दुमका: पिछले दो वर्षों से कोरोना की वजह से श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हुआ. इस बार श्रावणी मेला 14 जुलाई से शुरू हो रहा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि है इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने वाली है. इसे लेकर झारखंड पुलिस भी श्रद्धालुओं के हित में काफी एक्सरसाइज कर रही है. उनका उद्देश्य है कि देश-विदेश से आने वाले सभी शिवभक्त शांतिपूर्वक और भयमुक्त वातावरण में देवघर और बासुकीनाथ में जलार्पण और पूजा अर्चना कर एक अच्छा अनुभव लेकर अपने घर वापस लौटें.
ये भी पढ़ें: इस वर्ष नहीं लगेगा श्रावणी मेला, झारखंड हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
सभी रूट लाइन का किया गया है भौतिक निरीक्षण: संथाल परगना के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में जानकारी दी कि एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले के शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में योजनाबद्ध तरीके से तैयारी की जा रही है. देवघर और बासुकीनाथ के मंदिर तक पहुंचने वाले सारे रूट लाइन, सारे चेक प्वाइंट का भौतिक रूप से निरीक्षण किया गया है. एक-एक जगह की बारीकियों का विश्लेषण किया गया है कि कहां किस तरह से सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा. डीआईजी ने कहा कि उनका उद्देश्य यह होगा कि दूरदराज से जो भी शिव भक्त देवघर पहुंचे उन्हें जलार्पण करने में किसी तरह की कोई समस्या न हो. वे शांतिपूर्ण ढंग और बिना किसी परेशानी के पूजा अर्चना कर सकें.
44 अस्थाई ट्रैफिक और पुलिस पोस्ट : डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने यह अहम जानकारी दी कि श्रावणी मेले के दौरान देवघर में 11 ट्रैफिक पोस्ट और 21 पुलिस पोस्ट अस्थाई रूप से कार्य करेंगे. जबकि बासुकीनाथ में छह ट्रैफिक पोस्ट और छह पुलिस पोस्ट बनाए जा रहे हैं. इन सभी जगहों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात होंगे और इनका कार्य मंदिर के साथ-साथ सारे रूट लाइन और अन्य जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करना होगा.
पुलिस मुख्यालय से मांगे गए हैं पर्याप्त सुरक्षा बल: डीआईजी ने कहा कि देवघर-दुमका एसपी के द्वारा पुलिस मुख्यालय को श्रावणी मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ करने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल बलों की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि काफी संख्या में डीएसपी-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी ड्यूटी पर लगाए जाएंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षाबलों की संख्या कितनी होगी ये पुलिस मुख्यालय तय करेगा.