श्रीनगर: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने लेबनान और गाजा के 'शहीदों' के प्रति एकजुटता दिखाते हुए रविवार को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार अभियान को रद्द कर दिया है. उन्होंने लेबनान में आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह के प्रति भी अपनी एकजुटता दिखाई है.
बता दें कि नसरल्लाह शुक्रवार को इजरायल द्वारा हवाई हमले में मारा गया था. हिजबुल्लाह ने शनिवार को नसरल्लाह के मारे जाने की पुष्टि की थी. इससे पहले इजराइली सेना ने घोषणा की थी कि हसन नसरल्लाह अब दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएंगा. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने आज अपना प्रचार अभियान रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़ी है.
Cancelling my campaign tomorrow in solidarity with the martyrs of Lebanon & Gaza especially Hassan Nasarullah. We stand with the people of Palestine & Lebanon in this hour of immense grief & exemplary resistance.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 28, 2024
मुफ्ती ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, 'लेबनान और गाजा के शहीदों, खास तौर पर हसन नसरुल्लाह के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मैं कल अपना अभियान रद्द कर रही हूं. हम इस दुख की घड़ी में फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं.' वहीं, आतंकवादियों के द्वारा हत्या के खिलाफ आज जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का आखिर चरण का मतदान एक अक्टूबर को है. चुनाव को देखते हुए राज्य में प्रचार अभियान चरण पर है. केंद्र शासित प्रदेश में आखिरी चरण में 40 सीटों पर मतदान होना है.
मध्य पूर्व में तनाव
मध्य पूर्व में हाल के हफ्तों में इजराइल और लेबनान के बीच हुए हमलों और जवाबी हमलों के कारण युद्ध की स्थिति बन गई है. तीन दशकों से अधिक समय तक आतंकवादी समूह का नेतृत्व करने वाले नसरल्लाह के खात्मे के बाद संघर्ष एक नया मोड़ ले सकता है. शुक्रवार को बेरूत में नसरल्लाह को निशाना बनाकर किए गए हमले में इजरायल ने लगातार पांच घंटे तक हमला किया.
यह शहर पर इजरायल द्वारा किया गया अब तक का सबसे शक्तिशाली हमला था. यह संघर्ष करीब एक साल से गाजा युद्ध के समानांतर चल रहा है. इस हमले के बढ़ने से यह आशंका बढ़ गई है कि संघर्ष नियंत्रण से बाहर हो सकता है और इसमें हिजबुल्लाह के मुख्य समर्थक ईरान के साथ-साथ अमेरिका भी शामिल हो सकता है.