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Corruption in Mahuda College: जांच के दौरान में भिड़े कर्मचारी और ग्रामीण, डीईओ को बैरंग लौटना पड़ा वापस

धनबाद के महुदा महाविद्यालय में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायत मिल रही थी. जिसकी जांच करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी पहुंची थीं. लेकिन उन्हें बिना जांच किए ही बैरंग वापस लौटना पड़ गया. क्योंकि जांच की दौरान ग्रामीण, कॉलेज के कर्मचारी और सचिव आपस में उलझ गए.

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Published : Dec 24, 2021, 1:52 PM IST

corruption in Mahuda College
महुदा महाविद्यालय में भ्रष्टाचार

धनबाद: महुदा महाविद्यालय में भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) प्रबला खेस कॉलेज पहुंची थीं. जांच के दौरान कॉलेज कार्यालय में ग्रामीण, कर्मचारी और सचिव आपस में ही उलझ गए. विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि सभी एक दूसरे को गाली-गलौज और जूता- चप्पल तक मारने की बात करने लगे. विवाद बढ़ने के कारण बिना जांच किए ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को वापस लौटना पड़ा. कॉलेज की कई संचिका भी वह अपने साथ लेकर चली गईं.

इसे भी पढे़ं: धनबाद में महुदा कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ गोलबंद हुए कर्मी, अनियमितता की जांच की मांग को लेकर करेंगे आंदोलन



मीडिया से बातचीत के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने बताया कि कॉलेज में भ्रष्टाचार की कई लिखित शिकायत मिली थी. उन्हीं शिकायतों की बिंदुवार जांच करने के लिए आए थे. लेकिन लोगों के आपस में उलझने के कारण जांच नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि अब वो अपने कार्यालय में ही संचिका की जांच करेंगी. उन्होंने लोगों से कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में कॉलेज चल रहा है. इसे शांति पूर्वक चलने दें, तभी इस क्षेत्र के बच्चों का भला हो सकता है.

देखें पूरी खबर

आरटीआई के जरिये मांगी गई है कॉलेज संबंधी सूचना


वहीं कॉलेज के प्राचार्य श्याम लाल महतो का कहना है कि कुछ लोग कॉलेज संबंधी सूचना आरटीई के जरिये मांग रहे हैं. आरटीआई मांगने वाले गलत सूचना देकर जानकारी लेना चाह रहे हैं. ऐसे लोग कॉलेज नहीं चलने देना चाहते हैं. जबकि कॉलेज के लिए जमीन दान करने वाले हरेन कुम्भकार का कहना है कि कॉलेज आने पर उन्हें मान सम्मान नहीं मिलता है. कॉलेज के लिए उन्होंने 53 डिसमिल जमीन दान में दी है. हरेन ने भी अपनी शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी से की है. कॉलेज में हो रही गड़बड़ी को लेकर स्थानीय और कर्मचारियों ने सूचना अधिकार के तहत शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी थी. इसे लेकर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन भी किया था.

धनबाद: महुदा महाविद्यालय में भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) प्रबला खेस कॉलेज पहुंची थीं. जांच के दौरान कॉलेज कार्यालय में ग्रामीण, कर्मचारी और सचिव आपस में ही उलझ गए. विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि सभी एक दूसरे को गाली-गलौज और जूता- चप्पल तक मारने की बात करने लगे. विवाद बढ़ने के कारण बिना जांच किए ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को वापस लौटना पड़ा. कॉलेज की कई संचिका भी वह अपने साथ लेकर चली गईं.

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मीडिया से बातचीत के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने बताया कि कॉलेज में भ्रष्टाचार की कई लिखित शिकायत मिली थी. उन्हीं शिकायतों की बिंदुवार जांच करने के लिए आए थे. लेकिन लोगों के आपस में उलझने के कारण जांच नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि अब वो अपने कार्यालय में ही संचिका की जांच करेंगी. उन्होंने लोगों से कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में कॉलेज चल रहा है. इसे शांति पूर्वक चलने दें, तभी इस क्षेत्र के बच्चों का भला हो सकता है.

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आरटीआई के जरिये मांगी गई है कॉलेज संबंधी सूचना


वहीं कॉलेज के प्राचार्य श्याम लाल महतो का कहना है कि कुछ लोग कॉलेज संबंधी सूचना आरटीई के जरिये मांग रहे हैं. आरटीआई मांगने वाले गलत सूचना देकर जानकारी लेना चाह रहे हैं. ऐसे लोग कॉलेज नहीं चलने देना चाहते हैं. जबकि कॉलेज के लिए जमीन दान करने वाले हरेन कुम्भकार का कहना है कि कॉलेज आने पर उन्हें मान सम्मान नहीं मिलता है. कॉलेज के लिए उन्होंने 53 डिसमिल जमीन दान में दी है. हरेन ने भी अपनी शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी से की है. कॉलेज में हो रही गड़बड़ी को लेकर स्थानीय और कर्मचारियों ने सूचना अधिकार के तहत शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी थी. इसे लेकर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन भी किया था.

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