धनबाद: वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व को परेशान कर रखा है. भारत में भी लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. भारत में लॉकडाउन के बाद ट्रेनें जहां-तहां ठहर गईं हैं. धनबाद में पैंट्री कार के कई कर्मचारियों ने ट्रेनों में ही अपना आशियाना बना रखा है.
ट्रेन में फंसे कर्मचारी
बता दें कि लॉकडाउन के बाद पूरे देश में सवारी गाड़ियों का परिचालन बंद है. सिर्फ माल गाड़ियां चल रही हैं. इस लॉकडाउन के बाद भी धनबाद स्टेशन में लगातार दो दिनों तक ट्रेनों का आना-जाना लगा रहा. क्योंकि लॉकडाउन से पहले जो गाड़ियां खुल चुकी थी उन गाड़ियों को अपने गंतव्य तक पहुंचना था. इसी क्रम में धनबाद-अल्लापूजा एक्सप्रेस के 6 रैक के 30 से 35 पैंट्री कर्मचारी धनबाद में ट्रेनों में फंसे हुए हैं.
खाने-पीने की नहीं दिक्कत
ट्रेनों में रहना, खाना, पीना, सोना आदि सभी इन कर्मचारियों को ट्रेनों में ही करना पड़ रहा है. कर्मचारी चाह कर भी अब अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. कोई बिहार, कोई बंगाल तो कोई ओडिशा आदि कई राज्यों के कर्मचारी इन में शामिल हैं. पैंट्री कार के कर्मचारियों ने कहा कि हमें यहां पर खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं हो रही है. रेलवे और हमारे मैनेजर के द्वारा खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन घर नहीं जाने का दुख है, क्योंकि इस समय पर परिवार के सदस्यों के साथ रहना अच्छा रहता. बता दें कि यह सभी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट में पेंट्री कार में काम करते हैं.
हम सरकार के साथ हैं
पैंट्री कार के कर्मचारियों ने बताया कि दिक्कत हो रही है, लेकिन फिर भी सरकार ने जो निर्णय लिया है उसका वह स्वागत करते हैं. कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने अगर इतना बड़ा निर्णय लिया है तो इसमें हम सभी को सरकार का साथ देना चाहिए. कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में हमारी यह दिक्कत कुछ भी नहीं है हम सरकार के साथ हैं. सरकार ने कुछ सोच समझकर ही इतना बड़ा निर्णय लिया है.
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ये सभी रेलवे की जिम्मेवारी
वहीं, रेल अधिकारी से जब इस बाबत बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जितने भी लोग फंसे हुए हैं इन सभी की जिम्मेवारी रेलवे की है और किसी को भी किसी प्रकार क दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. सभी की स्वास्थ्य जांच भी की गई है और सभी स्वस्थ हैं. आगे भी सभी प्रकार की जिम्मेवारी रेलवे प्रशासन निभाएगी.