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विधानसभा चुनाव 2019: जरमुंडी के विधायक बादल पत्रलेख का रिपोर्ट कार्ड

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Published : Nov 4, 2019, 11:43 PM IST

2014 के चुनाव में कांग्रेस के दिग्‍गज नेता बादल पत्रलेख ने जेएमएम को हराकर जरमुंडी सीट पर कब्जा जमाया. विधायक का कहना है कि कांग्रेस की सरकार नहीं रहने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बावजूद उन्होंने जनता से किए वादों को निभाया है.

विधायक बादल पत्रलेख का रिपोर्ट कार्ड

दुमका: जिले का जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित सीट है. इसमें तीन प्रखंड है. जरमुंडी, सारवां और सोनारायठाड़ी. इसमें दो प्रखंड सारवां और सोनारायठाड़ी देवघर जिले के अंतर्गत आता है. एक खास बात और यह है कि यह विधानसभा गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में आता है. यहां वोटरों की कुल संख्या 2 लाख 23 हजार है. जिसमें पुरूष वोटर 1 लाख 17 हजार 357 और महिला वोटर 1 लाख 05 हजार 737 है.

विधायक बादल पत्रलेख का रिपोर्ट कार्ड

प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ इसी क्षेत्र में है
जरमुंडी विधानसभा में प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ धाम है. झारखंड सरकार ने इसे अपने पर्यटन स्थल के शीर्ष क्रम में रखा है. वैसे तो यहां दूर-दराज के श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं, लेकिन श्रावणी मेले के दौरान एक महीने में लाखों शिवभक्त गंगाजल लेकर आते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं.

सब्जी उत्पादन में है अग्रणी
जरमुंडी विधानसभा के तीन प्रखंड जरमुंडी, सारवां और सोनारायठाड़ी में कृषि कार्य काफी बेहतर होता है. खासतौर पर सब्जी की खेती में यह अग्रणी है, लेकिन यह सब किसानों की अपनी व्यवस्था से संभव है. इस क्षेत्र में कई छोटी नदियां है जैसे मोतिहारा, धोवैय, टेपरा और अजय नदी है. लेकिन इन नदियों में सालों भर पानी नहीं रहता. जिससे किसानों को काफी परेशानी होती है, लेकिन कुआं, तालाब या अन्य संसाधनों से किसान खेती करते हैं.

क्या कहते हैं प्रगतिशील किसान
इस संबंध में प्रगतिशील किसान के रूप में चिन्हित किसान जिन्हें सरकार ने इजरायल भेजा था. उनका कहना है कि जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के किसान काफी मेहनती है, लेकिन उनके पास संसाधनों का अभाव है. यहां न सिंचाई की सुविधा है न कोल्ड स्टोरेज और न ही फूड प्रोसेसिंग प्लांट. अगर इस तरह की सुविधा किसानों को उपलब्ध कराई जाए तो कृषि कार्य काफी बेहतर होगा.

आईये जानते हैं राजनीतिक स्थिति
जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित सीट है. वर्तमान में यहां के विधायक कांग्रेस के बादल पत्रलेख हैं. यह विधानसभा क्षेत्र गोड्डा लोकसभा का अंग है. जहां से लगातार 3 बार से भाजपा के निशिकांत दुबे सांसद बन रहे हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि झारखंड राज्य निर्माण के बाद हुए तीन चुनाव 2005, 2009 और 2014 में यहां से भाजपा जीत नहीं पाई.

2005 और 2009 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार हरिनारायण राय चुनाव जीते और राज्य में मंत्री भी बने. बाद में हरिनारायण राय पर आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज हुआ और कोर्ट द्वारा दोषी भी करार दिए गए. 2014 के चुनाव में कांग्रेस के बादल पत्रलेख ने झामुमो के हरिनारायण राय को हराया था. जबकि भाजपा तीसरे स्थान पर चली गई थी. भाजपा ने अभयकांत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था.

क्या कहते हैं जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख
जरमुंडी के विधायक बादल पत्रलेख का कहना है कि उन्होंने जनता से जो वादा किया था उसे वो पूरा किया है. इसके साथ ही कई परिस्थिति में भी वो उनके साथ है. उनका कहना है कि विकास कार्यों में मैंने शिक्षा, स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है. चुनाव को लेकर बादल कहते हैं कि मैंने अपना काम इमानदारी से किया है और जनता इसका उचित मूल्यांकन करेगी.

भाजपा को है उम्मीद इस बार होगी हमारी जीत
भारतीय जनता पार्टी का यह दावा है कि इस बार 2019 के विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी जीतेगी. दुमका जिला के भाजपा जिलाध्यक्ष निवास मंडल का कहना है कि जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और इस बार भाजपा का जो भी उम्मीदवार होगा जनता उन्हें विजयी माला पहनाएगी.

