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फेल साबित हो रहा सरकार का स्वच्छ भारत अभियान! लोग खुले में शौच जाने को विवश

धनबाद के पंचमोहली पंचायत में स्वच्छता अभियान की सच्चाई ही कुछ और है. यहां के लोगों को विवश होकर खुले में शौच जाना पड़ता है. सरकार की लापरवाही का खामियाजा यहां के लोगों, दिव्यांग, बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.

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Published : Mar 26, 2019, 8:11 PM IST

धनबाद: राज्य सरकार द्वारा जोर-शोर से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत सभी को शौचालय देने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन केंद्र सरकार की स्वच्छता योजना यहां मजाक बन कर रह गई है. धनबाद के पंचमोहली पंचायत में इस अभियान की सच्चाई ही कुछ और है. लोगों को विवश होकर खुले में शौच जाना पड़ता है.

पंचमोहली पंचायत में लोगों को शौचालय भी नसीब नहीं हो पाया है. यहां के दिव्यांग तक को शौचालय नहीं मिला है. पंचायत के वार्ड नंबर 5 के रहने वाले छोटू कुमार भगत का कहना है कि वो जन्म से ही दिव्यांग है और उनका एक बेटा भी दिव्यांग है. उसके बाद भी उन्हें शौचालय नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि मुखिया के पास कई बार जाने के बाद भी शौचालय नहीं मिला. जिसके कारण इन्हें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है.

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सरकार का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति स्वयं से शौचालय बना ले तो मुखिया द्वारा उसे 12 हजार की राशि उपलब्ध करा दी जाएगी. मुखिया के कहे जाने के बाद भोला यादव ने लोन लेकर शौचालय बनवाया. लेकिन उन्हें मुखिया द्वारा राशि नहीं दी गई. अब भोला बेचैन है कि वो लोन की राशि कैसे वापस करें.

ये भी पढ़ें-रांची में दिनदहाड़े फायरिंग, इलाज के दौरान रिम्स में युवक की मौत

वार्ड नंबर 5 की वार्ड सदस्य अंजना श्रीवास्तव का कहना है कि मुखिया द्वारा शौचालय निर्माण में घोर अनियमितता बरती गई है. बहुत लोगों का नाम रहने के बावजूद भी उन्हें शौचालय नहीं मिल पा रहा. जिसकी शिकायत उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी से भी की. उन्हें उचित जांच का आश्वासन भी मिला था, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.

वहीं, पंचायत की मुखिया बेला राय के पति ने बताया कि फंड की कमी के कारण बहुत से लोगों का शौचालय नहीं बना है. साथ ही कहा कि जैसे-जैसे शौचालय का फंड आ रहा है, वैसे-वैसे शौचालय बनाया जा रहा है.

धनबाद: राज्य सरकार द्वारा जोर-शोर से स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत सभी को शौचालय देने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन केंद्र सरकार की स्वच्छता योजना यहां मजाक बन कर रह गई है. धनबाद के पंचमोहली पंचायत में इस अभियान की सच्चाई ही कुछ और है. लोगों को विवश होकर खुले में शौच जाना पड़ता है.

पंचमोहली पंचायत में लोगों को शौचालय भी नसीब नहीं हो पाया है. यहां के दिव्यांग तक को शौचालय नहीं मिला है. पंचायत के वार्ड नंबर 5 के रहने वाले छोटू कुमार भगत का कहना है कि वो जन्म से ही दिव्यांग है और उनका एक बेटा भी दिव्यांग है. उसके बाद भी उन्हें शौचालय नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि मुखिया के पास कई बार जाने के बाद भी शौचालय नहीं मिला. जिसके कारण इन्हें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है.

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सरकार का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति स्वयं से शौचालय बना ले तो मुखिया द्वारा उसे 12 हजार की राशि उपलब्ध करा दी जाएगी. मुखिया के कहे जाने के बाद भोला यादव ने लोन लेकर शौचालय बनवाया. लेकिन उन्हें मुखिया द्वारा राशि नहीं दी गई. अब भोला बेचैन है कि वो लोन की राशि कैसे वापस करें.

