुसार द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रथम वर्ष के आगंतुक छात्रों के स्वागत के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इसी क्रम में 21 दिसंबर को फ्रेशर वेलकम कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जो सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.
सीनियर छात्रों ने किया था विरोध
प्राचार्य ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान पांचवें सेमेस्टर के कुछ सीनियर छात्रों ने इस पर आपत्ति जताई थी. स्थिति को संभालने के लिए सीनियर छात्रों को स्टाफ की देखरेख में आइसोलेट किया गया ताकि कार्यक्रम निर्विघ्न रूप से संपन्न हो सके, हालांकि सीनियर छात्रों ने 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दे दी थी.
पुलिस पहुंची, मामले को किया शांत
इस घटना पर आदित्यपुर थाना प्रभारी राजीव कुमार ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. प्राचार्य ने पुलिस को बताया कि छात्रों के बीच मारपीट की स्थिति बनी थी, जिसे कॉलेज प्रशासन ने शांत कर दिया. थाना प्रभारी ने आगे बताया कि छात्रों और शिक्षकों को बुलाकर मामले को सुलझा लिया गया. छात्रों को हिदायत दी गई कि वे पढ़ाई पर ध्यान दें और किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता न करें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
आरोप बेबुनियाद: प्राचार्य
प्राचार्य ने छात्रों को बंधक बनाने और फ्रेशर पार्टी के लिए जबरन पैसे मांगने के आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि हॉस्टल में छात्रों के बीच अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया था. कॉलेज प्रशासन और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई से मामला फिलहाल शांत हो गया है, लेकिन सीनियर छात्रों की ओर से किए गए विरोध ने संस्थान में अनुशासन और परंपराओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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