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पुलिस की मदद से भी नहीं मिट रही सैकड़ों मजदूरों की भूख, आखिर कौन बनेंगे इनके रहनुमा

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Published : Apr 2, 2020, 10:01 AM IST

बेलगाड़िया टाउनशिप में सैकड़ों मजदूर लॉकडाउन के बाद फंसे हुए हैं. इनमें ज्यादातर मजदूर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रहने वाले हैं. मजदूरों की संख्या करीब डेढ़ सौ के आसपास है. बेलगड़िया में बसे लोगों द्वारा इनके लिए लगातार पहल की जा रही है, लेकिन वह फिर भी इन मजदूरों की भूख मिटाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. इन मजदूरों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं.

Workers starved due to lockdown in Belagaria Dhanbad
बेलगाड़िया टाउनशिप

धनबाद: जिले के बेलगड़िया टाउनशिप में बंगाल के फंसे सैकड़ों मजदूरों की भूख को मिटाने में पुलिस की मदद नाकाफी साबित हो रही. स्थानीय पुलिस मजदूरों के बीच खाना खिलाने की बात तो कहती है, लेकिन मजदूर फिर भी भूखे हैं. बेलगड़िया में बसे लोग इनकी मदद के लिए 30 से 40 पैकेट खाना लाकर दे रही है, लेकिन वह भी पूरा नहीं हो पा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को सूचना दी जा गई है. अब तक कोई पहल नहीं की जा सकी है.

जानकारी देते संवाददाता नरेंद्र निषाद

बेलगाड़िया टाउनशिप में सैकड़ों मजदूर लॉकडाउन के बाद फंसे हुए हैं. इनमें ज्यादातर मजदूर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रहने वाले हैं. मजदूरों की संख्या करीब डेढ़ सौ के आसपास है. बेलगड़िया में बसे लोगों द्वारा इनके लिए लगातार पहल की जा रही है, लेकिन वह फिर भी इन मजदूरों की भूख मिटाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. इन मजदूरों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. इन महिलाओं के छोटे-छोटे बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि पिछले कई दिनों से खाने के लिए उन्हें कुछ भी नसीब नहीं हो पा रहा है. महिला मजदूरों ने भी अपनी व्यथा सुनाई.

वहीं, बेलगड़िया टाउनशिप में बसे लोग जो इनके लिए मदद के लिए लगातार प्रयास में जुटे हैं. उनका कहना है कि हम लोग किसी तरह 30-40 पैकेट खाना जुगाड़ कर यहां लाकर बांटते हैं, लेकिन वह खाना इन मजदूरों के लिए पूरा नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि काम धंधा बंद होने के कारण बेलगड़िया में रह रहे लोगों की स्थिति वैसे ही खराब है. ऊपर से करीब डेढ़ सौ मजदूर के समक्ष भी खाने के लिए लाले पड़े हैं.

स्थानीय पुलिस के द्वारा खिचड़ी बनवाकर एक दिन बेलगड़िया में रह रहे लोग और इन मजदूरों को खिलाया गया, लेकिन जब बेलगड़िया में बसे लोगों को ही खाने को नहीं मिल रहा तो फिर इतने मजदूरों का रोज का खाना कहां से जुट पाएगा. उन्होंने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी फोन पर मामले की सूचना दी गई है, लेकिन कोई भी सुध लेने नहीं पहुंच रहा है.

ये भी पढ़ें: कोविड-19: 9 विदेशियों सहित 24 लोग गिरफ्तार, धर्म प्रचार के लिए पहुंचे थे कोडरमा

वहीं, स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि पर्याप्त रूप से लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. बेलगड़िया टाउनशिप में हजारों लोग बसे हैं. यहां ज्यादातर लोग प्रतिदिन कमाने खाने वाले हैं. अब टाउनशिप में बिल्डिंग निर्माण में लगे मजदूर भी यहां फंसे हुए हैं. ऐसे में छोटी सी पहल नहीं बल्कि एक बड़ी पहल करने की आवश्यकता है ताकि बेलगड़िया में बसे लोग यहां फंसे मजदूरों को इस लॉकडाउन में भूख से राहत मिल सके. अब देखना यह है कि आखिर कौन इनके लिए रहनुमा बनकर आता है.

धनबाद: जिले के बेलगड़िया टाउनशिप में बंगाल के फंसे सैकड़ों मजदूरों की भूख को मिटाने में पुलिस की मदद नाकाफी साबित हो रही. स्थानीय पुलिस मजदूरों के बीच खाना खिलाने की बात तो कहती है, लेकिन मजदूर फिर भी भूखे हैं. बेलगड़िया में बसे लोग इनकी मदद के लिए 30 से 40 पैकेट खाना लाकर दे रही है, लेकिन वह भी पूरा नहीं हो पा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को सूचना दी जा गई है. अब तक कोई पहल नहीं की जा सकी है.

जानकारी देते संवाददाता नरेंद्र निषाद

बेलगाड़िया टाउनशिप में सैकड़ों मजदूर लॉकडाउन के बाद फंसे हुए हैं. इनमें ज्यादातर मजदूर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रहने वाले हैं. मजदूरों की संख्या करीब डेढ़ सौ के आसपास है. बेलगड़िया में बसे लोगों द्वारा इनके लिए लगातार पहल की जा रही है, लेकिन वह फिर भी इन मजदूरों की भूख मिटाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. इन मजदूरों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. इन महिलाओं के छोटे-छोटे बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि पिछले कई दिनों से खाने के लिए उन्हें कुछ भी नसीब नहीं हो पा रहा है. महिला मजदूरों ने भी अपनी व्यथा सुनाई.

वहीं, बेलगड़िया टाउनशिप में बसे लोग जो इनके लिए मदद के लिए लगातार प्रयास में जुटे हैं. उनका कहना है कि हम लोग किसी तरह 30-40 पैकेट खाना जुगाड़ कर यहां लाकर बांटते हैं, लेकिन वह खाना इन मजदूरों के लिए पूरा नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि काम धंधा बंद होने के कारण बेलगड़िया में रह रहे लोगों की स्थिति वैसे ही खराब है. ऊपर से करीब डेढ़ सौ मजदूर के समक्ष भी खाने के लिए लाले पड़े हैं.

स्थानीय पुलिस के द्वारा खिचड़ी बनवाकर एक दिन बेलगड़िया में रह रहे लोग और इन मजदूरों को खिलाया गया, लेकिन जब बेलगड़िया में बसे लोगों को ही खाने को नहीं मिल रहा तो फिर इतने मजदूरों का रोज का खाना कहां से जुट पाएगा. उन्होंने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी फोन पर मामले की सूचना दी गई है, लेकिन कोई भी सुध लेने नहीं पहुंच रहा है.

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वहीं, स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि पर्याप्त रूप से लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. बेलगड़िया टाउनशिप में हजारों लोग बसे हैं. यहां ज्यादातर लोग प्रतिदिन कमाने खाने वाले हैं. अब टाउनशिप में बिल्डिंग निर्माण में लगे मजदूर भी यहां फंसे हुए हैं. ऐसे में छोटी सी पहल नहीं बल्कि एक बड़ी पहल करने की आवश्यकता है ताकि बेलगड़िया में बसे लोग यहां फंसे मजदूरों को इस लॉकडाउन में भूख से राहत मिल सके. अब देखना यह है कि आखिर कौन इनके लिए रहनुमा बनकर आता है.

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