ये भी पढ़ें- मौजूदा राजनीतिक परिदृष्य पर बीजेपी की बैठक, उम्मीदवारों को लेकर दोबारा बैठेगी बीजेपी चुनाव समिति

आइए जानते हैं क्या है प्रमुख समस्या
जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में कई समस्याएं हैं, आज भी यहां की ग्रामीण सड़कें अत्यंत बदहाल है. सड़कों पर पैदल चलना मुश्किल है. इधर जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में बासुकीनाथ मंदिर प्रसिद्ध है, लेकिन यहां भी आधारभूत संरचना की काफी कमी है. सरकार ने राजकीय मेला घोषित कर दिया है, लेकिन उस अनुरूप संसाधनों का अभाव है. वहीं यह विधानसभा क्षेत्र कृषि प्रधान है बावजूद इसके एक भी वृहद सिंचाई परियोजना नहीं है. अब जनता का रिपोर्ट कार्ड आने के बाद ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी सीट बचा पाती है या फिर भाजपा या किसी अन्य दल का परचम लहराएगा.

दुमका: जिले का जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित सीट है. इसमें तीन प्रखंड है. जरमुंडी, सारवां और सोनारायठाड़ी. इसमें दो प्रखंड सारवां और सोनारायठाड़ी देवघर जिले के अंतर्गत आता है. एक खास बात और यह है कि यह विधानसभा गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में आता है. यहां वोटरों की कुल संख्या 2 लाख 23 हजार है. जिसमें पुरूष वोटर 1 लाख 17 हजार 357 और महिला वोटर 1 लाख 05 हजार 737 है.

विधायक बादल पत्रलेख का रिपोर्ट कार्ड

प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ इसी क्षेत्र में है
जरमुंडी विधानसभा में प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ धाम है. झारखंड सरकार ने इसे अपने पर्यटन स्थल के शीर्ष क्रम में रखा है. वैसे तो यहां दूर-दराज के श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं, लेकिन श्रावणी मेले के दौरान एक महीने में लाखों शिवभक्त गंगाजल लेकर आते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं.

सब्जी उत्पादन में है अग्रणी
जरमुंडी विधानसभा के तीन प्रखंड जरमुंडी, सारवां और सोनारायठाड़ी में कृषि कार्य काफी बेहतर होता है. खासतौर पर सब्जी की खेती में यह अग्रणी है, लेकिन यह सब किसानों की अपनी व्यवस्था से संभव है. इस क्षेत्र में कई छोटी नदियां है जैसे मोतिहारा, धोवैय, टेपरा और अजय नदी है. लेकिन इन नदियों में सालों भर पानी नहीं रहता. जिससे किसानों को काफी परेशानी होती है, लेकिन कुआं, तालाब या अन्य संसाधनों से किसान खेती करते हैं.

क्या कहते हैं प्रगतिशील किसान
इस संबंध में प्रगतिशील किसान के रूप में चिन्हित किसान जिन्हें सरकार ने इजरायल भेजा था. उनका कहना है कि जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के किसान काफी मेहनती है, लेकिन उनके पास संसाधनों का अभाव है. यहां न सिंचाई की सुविधा है न कोल्ड स्टोरेज और न ही फूड प्रोसेसिंग प्लांट. अगर इस तरह की सुविधा किसानों को उपलब्ध कराई जाए तो कृषि कार्य काफी बेहतर होगा.

आईये जानते हैं राजनीतिक स्थिति
जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित सीट है. वर्तमान में यहां के विधायक कांग्रेस के बादल पत्रलेख हैं. यह विधानसभा क्षेत्र गोड्डा लोकसभा का अंग है. जहां से लगातार 3 बार से भाजपा के निशिकांत दुबे सांसद बन रहे हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि झारखंड राज्य निर्माण के बाद हुए तीन चुनाव 2005, 2009 और 2014 में यहां से भाजपा जीत नहीं पाई.

2005 और 2009 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार हरिनारायण राय चुनाव जीते और राज्य में मंत्री भी बने. बाद में हरिनारायण राय पर आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज हुआ और कोर्ट द्वारा दोषी भी करार दिए गए. 2014 के चुनाव में कांग्रेस के बादल पत्रलेख ने झामुमो के हरिनारायण राय को हराया था. जबकि भाजपा तीसरे स्थान पर चली गई थी. भाजपा ने अभयकांत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था.