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वार्ड नंबर 5 की वार्ड सदस्य अंजना श्रीवास्तव का कहना है कि मुखिया द्वारा शौचालय निर्माण में घोर अनियमितता बरती गई है. बहुत लोगों का नाम रहने के बावजूद भी उन्हें शौचालय नहीं मिल पा रहा. जिसकी शिकायत उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी से भी की. उन्हें उचित जांच का आश्वासन भी मिला था, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.

वहीं, पंचायत की मुखिया बेला राय के पति ने बताया कि फंड की कमी के कारण बहुत से लोगों का शौचालय नहीं बना है. साथ ही कहा कि जैसे-जैसे शौचालय का फंड आ रहा है, वैसे-वैसे शौचालय बनाया जा रहा है.

Intro:धनबाद:एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान जोरों पर चल रही है. जिसके तहत सभी को शौचालय देने का लक्ष्य रखा गया है. तो दूसरी तरफ जिले के कई इलाकों में लोगों को शौचालय भी नसीब नहीं हो पा रहा है. ऐसा ही एक मामला जिले के ग्यारकुंड प्रखंड के पंचमोहली पंचायत में देखने को मिला जहां पर दिव्यांग लोगों को भी शौचालय नहीं मिल पाया.


Body:आप जो नजारा देख रहे हैं यह पंचमोहली पंचायत का नजारा है. जहां पर लोगों को शौचालय भी नसीब नहीं हो पाया है.और तो और दिव्यांग तक को शौचालय नहीं मिला है. पंचायत के वार्ड नंबर 5 के रहने वाले छोटू कुमार भगत का कहना है कि वह जन्म से ही विकलांग है और उनका एक बेटा भी विकलांग है. उसके बाद जो शौचालय नहीं मिल पाया है मुखिया के पास कई बार जाने के बाद भी इन्हें शौचालय नहीं मिला. और इन्हें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है.

वहीं सरकार का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति स्वयं से शौचालय बना ले तो मुखिया के द्वारा उसे 12 हजार की राशि उपलब्ध करा दी जाएगी.मुखिया के कहे जाने के बाद भोला यादव ने खुद से लोन लेकर शौचालय बनवाया.लेकिन उन्हें मुखिया के द्वारा राशि नहीं दी गई.अब भोला ज्यादा बेचैन है कि वह लोन की राशि कैसे वापस करें.

वह वार्ड नंबर 5 की वार्ड सदस्य अंजना श्रीवास्तव का कहना है कि मुखिया के द्वारा शौचालय निर्माण में घोर अनियमितता बरती गई है ओर शौचालय निर्माण के लिए कई लोगों का नाम देने के बाद भी मुखिया उस नाम को काट देते हैं.बहुत लोगों का नाम रहने के बावजूद भी उन्हें शौचालय नहीं दे रहे हैं.जिसकी शिकायत वार्ड मेंबर अंजना श्रीवास्तव ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से भी की. उचित जांच का आश्वासन भी मिला था लेकिन नतीजा सिफर ही रहा.


Conclusion:वहीं जब इन सारे सवालों का जवाब पंचायत की मुखिया बेला राय से लेने का प्रयास किया गया तो मुखिया प्रतिनिधि व उनके पति नगें राय घर से बाहर निकले और उन्होंने फंड की कमी होना इन सभी का कारण बताया. उन्होंने इस बात को माना कि पंचायत में बहुत लोगों का शौचालय नहीं बना है.जैसे-जैसे शौचालय का फंड आ रहा है. वैसे-वैसे शौचालय मनाया जा रहा है.परंतु सवाल यह उठता है कि 5 साल के कार्यकाल में 4 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक शौचालय नहीं बन पाया तो और दूसरा काम क्या होगा.

बाइट

1. छोटू कुमार भगत- दिव्यांग
2. भोला यादव
3.अंजना श्रीवास्तव- वार्ड मेंबर 5
4.नगेन राय-मुखिया पति
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