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... नहीं तो कर लूंगा आत्मदाह, जानिए किसने और क्यों कहा ?

आर्थिक बदहाली से परेशान झारखंड के राष्ट्रीय पैरा एथलीट खिलाड़ी अजय कुमार पासवान ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. अजय कुमार ने मदद नहीं मिलने पर खुदकुशी की चेतावनी भी दी है.

Ajay Paswan sought help from government
सरकार से मदद की गुहार
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Published : Jan 21, 2022, 4:30 PM IST

Updated : Jan 21, 2022, 8:35 PM IST

धनबाद: आर्थिक तंगी और बदहाली से परेशान राष्ट्रीय पैरा एथलीट खिलाड़ी अजय कुमार पासवान ने सरकार से मदद की गुहार लगायी है. समाहरणालय में उपायुक्त से मुलाकात कर उन्होंने अपनी परेशानियों की जानकारी दी. इससे पहले भी वे उपायुक्त से कई बार मिल चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली है. अजय पासवान ने नौकरी दिलाने की मांग की और कहा कि अगर सरकार की तरफ से सहायता नहीं मिलती है तो वे खुदकुशी के लिए मजबूर हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें- उधार की बंदूक से सटीक निशाना, राष्ट्रीय टीम में चयन, एक अदद रायफल को मोहताज

मेडल बचेने की चेतावनी

आर्थिक परेशानियों से तंग राष्ट्रीय पैरा एथलीट ने मेडल बेचने की चेतावनी दे डाली है. जिले के कतरास मलकेरा 4 नंबर निवासी अजय कुमार पासवान ने मेडल के साथ उपायुक्त से मुलाकात की और अपनी समस्या से अवगत कराया. शुक्रवार को दिव्यांग राष्ट्रीय पैरा एथलीट अजय कुमार पासवान ने उपायुक्त को बताया कि वह बेहद गरीब है. सरकार से प्रतिमाह 1000 रुपये पेंशन मिलती है. वह भी फिलहाल 4 महीनों से बंद है. घरवालों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. उनके पास मेडल बेचने के सिवाय कोई चारा नहीं है.

देखें वीडियो

घर की आर्थिक हालत दयनीय

दिव्यांग ने बताया कि उसके पिता टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं. घर चलाने के लिए कोई और सदस्य नहीं है. पैरा एथलीट अजय पासवान ने उपायुक्त से मिलकर नियोजन की मांग की है. बोलने में असमर्थ अजय उपायुक्त कार्यालय में अपनी छोटी बहन के साथ पहुंचे. उनकी बहन ने बताया कि अजय राज्यस्तरीय एवं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं. जिसमें दो दर्जन से अधिक कुल 24 मेडल वे जीत चुके हैं. साल 2017 में अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उसे बेलारूस जाने का भी अवसर मिला था लेकिन पैसे के अभाव में वे नहीं जा सके. मीडिया से बात करते हुए अजय कुमार पासवान ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत ही दयनीय है. पिता टीबी रोग से ग्रसित हैं जिस कारण डॉक्टर ने उन्हें घर पर रहकर आराम करने की सलाह दी है. ऐसे में एक छोटे भाई के दम पर पूरा परिवार चल रहा है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितने मेडल जीतने के बाद इस तरह की दुर्दशा से काफी व्यथित हैं. जिला प्रशासन और राज्य सरकार हमें नियोजन दिलाएं अन्यथा आत्महत्या को मजबूर होंगे.

मिल रहा है आश्वासन

उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में भी उपायुक्त से मुलाकात की थी उसके बाद मदद का आश्वासन जरूर मिला था. लेकिन उस पर कोई पहल नहीं की गई. उपायुक्त से मुलाकात करने के बाद उन्होंने जिला खेल पदाधिकारी से मुलाकात करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि वे सभी पदाधिकारी से मुलाकात करेंगे और अगर कोई पहल नहीं होती है तो वह आत्महत्या करने को विवश होंगे.

धनबाद: आर्थिक तंगी और बदहाली से परेशान राष्ट्रीय पैरा एथलीट खिलाड़ी अजय कुमार पासवान ने सरकार से मदद की गुहार लगायी है. समाहरणालय में उपायुक्त से मुलाकात कर उन्होंने अपनी परेशानियों की जानकारी दी. इससे पहले भी वे उपायुक्त से कई बार मिल चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली है. अजय पासवान ने नौकरी दिलाने की मांग की और कहा कि अगर सरकार की तरफ से सहायता नहीं मिलती है तो वे खुदकुशी के लिए मजबूर हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें- उधार की बंदूक से सटीक निशाना, राष्ट्रीय टीम में चयन, एक अदद रायफल को मोहताज

मेडल बचेने की चेतावनी

आर्थिक परेशानियों से तंग राष्ट्रीय पैरा एथलीट ने मेडल बेचने की चेतावनी दे डाली है. जिले के कतरास मलकेरा 4 नंबर निवासी अजय कुमार पासवान ने मेडल के साथ उपायुक्त से मुलाकात की और अपनी समस्या से अवगत कराया. शुक्रवार को दिव्यांग राष्ट्रीय पैरा एथलीट अजय कुमार पासवान ने उपायुक्त को बताया कि वह बेहद गरीब है. सरकार से प्रतिमाह 1000 रुपये पेंशन मिलती है. वह भी फिलहाल 4 महीनों से बंद है. घरवालों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. उनके पास मेडल बेचने के सिवाय कोई चारा नहीं है.

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घर की आर्थिक हालत दयनीय

दिव्यांग ने बताया कि उसके पिता टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं. घर चलाने के लिए कोई और सदस्य नहीं है. पैरा एथलीट अजय पासवान ने उपायुक्त से मिलकर नियोजन की मांग की है. बोलने में असमर्थ अजय उपायुक्त कार्यालय में अपनी छोटी बहन के साथ पहुंचे. उनकी बहन ने बताया कि अजय राज्यस्तरीय एवं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं. जिसमें दो दर्जन से अधिक कुल 24 मेडल वे जीत चुके हैं. साल 2017 में अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उसे बेलारूस जाने का भी अवसर मिला था लेकिन पैसे के अभाव में वे नहीं जा सके. मीडिया से बात करते हुए अजय कुमार पासवान ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत ही दयनीय है. पिता टीबी रोग से ग्रसित हैं जिस कारण डॉक्टर ने उन्हें घर पर रहकर आराम करने की सलाह दी है. ऐसे में एक छोटे भाई के दम पर पूरा परिवार चल रहा है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितने मेडल जीतने के बाद इस तरह की दुर्दशा से काफी व्यथित हैं. जिला प्रशासन और राज्य सरकार हमें नियोजन दिलाएं अन्यथा आत्महत्या को मजबूर होंगे.

मिल रहा है आश्वासन

उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में भी उपायुक्त से मुलाकात की थी उसके बाद मदद का आश्वासन जरूर मिला था. लेकिन उस पर कोई पहल नहीं की गई. उपायुक्त से मुलाकात करने के बाद उन्होंने जिला खेल पदाधिकारी से मुलाकात करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि वे सभी पदाधिकारी से मुलाकात करेंगे और अगर कोई पहल नहीं होती है तो वह आत्महत्या करने को विवश होंगे.

Last Updated : Jan 21, 2022, 8:35 PM IST
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