धनबाद: शहर से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर झरिया सिंदरी मुख्य मार्ग है, जो मौत की सड़क बन चुकी है. इस सड़क पर प्रतिदिन हजारों बड़ी गाड़िया गुजरती है. जिसके कारण घटना घट रही है. कुछ दिन पहले झरिया के सिंह नगर के पास हाइवा ट्रक की चपेट में आने से 19 साल की एक लड़की की मौत हो गयी थी. लड़की की मौत पर जमकर लोगों ने हंगामा भी किया था. जिला प्रशासन ने आश्वासन भी दिया कि बड़े वाहनों पर जल्द ही रोक लगाया जाएगा. लेकिन इस दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया.
नहीं होता है नो इंट्री का पालन
झरिया के लोगों का कहना है कि अब तो घर से बाजार जाने में भी डर लगता है, कहीं किसी हाइवा की चपेट में ना आ जाए. घर के कोई भी सदस्य बाहर जाता है तो तब तक चिंता बानी रहती है जब तक वो वापस ना आ जाए. हाइवा की चपेट में अपनी मां और अपने बेटे को खो चुके परिवार के लोगों का कहना है कि जब शहर में नो एंट्री लगी होती है. बड़े वाहनों का प्रवेश मना है तो झरिया की सड़कों पर हाइवा ट्रक कैसे दौड़ रहा है. आखिर इसे रोका क्यों नहीं जाता है. जो हादसा उनके साथ हुआ है, वह दूसरों के साथ ना हो.
पार्षद ने डीटीओ के उपर लगाए आरोप
लगातार हो रही सड़क दुर्घटना को लेकर पार्षद ने डीटीओ के उपर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बीसीसीएल प्रबंधन की तरफ से जिला परिवहन विभाग को मोटी रकम की पेशगी की जाती है. जिस कारण कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है. वाहनों के फिटनेस में कई त्रुटियां हैं. हाइवा चलाने वाले ड्राइवर कम उम्र के होते हैं. इस कारण भी आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में लोग अपनी जान गवां बैठते हैं.
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नो इंट्री का उल्लंघन करने पर कार्रवाई
धनबाद एसडीएम सुरेंद्र कुमार ने कहा कि शहर में नो इंट्री है और नो इंट्री का उल्लंघन करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. नियम ताड़ने का अधिकार किसी को नहीं है. इसके साथ ही डीटीओ ओमप्रकाश यादव ने कहा कि मामले की जांच पड़ताल की जाएगी. यदि यह इलाका नो एंट्री वाले जोन में आता है तो भारी वाहनों का परिचालन हर हाल में नहीं होने दिया जाएगा. वाहनों की फिटनेस को लेकर उन्होंने कहा कि लगातार माइंस में चलने वाले वाहनों और सामान्य वाहनों के फिटनेस की जांच की जा रही है.