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धनबादः स्कूल के खेल मैदान के बीच में ही किया जा रहा है सड़क का निर्माण, विरोध में धरना पर बैठे लोग

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Published : Jan 9, 2020, 4:36 PM IST

धनबाद के डीएवी प्लस 2 स्कूल के खेल मैदान के बीचो-बीच से सड़क का निर्माण किया गया. जिसके विरोध में स्थानीय लोगों ने धनबाद बचाओ आंदोलन के तहत एक दिवसीय धरना दिया. उनका कहना है कि रेल प्रशासन और नगर निगम की यह सोची समझा चाल है.

Protest over construction of road in school grounds
धरना पर बैठे लोग

धनबाद: जिले में स्कूल के खेल मैदान के बीचो-बीच सड़क निर्माण के विरोध में डीएवी प्लस 2 स्कूल और दरी मोहल्ला के लोगों ने धनबाद बचाओ आंदोलन के तहत एक दिवसीय धरना दिया. जो झारखंड अस्मिता जागृति मंच के बैनर तले रणधीर वर्मा चौक पर दिया गया.

देखें पूरी खबर

धरना पर बैठे मंच के अध्यक्ष रंजीत परमार ने कहा कि स्कूल के खेल मैदान पर सड़क निर्माण कर खेल मैदान के अस्तित्व को समाप्त करने की यह साजिश है. जिसमें रेल प्रशासन और नगर निगम की मिली भगत है. सड़क निर्माण जनहित को ध्यान में रखकर किया जा रहा एक सरहानीय कार्य जरूर है, लेकिन इसके लिए स्कूल मैदान का अस्तित्व मिटा देना भी उतना ही अन्यायपूर्ण भी है. मैदान से सटे बाउंड्रीवाल के बाद भी सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त जगह है. उस दिशा से सड़क निर्माण किया जाना चाहिए था.

सड़क निर्माण के लिए बनाए गए डीपीआर में भी उसी दिशा से सड़क बनना तय हुआ था, जबकि अचानक से सारी योजनाओं को ताक पर रखकर स्कूल के विरुद्ध जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. स्कूल मैदान छीन लेना शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानकों की अवेहलना है.

ये भी पढ़ें- नक्सलियों के गढ़ में शिक्षा का अलख, देश में मिला 3 स्थान

उन्होंने कहा कि इससे स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकती है, जिससे विद्यालय में अध्यनरत 1200 बच्चों का भविष्य संकट में आ जायेगा. धरना को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल 1939 से संचालित है. ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे ही इसमें अध्यनरत हैं. ऐसे में रेल प्रशासन को सड़क निर्माण पर पुनर्विचार करते हुए खेल मैदान स्कूल के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए.

धनबाद: जिले में स्कूल के खेल मैदान के बीचो-बीच सड़क निर्माण के विरोध में डीएवी प्लस 2 स्कूल और दरी मोहल्ला के लोगों ने धनबाद बचाओ आंदोलन के तहत एक दिवसीय धरना दिया. जो झारखंड अस्मिता जागृति मंच के बैनर तले रणधीर वर्मा चौक पर दिया गया.

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धरना पर बैठे मंच के अध्यक्ष रंजीत परमार ने कहा कि स्कूल के खेल मैदान पर सड़क निर्माण कर खेल मैदान के अस्तित्व को समाप्त करने की यह साजिश है. जिसमें रेल प्रशासन और नगर निगम की मिली भगत है. सड़क निर्माण जनहित को ध्यान में रखकर किया जा रहा एक सरहानीय कार्य जरूर है, लेकिन इसके लिए स्कूल मैदान का अस्तित्व मिटा देना भी उतना ही अन्यायपूर्ण भी है. मैदान से सटे बाउंड्रीवाल के बाद भी सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त जगह है. उस दिशा से सड़क निर्माण किया जाना चाहिए था.

सड़क निर्माण के लिए बनाए गए डीपीआर में भी उसी दिशा से सड़क बनना तय हुआ था, जबकि अचानक से सारी योजनाओं को ताक पर रखकर स्कूल के विरुद्ध जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. स्कूल मैदान छीन लेना शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानकों की अवेहलना है.

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उन्होंने कहा कि इससे स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकती है, जिससे विद्यालय में अध्यनरत 1200 बच्चों का भविष्य संकट में आ जायेगा. धरना को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल 1939 से संचालित है. ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे ही इसमें अध्यनरत हैं. ऐसे में रेल प्रशासन को सड़क निर्माण पर पुनर्विचार करते हुए खेल मैदान स्कूल के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए.

Intro:धनबाद:स्कूल के खेल मैदान के बीचो-बीच सड़क निर्माण के विरोध में डीएवी प्लस 2 स्कूल दरी मोहल्ला पुराना बाजार धनबाद बचाओ आंदोलन के तहत झारखण्ड अस्मिता जागृति मंच के बैनर तले रणधीर वर्मा चौक पर एक दिवसीय धरना आहूत किया गया.

Body:धरना पर बैठे मंच के अध्यक्ष रंजीत परमार ने कहा कि स्कूल के खेल मैदान पर सड़क निर्माण कर स्कूल का खेल मैदान के अस्तित्व को समाप्त करने की साजिश रेल प्रशासन और नगर निगम की मिली भगत से हो रही है.सड़क निर्माण जनहित को ध्यान में रखकर किया जा रहा एक सरहानीय कार्य जरूर है पर इसके लिए स्कूल मैदान का अस्तित्व मिटा देना भी उतना ही अन्यायपूर्ण भी है.मैदान से सटे बाउंड्रीवाल के बाद भी सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त जगह है.उस दिशा से सड़क निर्माण किया जाना चाहिए था. सड़क निर्माण के लिए बनाए गए डीपीआर में भी उसी दिशा से सड़क बनना तय हुआ था जबकि अचानक से सारे योजनाओ को ताक पर रखकर स्कूल के विरुद्ध जाकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है.स्कूल मैदान छीन लेना शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानकों की अवेहलना है.

चाहिए अन्यथा आम जनता उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी।Conclusion:उन्होंने कहा इससे स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकती है जिससे विद्यालय में अध्यनरत 1200 बच्चो का भविष्य संकट में आ जायेगा. धरना को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल 1939 से संचालित है.ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे ही इसमें अध्यनरत है. ऐसे में रेल प्रशासन को सड़क निर्माण में पुनर्विचार करते हुए खेल मैदान स्कूल के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए.

बाइट-रणजीत सिंह परमार समाजसेवी
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