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खेल और खिलाड़ियों पर सरकार नहीं है गंभीर, 10 सालों से पूरा नहीं हो सका स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

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Published : May 28, 2019, 6:47 PM IST

दुमका में खेल और खिलाड़ियों के प्रति सरकारी रवैया काफी उदासीन है. यहां के खिलाड़ी काफी समय से परेशान हैं, क्योंकि उन्हें खेल के लिए स्टेडियम और अन्य सुविधा सही रुप से नहीं मिल पा रहे. यहां पांच करोड़ की लागत से एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है, जो दस वर्षों मे भी पूरा नहीं हो सका.

स्टेडियम का हाल

दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका में खेल और खिलाड़ियों के प्रति सरकारी रवैया काफी उदासीन है. शहर का आउटडोर स्टेडियम रख रखाव के अभाव में बदत्तर होता जा रहा है. इसका न तो प्ले ग्राउंड अच्छा है और न ही पवेलियन. इससे खिलाड़ियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.

स्टेडियम का हाल

आवश्यक पहल की मांग
वहीं, दुमका में तीरंदाजी अकादमी बन कर तैयार है, लेकिन इसके उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पाई है. खेल से जुड़े लोग इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं.

दस वर्षों में पूरा नहीं हो सका स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण
सरकार यहां खेल को बढ़ावा देने के प्रति कितनी उदासीन है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पांच करोड़ की लागत से एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है, जो दस वर्षों मे भी पूरा नहीं हो सका. लोग इन खामियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- डायन बिसाही के संदेह में महिला की हत्या, आरोपी के भांजा-भांजी और बहनोई की हुई थी मौत

लापरवाही बरती जा रही
एक तरफ सरकार खेलों को बढ़ावा देने की कई घोषणाएं कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर दुमका में इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है. अगर यहां खेल और खिलाड़ियों को पर्याप्त सुविधा मिले तो यहां से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बाहर आएंगे.

दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका में खेल और खिलाड़ियों के प्रति सरकारी रवैया काफी उदासीन है. शहर का आउटडोर स्टेडियम रख रखाव के अभाव में बदत्तर होता जा रहा है. इसका न तो प्ले ग्राउंड अच्छा है और न ही पवेलियन. इससे खिलाड़ियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.

स्टेडियम का हाल

आवश्यक पहल की मांग
वहीं, दुमका में तीरंदाजी अकादमी बन कर तैयार है, लेकिन इसके उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पाई है. खेल से जुड़े लोग इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं.

दस वर्षों में पूरा नहीं हो सका स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण
सरकार यहां खेल को बढ़ावा देने के प्रति कितनी उदासीन है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पांच करोड़ की लागत से एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है, जो दस वर्षों मे भी पूरा नहीं हो सका. लोग इन खामियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं.

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लापरवाही बरती जा रही
एक तरफ सरकार खेलों को बढ़ावा देने की कई घोषणाएं कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर दुमका में इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है. अगर यहां खेल और खिलाड़ियों को पर्याप्त सुविधा मिले तो यहां से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बाहर आएंगे.

Intro:दुमका - झारखण्ड की उपराजधानी दुमका में खेल और खिलाड़ियों के प्रति सरकारी रवैया काफी उदासीन है । शहर का आऊटडोर स्टेडियम रख रखाव के अभाव में जीर्णशीर्ण नजर आता है । इसका न तो प्ले ग्राउंड अच्छा है और न ही पैवेलियन । इससे खिलाड़ियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है । वहीं दुमका में तीरंदाजी अकादमी बन कर तैयार है लेकिन इसके उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पाई है । खेल से जुड़े लोग इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं ।


Body:स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण दस वर्षों में पूरा नहीं हो सका ।
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सरकार यहाँ खेल को बढ़ावा देने के प्रति कितनी उदासीन है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहाँ पांच करोड़ की लागत से एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है जो दस वर्षों मे भी पूरा नहीं हो सका । लोग इन खामियों को दूर करने की मांग करते हैं ।




Conclusion:फाईनल वीओ -
एक तरफ़ सरकार खेलों को बढ़ावा देने की कई घोषणाएं कर रही है वहीं दूसरी ओर दुमका मे इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है । अगर यहाँ खेल और खिलाड़ियों को पर्याप्त सुविधा मिले तो यहाँ से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बाहर आएंगे ।

नोट - सर यह खबर रेडी टू एयर पैकेज फॉर्मेट में भेजे हैं ।
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