दुमका: देवघर-दुमका मार्ग एनएच 114A को संथालपरगना प्रमंडल का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. इस सड़क से सैकड़ों गाड़ियां हर दिन गुजरती है. लेकिन सरकारी अनदेखी की वजह से पिछले एक साल से इस मार्ग की स्थिति अत्यंत जर्जर है. इस एनएच पर दुमका से जरमुंडी तक लगभग 25 किलोमीटर तक 3 से 4 फीट तक के सैकड़ों गड्ढे हो गए हैं. जिसके वजह से हर दिन दुर्घटनाएं होती है. लोग जान हथेली पर रखकर आवागमन करने के लिए मजबूर हैं.
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जर्जर सड़क के निर्माण को लेकर सरकार ने प्रक्रिया शुरू की थी. 4 महीने पहले इसका टेंडर हुआ था. जिसकी प्राक्कलित राशि 114 करोड़ रुपए थी. एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 27.5 % कम बोली लगाकर (Below) 82 करोड़ 26 लाख में सड़क निर्माण का टेंडर भी लिया था. निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है.
क्या कहते हैं लोग
एनएच 114A से गुजरने वाले लोगों में सरकार के प्रति काफी नाराजगी है. उनका कहना है कि आखिरकार सरकार क्या कर रही है. हमेशा भारी वाहन सड़क के बीचों-बीच खराब हो जाता है. जिससे अन्य वाहनों को आने जाने में परेशानी होती है. जगह-जगह जाम की स्थिति बनी रहती है. वहीं इस जर्जर सड़क से स्थानीय लोग भी काफी परेशान हैं. जिन लोगों का मकान सड़क के किनारे है, उन्हें हमेशा यह डर रहता है कि पता नहीं कौन सा वाहन उनके घर पर पलट जाए. जर्जर सड़क के किनारे छोटे-छोटे दुकान भी हैं. उन दुकानदारों में भी भय का माहौल रहता है. सभी एक स्वर में बदहाल सड़क के निर्माण की मांग कर रहे हैं.
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क्या कहते हैं सांसद
वहीं इस पूरे मामले पर सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि वास्तव में एनएच 114A की स्थिति काफी खतरनाक है. इस जर्जर सड़क के मामले को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक ले जाएंगे. उम्मीद है कि जल्द इस सडक का निर्माण हो जाएगा.