दुमकाः छोटी कन्या मां भगवती की रूप होती (Girl is worshiped in form of Maa Durga) है. इस कहावत को चरितार्थ करता है दुमका के सत्तन आश्रम. यह आश्रम सदर प्रखंड के धधकिया गांव में है, जहां पिछले साठ सालों से दुर्गा पूजा के दौरान गांव की एक छोटी बच्ची को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इस पूजा को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं.
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पालकी पर बैठ कर पहुंचती है देवी रूपी कन्याः छोटी कन्या का पहले काफी आकर्षक ढंग से श्रृंगार किया जाता है. फिर उसे पालकी में बैठा कर शंख, ढोल-ढाक की धुन पर चार लोग उठाकर मंदिर तक लाते हैं और मंडप में स्थित मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने कन्या को आसन पर बैठाया जाता है. इसके बाद कन्या की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. पूजा से पहले पुरोहित द्वारा कन्या के पांव को आलता से रंगा जाता है.
श्रद्धालुओं की उमड़ती है भीड़ः कन्या पूजन को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इस आश्रम में सिर्फ धधकिया गांव के लोग ही नहीं बल्कि आसपास दर्जनों गांवों के लोग पहुंचते हैं. इस पूजा को देखने डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल पूरे परिवार के साथ पहुंचे थे. सत्तन आश्रम के संचालक स्वामी आत्मानंद कहते हैं कि यह कन्या तो मां का जीता-जागता स्वरूप है. इसकी पूजा करके हमलोग धन्य हो जाते हैं. उन्होंने कहा समाज कन्या में मां दुर्गा और मां भगवती का स्वरूप देखेंगे तो महिला हिंसा अपने आप खत्म हो जाएगी.