दुमका: इस साल झारखंड सरकार की ओर से धान क्रय केंद्र खोलकर किसानों का धान खरीद तो लिया गया, लेकिन 3 महीने बीतने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं किया गया. संथाल परगना के लगभग 11 हजार किसानों का 78 करोड़ रुपये सरकार के पास बकाया है.
क्या है पूरा मामला
संथाल परगना में इस बार धान की उपज अच्छी हुई थी. किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और वो बिचौलियों के चक्कर में ना पड़े, इसके लिए सरकार ने धान क्रय केंद्र खोल दिए. सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,868 रुपये प्रति क्विंटल रखा. इसके साथ ही एक क्विंटल पर 182 रुपये बोनस की भी व्यवस्था रखी गई. मतलब धान की दर 2,050 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित हुई. अब उस वक्त बाजार में 15 सौ से 16 सौ रुपये का रेट चल रहा था, तो काफी संख्या में किसान सीधे सरकार अंचल कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराकर धान क्रय केन्द्र में अपना धान बेचा. इधर, सरकार ने धान खरीद तो लिया लेकिन किसानों को पूरा भुगतान न कर कुल राशि का 35 से 40% भुगतान किया. अब किसान अपनी बकाये राशि के भुगतान के लिए लैम्पस के चक्कर लगा रहे हैं.
संथाल परगना के लगभग 11 हजार किसानों ने बेचा था धान
संथाल परगना के 6 जिलों के लगभग 11 हजार किसानों ने 5 लाख 89 हजार 565 क्विंटल धान की बिक्री की थी. इसकी कीमत 120 करोड़ 86 लाख रुपये थी. किसानों को अब तक मात्र 42 करोड़ ही भुगतान किया गया. लगभग 78 करोड़ रुपये अभी भी बाकी हैं.
संथाल परगना के किसानों का कितना बकाया
जिला किसान धान बेचे भुगतान लंबित
दुमका 1934 1.15 लाख 13.60 (करोड़)
देवघर 3929 1.96 लाख 28.10 (करोड़)
गोड्डा 1943 0.75 लाख 08.95 (करोड़)
साहिबगंज 772 0.47 लाख 03.05(करोड़)
पाकुड़ 380 0.27 लाख 03.51(करोड़)
जामताड़ा 2346 0.14 लाख 01.86(करोड़)
क्या कहते हैं किसान
किसानों ने मेहनत कर धान उपजाया और सरकार के धान क्रय केंद्र में बेचा. भुगतान के रूप में कुल मूल्य का 35-40% ही प्राप्त हुआ, शेष राशि आज भी बाकी है. दुमका के जरमुंडी प्रखंड के प्रगतिशील किसान जयप्रकाश मंडल जिन्हें झारखंड सरकार ने अपने खर्चे पर प्रशिक्षण के लिए इजरायल भेजा था. वह कहते हैं कि किसानों को धान का पूरा मूल्य अभी तक नहीं मिल पाया. काफी दिनों से वे अपने धान क्रय केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं. जयप्रकाश मंडल ने बताया कि कुछ ही दिन में धान फिर से बोने का समय आ गया है. अब किसानों को बीज-खाद चाहिए, ट्रैक्टर और मजदूर चाहिए, तो वो पैसे कहां से लाएं. पैसे तो सरकार ने रख लिए हैं.
क्या कहते हैं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख
किसान ने जो धान सरकार के पास बेचा थे उनका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. इसको लेकर झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने फोन पर बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है. इसके भुगतान के लिए उन्होंने वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव से बात की है. उन्होंने कहा कि किसानों को जल्द भुगतान प्राप्त हो जाएगा.