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दुमकाः पौधारोपण अभियान को ठेंगा दिखा रहे माफिया, धड़ल्ले से काटे जा रहे पेड़

दुमका में पौधारोपण कार्यक्रम के तहत एक लाख से अधिक पौधे लगाए गए थे. जो अब वृक्ष बन चुके है, लेकिन अब इन पेड़ों की तेजी से कटाई की जा रही है. जिस चिंता न सरकार और न ही प्रशासन को है.

तेजी से हो रही पेड़ों की कटाई
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Published : Aug 21, 2019, 2:35 PM IST

दुमका: पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाकर पौधारोपण किया जा रहा है. पौधारोपण कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण और जल संरक्षण है, साथ ही चारों तरफ हरियाली नजर आए और वातावरण शुद्ध रहे. दुमका के सदर प्रखंड के सबलपुर गांव में कई वर्ष पहले वन विभाग ने एक लाख से अधिक पौधे लगाए थे. जो अब वृक्ष बन चुके हैं, लेकिन उसे देखने वाला कोई नहीं है.

देखें स्पेशल स्टोरी

झारखंड की उपराजधानी दुमका में धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई हो रही है, लेकिन न कोई संज्ञान लेने वाला है और न ही कोई रोकने-टोकने वाला है. चारों और कटे पेड़ों के ठूंठ नजर आ रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम को पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई की खबर मिलते ही टीम सबलपुर गांव पहुंची. जहां कुछ ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने पेड़ों की कटाई पर चिंता तो जताई, लेकिन कुछ भी खुलकर बताने को तैयार नहीं हुए कि आखिर पेड़ों को काट कौन रहा है.

ग्रामीणों ने जताई चिंता
वहीं, पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि इसमें पेड़ माफिया शामिल हैं. इसके अलावा अगल-बगल गांव के लोग भी पेड़ काट कर ले जा रहे हैं. जिसे कोई देखने वाला कोई नहीं है. गांव के बुजुर्ग सिर्फ इतना कहते हैं कि इस पेड़ के नीचे हमें छाया मिलती है, लेकिन इसका बचाव नहीं हो पा रहा है.

ये भी पढ़ें- शौचालय निर्माण के लिए जरुरी है मुखिया को 'चढ़ावा', फिर भी नहीं मिलती 'लोटा पार्टी' से मुक्ति

आखिरकार कौन लेगा संज्ञान?
पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध में दुमका वन प्रमंडल के पदाधिकारी से बात करने पर वो भी स्पष्ट रूप से कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. उन्होंने कहा कि स्थल निरीक्षण के बाद कुछ बता पाएंगे. इस संबंध में दुमका सांसद सुनील सोरेन ने अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के लिए सीधे वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि यह सब फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की मिलीभगत के कारण हो रहा है, वो कहते हैं कि यह बड़ा मामला है, इसे आगे ले जाएंगे.

जिस तरह दुमका में धड़ल्ले से तैयार पेड़ काट दिए गए हैं. पेड़ माफियाओं को रोकने वाला कोई नहीं, किसी के द्वारा संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. यह काफी दुखद है फिर पंचायत से लेकर जिला और राज्यस्तर पर पौधारोपण कार्यक्रम का क्या फायदा?

दुमका: पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाकर पौधारोपण किया जा रहा है. पौधारोपण कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण और जल संरक्षण है, साथ ही चारों तरफ हरियाली नजर आए और वातावरण शुद्ध रहे. दुमका के सदर प्रखंड के सबलपुर गांव में कई वर्ष पहले वन विभाग ने एक लाख से अधिक पौधे लगाए थे. जो अब वृक्ष बन चुके हैं, लेकिन उसे देखने वाला कोई नहीं है.

देखें स्पेशल स्टोरी

झारखंड की उपराजधानी दुमका में धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई हो रही है, लेकिन न कोई संज्ञान लेने वाला है और न ही कोई रोकने-टोकने वाला है. चारों और कटे पेड़ों के ठूंठ नजर आ रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम को पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई की खबर मिलते ही टीम सबलपुर गांव पहुंची. जहां कुछ ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने पेड़ों की कटाई पर चिंता तो जताई, लेकिन कुछ भी खुलकर बताने को तैयार नहीं हुए कि आखिर पेड़ों को काट कौन रहा है.

