ETV Bharat / bharat

डिजिटल भारत फंड का करीब 51 फीसदी ही हुआ इस्तेमाल, मंत्री ने लोकसभा में दिया जवाब - DIGITAL BHARAT NIDHI FUNDS

यूनिफाइड लाइसेंस शर्तों के तहत दूरसंचार कंपनियां अपने एडजस्ट ग्रोस रेवेन्यु का 5 प्रतिशत UAL के रूप में भुगतान करती हैं.

डिजिटल भारत निधि का केवल 51.4 प्रतिशत फंड ही हुआ इस्तेमाल,
डिजिटल भारत निधि का केवल 51.4 प्रतिशत फंड ही हुआ इस्तेमाल, (Getty Images)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2024, 5:08 PM IST

नई दिल्ली: मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर कम्युनिकेशन पेम्मासानी चंद्रशेखर ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि डिजिटल भारत निधि (जिसे पहले यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के नाम से जाना जाता था) के तहत यूनिवर्सल एक्सेस लेवी के रूप में केंद्र सरकार ने इस साल 31 मार्च तक 1.6 लाख करोड़ रुपये कलेक्ट किए.

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय से आवंटित इस राशि में से केवल 51.4 प्रतिशत यानी 83,726 करोड़ रुपये का ही इस साल 30 सितंबर तक पूरी तरह से उपयोग किया गया है. मंत्री ने डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि द्वारा उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.1 अप्रैल, 2002 (जब USOF की स्थापना की गई थी, लेकिन 2003 में इसे वैधानिक दर्जा दिया गया था) से 31 मार्च 2024 के बीच यूएसओएफ ने 1,62,871,64 करोड़ जमा किए.

कहां होता है USOF का इस्तेमाल?
बता दें कि यूनिफाइड लाइसेंस शर्तों के तहत दूरसंचार कंपनियां अपने एडजस्ट ग्रोस रेवेन्यु का 5 प्रतिशत UAL के रूप में भुगतान करती हैं. यूएसओएफ का उपयोग देश के वंचित, ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाता है.

पेम्मासानी ने लिखित जवाब में बताया कि 1 अप्रैल 2021 से 30 सितंबर 2024 के बीच सरकार ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 22,323.87 करोड़ रुपये वितरित किए. 1 अप्रैल 2021 के बाद से वित्त वर्ष 2024 में 8,791.17 करोड़ रुपये की अधिकतम धनराशि वितरित की गई.

यूएसओएफ/डीबीएन का उपयोग भारतनेट, 4जी परियोजना, आकांक्षी जिलों के कवर न किए गए क्षेत्रों में मोबाइल सेवाओं का प्रावधान, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल सेवाओं का प्रावधान, हिमालयी और सीमावर्ती क्षेत्रों, द्वीपों, पूर्वोत्तर क्षेत्रों, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और असम के दो जिलों में मोबाइल सेवाओं का प्रावधान जैसी परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है.

सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल को दिए गए एक अन्य जवाब में पेम्मासानी ने यह भी बताया कि डीबीएन/यूएसओएफ का इस्तेमाल चेन्नई और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और कोच्चि और लक्षद्वीप द्वीप समूह के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिए किया गया था.

कांग्रेस सांसद अमर सिंह के एक सवाल के जवाब में पेम्मासानी ने कहा कि डीबीएन प्रशासक ने 552 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ कम्युनिकेश प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी में रिसर्च और डेवलपमेंट पर केंद्रित कंपनियों, स्टार्ट-अप, अनुसंधान और विकास तथा शैक्षणिक संस्थानों के 132 प्रस्तावों को मंजूरी दी थी.

यह भी पढ़ें-

नई दिल्ली: मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर कम्युनिकेशन पेम्मासानी चंद्रशेखर ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि डिजिटल भारत निधि (जिसे पहले यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के नाम से जाना जाता था) के तहत यूनिवर्सल एक्सेस लेवी के रूप में केंद्र सरकार ने इस साल 31 मार्च तक 1.6 लाख करोड़ रुपये कलेक्ट किए.

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय से आवंटित इस राशि में से केवल 51.4 प्रतिशत यानी 83,726 करोड़ रुपये का ही इस साल 30 सितंबर तक पूरी तरह से उपयोग किया गया है. मंत्री ने डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि द्वारा उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.1 अप्रैल, 2002 (जब USOF की स्थापना की गई थी, लेकिन 2003 में इसे वैधानिक दर्जा दिया गया था) से 31 मार्च 2024 के बीच यूएसओएफ ने 1,62,871,64 करोड़ जमा किए.

कहां होता है USOF का इस्तेमाल?
बता दें कि यूनिफाइड लाइसेंस शर्तों के तहत दूरसंचार कंपनियां अपने एडजस्ट ग्रोस रेवेन्यु का 5 प्रतिशत UAL के रूप में भुगतान करती हैं. यूएसओएफ का उपयोग देश के वंचित, ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाता है.

पेम्मासानी ने लिखित जवाब में बताया कि 1 अप्रैल 2021 से 30 सितंबर 2024 के बीच सरकार ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 22,323.87 करोड़ रुपये वितरित किए. 1 अप्रैल 2021 के बाद से वित्त वर्ष 2024 में 8,791.17 करोड़ रुपये की अधिकतम धनराशि वितरित की गई.

यूएसओएफ/डीबीएन का उपयोग भारतनेट, 4जी परियोजना, आकांक्षी जिलों के कवर न किए गए क्षेत्रों में मोबाइल सेवाओं का प्रावधान, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल सेवाओं का प्रावधान, हिमालयी और सीमावर्ती क्षेत्रों, द्वीपों, पूर्वोत्तर क्षेत्रों, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और असम के दो जिलों में मोबाइल सेवाओं का प्रावधान जैसी परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है.

सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल को दिए गए एक अन्य जवाब में पेम्मासानी ने यह भी बताया कि डीबीएन/यूएसओएफ का इस्तेमाल चेन्नई और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और कोच्चि और लक्षद्वीप द्वीप समूह के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिए किया गया था.

कांग्रेस सांसद अमर सिंह के एक सवाल के जवाब में पेम्मासानी ने कहा कि डीबीएन प्रशासक ने 552 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ कम्युनिकेश प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी में रिसर्च और डेवलपमेंट पर केंद्रित कंपनियों, स्टार्ट-अप, अनुसंधान और विकास तथा शैक्षणिक संस्थानों के 132 प्रस्तावों को मंजूरी दी थी.

यह भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.