धनबाद: कोरोना वायरस के कहर ने पूरे विश्व में कोहराम मचा रखा है. पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. लॉकडाउन के इस कहर के कारण सबसे ज्यादा परेशानी मजदूर वर्गों को उठानी पड़ी है. लगातार मजदूर अपने घर जाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. कहीं पैदल, कहीं साइकिल तो कहीं सरकारी सुविधा के जरिए लोग अपने घर पहुंच रहे हैं.
राजस्थान के 117 मजदूर
लॉकडाउन घोषित होने के साथ ही लगातार मजदूरों के आने-जाने का सिलसिला जारी है. लोग कहीं साइकिल लेकर तो कहीं पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े हैं. धनबाद में भी राजस्थान के फंसे हुए 117 लोगों को जिला प्रशासन बसों के माध्यम से रांची भेजने की तैयारी में जुटी हुई है. यहां से उन्हें गुरुवार को स्पेशल ट्रेन से राजस्थान भेजा जाएगा.
राजस्थान के 117 लोगों में धनबाद के 113 और जामताड़ा जिले के 4 लोग शामिल हैं. इनमें ज्यादातर मजदूर वो हैं, जो लॉकडाउन के बाद झारखंड में फंस गए थे. उन्होंने लगातार राजस्थान सरकार और झारखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई और अंत में इन्हें धनबाद जिला प्रशासन बसों के माध्यम से रांची भेजेगा, जहां से हटिया से एक स्पेशल ट्रेन से इन लोगों को राजस्थान भेजा जाएगा.
पश्चिम बंगाल के भी मजदूर
राजस्थान के अलावा पश्चिम बंगाल भी एक बस भेजने की तैयारी में जिला प्रशासन जुटी हुई है. बंगाल के भी कई मजदूर बुधवार को गोल्फ ग्राउंड मैदान में अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. उन्होंने बताया कि वे लोग बंगाल की एक कंपनी में ठेका में काम करते थे. उन्हीं कंपनी के अंदर धनबाद में काम चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद वह कंपनी और ठेकेदार दोनों ही भाग गए और इनके सामने खाने की समस्या हो गई, लेकिन झारखंड सरकार के द्वारा इनके खाने की व्यवस्था की गई, जिसके लिए इन्होंने झारखंड सरकार को धन्यवाद भी कहा है.
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धनबाद जिला परिवहन पदाधिकारी ओम प्रकाश यादव ने बताया कि सबसे पहले इन लोगों की जांच करवाई गई फिर इन्हें खाना और पानी देकर बसों में बैठा कर इन्हें रांची भेजा जाएगा, जहां से यह लोग राजस्थान के लिए रवाना होंगे. उन्होंने बताया कि हर दिन धनबाद के गोल्फ ग्राउंड मैदान में लगभग 700 लोगों का आना जाना है, जिसकी व्यवस्था में जिला प्रशासन जुटी हुई है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोग आ रहे हैं, जो धनबाद के अलावे दूसरों जिले से ज्यादा की संख्या में होते हैं. उन सभी को उनके घर तक भेजने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन उठा रहा है.