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कोरोना इफेक्ट: दूध नहीं बिकने से गौ पालक परेशान, नालियों में बहा रहे दूध

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Published : Mar 28, 2020, 11:59 AM IST

दुमका में लॉकडाउन से सभी होटल और मिठाई दुकानों के बंद रहने के कारण जरमुंडी प्रखंड के कंजिया जामा गांव के गौ पालक अरुण महतो काफी परेशान हैं. दूध की बिक्री नहीं हो पा रही है.

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बर्बाद हो रहे दूध

दुमका: कोरोना महामारी के डर से शहर से लेकर गांव तक पूरी तरह से लोग लॉक हो गए हैं. इस बीमारी से बचने के लिए लोग अपने-अपने घरों में दुबके पड़े हैं. होटल और मिठाई दुकानों के बंद रहने से जरमुंडी प्रखंड के कंजिया जामा गांव के गौ पालक अरुण महतो दूध बिक्री नहीं होने के कारण परेशान हैं.

देखें पूरी खबर

दूध की बिक्री नहीं हो पा रही
अरुण महतो ने बताया कि उसके गौशाला में दर्जनों गाय और भैंस हैं, जिससे लगभग ढाई सौ लीटर दूध का उत्पादन हर दिन होता है. इन गाय-भैंसों से दूध निकालकर वह स्थानीय मिठाई दुकानों, होटलों में बेचा करते थे. उससे मिले पैसे से वह अपनी गाय भैंसों के चारे पानी की व्यवस्था करते थे. कोरोना रोकने के लिए सरकार के लॉकडाउन किए जाने से सभी दुकानें बंद हैं और दूध की बिक्री नहीं हो पा रही है.

ये भी पढ़ें- कोरोना संकट: सुसाइड मिशन पर गुमला के लोग! सोशल डिस्टेंसिंग को दिखा रहे ठेंगा

प्रशासन से गुहार

उन्होंने बताया कि दूध व्यवसाय बंद हो जाने से उसके सामने गाय-भैंसों के चारे पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. दूध बिक्री को लेकर नेताओं से भी संपर्क किया, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला है. उन्होंने प्रशासन से दूध बिक्री की समुचित व्यवस्था कराने की गुहार लगाई है.

दुमका: कोरोना महामारी के डर से शहर से लेकर गांव तक पूरी तरह से लोग लॉक हो गए हैं. इस बीमारी से बचने के लिए लोग अपने-अपने घरों में दुबके पड़े हैं. होटल और मिठाई दुकानों के बंद रहने से जरमुंडी प्रखंड के कंजिया जामा गांव के गौ पालक अरुण महतो दूध बिक्री नहीं होने के कारण परेशान हैं.

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दूध की बिक्री नहीं हो पा रही
अरुण महतो ने बताया कि उसके गौशाला में दर्जनों गाय और भैंस हैं, जिससे लगभग ढाई सौ लीटर दूध का उत्पादन हर दिन होता है. इन गाय-भैंसों से दूध निकालकर वह स्थानीय मिठाई दुकानों, होटलों में बेचा करते थे. उससे मिले पैसे से वह अपनी गाय भैंसों के चारे पानी की व्यवस्था करते थे. कोरोना रोकने के लिए सरकार के लॉकडाउन किए जाने से सभी दुकानें बंद हैं और दूध की बिक्री नहीं हो पा रही है.

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प्रशासन से गुहार

उन्होंने बताया कि दूध व्यवसाय बंद हो जाने से उसके सामने गाय-भैंसों के चारे पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. दूध बिक्री को लेकर नेताओं से भी संपर्क किया, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला है. उन्होंने प्रशासन से दूध बिक्री की समुचित व्यवस्था कराने की गुहार लगाई है.

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