ग्रामीणों ने जताई चिंता
वहीं, पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि इसमें पेड़ माफिया शामिल हैं. इसके अलावा अगल-बगल गांव के लोग भी पेड़ काट कर ले जा रहे हैं. जिसे कोई देखने वाला कोई नहीं है. गांव के बुजुर्ग सिर्फ इतना कहते हैं कि इस पेड़ के नीचे हमें छाया मिलती है, लेकिन इसका बचाव नहीं हो पा रहा है.

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आखिरकार कौन लेगा संज्ञान?
पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध में दुमका वन प्रमंडल के पदाधिकारी से बात करने पर वो भी स्पष्ट रूप से कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. उन्होंने कहा कि स्थल निरीक्षण के बाद कुछ बता पाएंगे. इस संबंध में दुमका सांसद सुनील सोरेन ने अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के लिए सीधे वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि यह सब फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की मिलीभगत के कारण हो रहा है, वो कहते हैं कि यह बड़ा मामला है, इसे आगे ले जाएंगे.

जिस तरह दुमका में धड़ल्ले से तैयार पेड़ काट दिए गए हैं. पेड़ माफियाओं को रोकने वाला कोई नहीं, किसी के द्वारा संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. यह काफी दुखद है फिर पंचायत से लेकर जिला और राज्यस्तर पर पौधारोपण कार्यक्रम का क्या फायदा?

Intro:दुमका -
आज पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाकर पौधारोपण किया जा रहा है । पौधारोपण कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण और जल संरक्षण है । साथ ही चारों तरफ हरियाली नजर आए और वातावरण शुद्ध रहे । दुमका के सदर प्रखंड के सबलपुर गांव में कई वर्ष पहले वन विभाग ने एक लाख से अधिक पौधे लगाए थे जो अब वृक्ष बन चुके हैं लेकिन उसे देखने वाला कोई नहीं । धड़ल्ले से यहां पेड़ों की कटाई हो रही है कोई संज्ञान लेने वाला नहीं । कोई रोकने टोकने वाला नहीं । चारों और कटे पेड़ों के ठूंठ नजर आ रहे हैं ।


Body:ग्रामीणों ने जताई चिंता ।
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जब ईटीवी भारत की टीम सबलपुर गांव पहुंचे तो हमने कुछ ग्रामीणों से बात की उन्होंने पेड़ों की कटाई पर चिंता जताई हालांकि खुलकर वह यह बताने के लिए तैयार नहीं हुए कि पेड़ कौन काट रहा है । वैसे हमें यह जानकारी मिली की इसमें पेड़ माफिया शामिल है । इसके साथ ही अगल-बगल गांव के लोग भी पेड़ काट कर ले जा रहे हैं । कोई देखने वाला नहीं । गांव के बुजुर्ग सिर्फ इतना कहते हैं कि इस पेड़ के नीचे हमें छाया मिलती है लेकिन इसका बचाव होना चाहिए ।

बाईंट - राणा , ग्रामीण
बाईंट - भूटो हेम्ब्रम , ग्रामीण


Conclusion:आखिरकार कौन लेगा संज्ञान ।
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पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध में जब हमने दुमका वन प्रमंडल से पदाधिकारी से बात की तो वह स्पष्ट रूप से कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हुए । उन्होंने कहा कि स्थल निरीक्षण के बाद कुछ बता पाएंगे । इधर इस संबंध में दुमका सांसद सुनील सोरेन ने अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के लिए सीधे वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया । उन्होंने कहा कि यह सब फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की मिलीभगत से हो रहा है । वे कहते हैं यह बड़ा मामला है इससे आगे ले जाएंगे ।

बाईंट - सुनील सोरेन , सांसद , दुमका लोकसभा

फाइनल वीओ - जिस तरह दुमका में धड़ल्ले से तैयार पेड़ काट दिए गए हैं । पेड़ माफियाओं को रोकने वाला कोई नहीं किसी के द्वारा संज्ञान नहीं लिया जा रहा है यह काफी दुखद है फिर पंचायत से लेकर जिला और राज्य से लेकर स्तर पर पौधारोपण कार्यक्रम का क्या फायदा ।
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