धनबाद: जल शक्ति अभियान में धनबाद पूरे देश में प्रथम स्थान में आया है. यह धनबादवासियों के लिए गौरव की बात है कि जनभागीदारी के सहयोग से जिला प्रशासन ने पूरे देश में धनबाद को प्रथम स्थान दिलाया है. वहीं, दूसरी ओर अगर हम देखें तो आज भी धनबाद के अनेकों इलाकों में पानी की बर्बादी हो रही है जिस पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. पीने की पानी के लिए कई इलाकों में हाहाकार भी मचा हुआ है.
उपायुक्त ने कहा पौधारोपण और वर्षा जल संचयन में धनबाद में जनभागीदारी के सहयोग से जिला प्रशासन ने काफी अच्छा काम किया है. इसके लिए धनबाद के लोगों को और मीडिया के भी लोगों को जिला प्रशासन धन्यवाद देती है, लेकिन इसके विपरीत कुछ जगहों पर पानी की बर्बादी भी हो रही है.
77 एमएलडी की जगह मात्र मिलता है 35 एमएलडी पानी
जानकारी के अनुसार धनबाद के शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों के लिए लाइफलाइन माने जाने वाली मैथन डैम से पाइप लाइन के जरिए पानी लाया गया है. यह पानी मैथन जलापूर्ति योजना के तहत बरवाअड्डा स्थित भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी लाया गया है. इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में 77 एमएलडी पानी पहुंचना था लेकिन इस पाइपलाइन में मैथन से लेकर धनबाद आते-आते इतनी पानी की बर्बादी हो जाती है कि मात्र 30 से 35 एमएलडी पानी ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचता है.
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लगातार हो रही पानी की बर्बादी
अवैध कनेक्शन के कारण पानी की बर्बादी हो रही है. कुछ जगहों पर पानी का फव्वारा 20 से 30 फुट ऊपर तक चला जाता है जिस पर जिला प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. यह अनवरत लगभग 10 सालों से चला आ रहा है और 24 घंटे इसी प्रकार पानी की बर्बादी होती है. अब तक लाखों- करोड़ों लीटर पानी बर्बाद हो चुका है और यह अनवरत जारी है.
अवैध कनेक्शन की प्रशासन को भी है जानकारी
गौरतलब है कि इस पाइप लाइन में मैथन से गोविंदपुर इलाके तक 18 से 20 जगहों पर पानी की बर्बादी होती है और पानी का फव्वारा निकलता रहता है. इस बात की जानकारी पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता को भी है. वह खुद इन कनेक्शनों को अवैध भी मानते हैं लेकिन चाह कर भी इन अवैध कनेक्शनों को बंद नहीं करवा पा रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से कई बार केंद्रीय बलों की मांग भी की है ताकि इन अवैध कनेक्शनों को बंद किया जा सके.
कार्यपालक अभियंता कई बार कर चुके हैं रोकने का प्रयास
कार्यपालक अभियंता हरेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय लोकल पुलिस की मदद से उसे रोकने का प्रयास किया गया था लेकिन स्थानीय लोगों के भारी विरोध के चलते यह सफल नहीं हो पाया. उसके बाद उन्होंने जिले के एसएसपी और उपायुक्त महोदय से भी केंद्रीय बलों की मांग की है ताकि इस पर पूर्ण रूप से लगाम लगाया जा सके.
कई इलाकों में पीने के पानी की घोर समस्या
आपको बता दें कि धनबाद के झरिया, बाघमारा और शहरी इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है. यंहा पर पीने के पानी की घोर समस्या व्याप्त है. एक तरफ पानी की बर्बादी हो रही है और प्रशासन बेखबर है.