क्या कहते हैं जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख
जरमुंडी के विधायक बादल पत्रलेख का कहना है कि उन्होंने जनता से जो वादा किया था उसे वो पूरा किया है. इसके साथ ही कई परिस्थिति में भी वो उनके साथ है. उनका कहना है कि विकास कार्यों में मैंने शिक्षा, स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया है. चुनाव को लेकर बादल कहते हैं कि मैंने अपना काम इमानदारी से किया है और जनता इसका उचित मूल्यांकन करेगी.

भाजपा को है उम्मीद इस बार होगी हमारी जीत
भारतीय जनता पार्टी का यह दावा है कि इस बार 2019 के विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी जीतेगी. दुमका जिला के भाजपा जिलाध्यक्ष निवास मंडल का कहना है कि जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और इस बार भाजपा का जो भी उम्मीदवार होगा जनता उन्हें विजयी माला पहनाएगी.

ये भी पढ़ें- मौजूदा राजनीतिक परिदृष्य पर बीजेपी की बैठक, उम्मीदवारों को लेकर दोबारा बैठेगी बीजेपी चुनाव समिति

आइए जानते हैं क्या है प्रमुख समस्या
जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में कई समस्याएं हैं, आज भी यहां की ग्रामीण सड़कें अत्यंत बदहाल है. सड़कों पर पैदल चलना मुश्किल है. इधर जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में बासुकीनाथ मंदिर प्रसिद्ध है, लेकिन यहां भी आधारभूत संरचना की काफी कमी है. सरकार ने राजकीय मेला घोषित कर दिया है, लेकिन उस अनुरूप संसाधनों का अभाव है. वहीं यह विधानसभा क्षेत्र कृषि प्रधान है बावजूद इसके एक भी वृहद सिंचाई परियोजना नहीं है. अब जनता का रिपोर्ट कार्ड आने के बाद ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी सीट बचा पाती है या फिर भाजपा या किसी अन्य दल का परचम लहराएगा.

Intro:दुमका --
दुमका जिले का जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित सीट है । इसमें तीन प्रखण्ड है - जरमुंडी , सारवां और सोनारायठाड़ी । इसमें दो प्रखण्ड सारवां और सोनारायठाड़ी देवघर जिले के अंतर्गत आता है । एक खास बात और यह है कि यह विधानसभा गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में आता है । यहाँ वोटरों की कुल संख्या 2 लाख 23 हजार है । जिसमें पुरूष वोटर 1 लाख 17 हजार 357 और महिला वोटर 1 लाख 05 हजार 737 है ।

प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ है इसी क्षेत्र में ।
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जरमुंडी विधानसभा में प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथधाम है । झारखंड सरकार ने इसे अपने पर्यटन स्थल जे शीर्ष क्रम में रखा है । वैसे तो यहाँ दूरदराज के श्रद्धालू प्रतिदिन आते हैं पर श्रावणी मेले में एक माह में लाखों शिवभक्त गंगाजल लेकर आते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं ।

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सब्जी उत्पादन में है अग्रणी ।
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जरमुंडी विधानसभा के तीनों प्रखण्ड जरमुंडी , सारवां और सोनारायठाड़ी तीनो प्रखण्ड में कृषि कार्य काफी बेहतर होता है । खासतौर पर सब्जी की खेती में यह अग्रणी है । लेकिन यह सब किसानों की अपनी व्यवस्था से संभव है । इस क्षेत्र में कई छोटी नदियां जैसे मोतिहारा , धोवैय , टेपरा और अजय नदी है । लेकिन इन नदियों में सालों भर पानी नहीं रहता । जिससे किसानों को काफी परेशानी होती है लेकिन कुआं , तालाब या अन्य संसाधनों से वे खेती करते हैं ।

क्या कहते हैं प्रगतिशील किसान ।
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इस संबंध में जब हमने प्रगतिशील किसान के रूप में चिन्हित किसान जयप्रकाश मण्डल जिन्हें सरकार ने इजरायल भेजा था उनका कहना है कि जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के किसान काफी मेहनती है लेकिन उनके पास संसाधनों का अभाव है । न सिंचाई की सुविधा है न कोल्ड स्टोरेज और न ही फूड प्रोसेसिंग प्लांट । अगर इस तरह की सुविधा किसानों को उपलब्ध कराई जाए तो कृषि कार्य काफी बेहतर होगा ।

