धनबाद: चिड़ियाघर के बारे में आपने जरूर सुना होगा, लेकिन इस चिड़ियाघर में जानवर और पक्षी कम, सांप ज्यादा रखे गए हैं. यह धनबाद के पंचेत इलाके में है. यहां पर एक दो प्रजाति के सांप नहीं, बल्कि कई प्रजाति के सांप रखे गए हैं. बकायदा टिकट लेकर इन सांपों की प्रदर्शनी की जाती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की कीमत होने वाले दो मुंह वाले सांप भी यहां मौजूद हैं. सबसे बड़ी बात की ये प्राइवेट है और इसका एनओसी भी नहीं है.
टिकट लेकर सांपों को देखते हैं लोग
पंचेत में स्नेक रेस्क्यू टीम का काम करने वाले मोहम्मद मुबारक नाम के एक शख्स हैं, जो फोन आने पर लोगों के घरों से और ऑफिसों से सांप पकड़ने का काम करते हैं. उनका कहना है कि वह सांप को पकड़ कर कुछ दिनों तक अपने इस चिड़िया घर में रखते हैं और फिर बाद में जंगल में छोड़ देते हैं. इस चिड़ियाघर में सांप को रखने के बाद बच्चों और लोगों को इस बारे में विशेष जानकारी दी जाती है, लेकिन बिना एनओसी के सांपों को कैद कर रखना सही नहीं है.
कई प्रजाति के हैं सांप
सांपों के इस चिड़ियाघर में कई प्रजाति के सांप रखे गए हैं, जो शीशे में बंद कर रखे गए हैं. यहां पर जहरीले और बिना जहर वाले दोनों तरह के सांप हैं. धामिन, कोबरा, करेत, अजगर यहां तक कि दो मुंह वाले सांप भी यहां मौजूद हैं. जिनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपए बताई जाती है.
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क्यों खास है सैंड बोआ
सैंड बोआ सांप की खासियत ये है कि इसकी पूंछ का आकार मुंह की तरह होता है इसलिए इसे दोमुंहा सांप कहा जाता है. शांत प्रवृति का ये सांप जहरीला नहीं होता. माना जाता है कि इस सांप का मांस खाने से पौरुष क्षमता बढ़ती है. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल तंत्र-मंत्र में भी किया जाता है. यही कारण की दो मुंह वाले सांप की तस्करी की जाती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी बहुत डिमांड है और एक सांप एक करोड़ रुपए तक में बिक जाता है.
कार्रवाई की जाएगी
वहीं, इस संबंध में जब जिले के डीएफओ ने कहा कि किसी भी तरह के जानवर यह सांपों को बगैर लाइसेंस के इस तरह से नहीं रख सकते हैं. ईटीवी भारत से ही मुझे इसकी जानकारी मिल रही है, इसके बारे में उचित जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.