बाईंट - जयप्रकाश मण्डल , प्रगतिशील किसान सह जरमुंडी जिप सदस्य ।



Body:आईये जानते हैं राजनीतिक स्थिति ।
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जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित सीट है । वर्तमान में यहां के विधायक कांग्रेस के बादल पत्रलेख हैं । यह विधानसभा क्षेत्र गोड्डा लोकसभा का अंग है । जहां से लगातार 3 बार से भाजपा के निशिकांत दुबे सांसद बन रहे हैं लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि झारखंड राज्य निर्माण के बाद हुए तीन चुनाव 2005 , 2009 और 2014 में यहां से भाजपा जीत नहीं पाई । 2005 और 2009 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार हरिनारायण राय चुनाव जीते और राज्य में मंत्री भी बने । बाद में हरिनारायण राय पर आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज हुआ और कोर्ट द्वारा दोषी भी करार दिए गए । 2014 के चुनाव में कांग्रेस के बादल पत्रलेख ने झामुमो के हरिनारायण राय को हराया था । जबकि भाजपा तीसरे स्थान पर चली गई थी । भाजपा ने अभयकांत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था ।

क्या कहते हैं बाद जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख ।
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जरमुंडी के विधायक बादल पत्रलेख का कहना है कि हमने जनता से जो वादा किया था कि मैं सुख-दुख सभी परिस्थिति में । आपके साथ रहूंगा वह मैंने किया है । विकास कार्यों में मैंने शिक्षा , स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया । हालांकि विपक्ष का विधायक होने के नाते मेरे साथ भेदभाव की गई । आने वाले चुनाव की संभावना पर बादल कहते हैं कि मैंने अपना काम इमानदारी से किया है और जनता इसका उचित मूल्यांकन करेगी ।
बाईंट - बादल पत्रलेख , विधायक , जरमुंडी विधानसभा

भाजपा को है उम्मीद इस बार होगी हमारी जीत ।
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भारतीय जनता पार्टी का यह दावा है कि इस बार 2019 के विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी जीतेगी । दुमका जिला के भाजपा जिलाध्यक्ष निवास मंडल का कहना है कि जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और इस बार भाजपा का जो भी उम्मीदवार होगा जनता उन्हें विजयी माला पहनाएगी ।

वाईट - निवास मंडल , जिलाध्यक्ष , भाजपा , दुमका





Conclusion:आइए जानते हैं क्या है प्रमुख समस्या ।
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जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में कई समस्याएं हैं । आज भी यहां की ग्रामीण सड़कें अत्यंत बदहाल है । सड़कों पर वाहनों को छोड़िए पैदल चलना मुश्किल है । इधर जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में बासुकीनाथ मंदिर प्रसिद्ध है लेकिन यहां भी आधारभूत संरचना की काफी कमी है । सरकार ने राजकीय मेला घोषित कर दिया है लेकिन उस अनुरूप संसाधनों का अभाव है । वही यह विधानसभा क्षेत्र कृषि प्रधान है बावजूद इसके एक भी वृहद सिंचाई परियोजना नहीं है । किसान अपने दम पर खेती करते हैं । लेकिन उनके लिए ना तो कोल्ड स्टोरेज है और न ही फूड प्रोसेसिंग प्लांट ।

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विधायक के कामकाज पर क्या कहते हैं ग्रामीण ,
आइए देखते हैं विधायक बादल पत्रलेख का रिपोर्ट कार्ड ।
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हमने जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र के लोगों से विधायक बादल पत्रलेख के कामकाज के बारे में जाना । साथ ही उनसे उनसे पूछा कि अपने विधायक के कामकाज को कितना नंबर देंगे । इस संबंध में अलग अलग लोगों अलग अलग राय थी । उन्होंने कहा कि विधायक उनसे मिलना - जुलना करते हैं । इसके पहले के एमएलए तो वह भी नहीं करते थे । कुछ ने कहा विकास कार्य नहीं कर पाए । बदहाल सड़क से सभी परेशान नजर आए ।

कितना दिया नम्बर ।
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जरमुंडी विधानसभा जी जनता में किसी ने उन्हें पांच नंबर दिया तो किसी ने चार तो किसी ने शून्य ।

बाईंट - जितेंद्र , ग्रामीण
बाईंट - श्रीनाथ , दुकानदार
बाईंट - महेंद्र सिंह , ग्रामीण
बाईंट - मुन्ना बास्की , ग्रामीण
बाईट - संजय मिर्धा , ग्रामीण

फाईनल वीओ -
अब जनता का रिपोर्ट कार्ड हमने आपके सामने रख दिया है । ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी सीट बचा पाती है या फिर भाजपा या किसी अन्य दल का परचम लहराएगा ।

मनोज केशरी
ईटीवी भारत,
दुमका

नोट -
सर ,
सभी ग्रामीणों के बाईंट के साथ मार्क्स पूछे हैं कृपया देख लीजिएगा ।

साथ मे ओपनिंग पीटीसी भी है ।
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