धनबाद: जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूर बसा प्राकृतिक स्वर्ग कहे जाने वाला मैथन डैम झारखंड के लिए आकर्षण का केंद्र है. यहां लाखों की संख्या में सैलानी हर साल आते हैं. नव वर्ष आगमन को लेकर मैथन डैम को दुल्हन की तरह सजाया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक मैथन डैम की ओर आकर्षित हो सकें. वैसे तो मैथन डैम में सालों भर पर्यटक का आना जाना लगा रहता है लेकिन दिसंबर और जनवरी माह में ज्यादा से ज्यादा सैलानी मैथन डैम आते हैं.
दामोदर वैली कॉरपोरेशन करती है संवारने का काम
मैथन डैम झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है. देश के दूसरे राज्यों से भी लोग मैथन डैम घूमने आते हैं. प्रकृति का अद्भुत नजारा मैथन डैम में देखने को मिलता है. मैथन डैम में पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां नौका विहार, सुंदर-सुंदर फूलों का बगीचा और मीलों दूर तक पानी ही पानी देखने को मिलता है. इसके कारण पर्यटक मैथन डैम की ओर आकर्षित होते हैं. नए साल के आगमन को लेकर मैथन डैम को दामोदर वैली कॉरपोरेशन की ओर से खूब सजाया जाता है.
ये भी पढ़ें-हेमंत सरकार के एक साल को विपक्ष ने बताया फेल तो सत्ता पक्ष ने कहा- पटरी पर लाए स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था
हालांकि, पिछले कुछ माह में कोरोना के कारण यहां सैलानी काफी कम दिखे. लॉकडाउन खत्म होने के पश्चात मैथन डैम में सैलानी खुद को रोक नहीं पा रहे हैं. दिल्ली, रांची, कलकत्ता सभी जगह से लोग यहां घूमने फिरने आ रहे हैं. दामोदर वैली कॉरपोरेशन की ओर से सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे-चप्पे पर पुलिस प्रशासन की तैनाती की गई है ताकि कोई अप्रिय घटना न घट सके जिसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है. नौका विहार करने वाले पर्यटकों को लाइफ जैकेट भी दिया जा रहा है. मैथन डैम में खासकर पर्यटक दिसंबर और जनवरी माह में वनभोज का काफी लुफ्त उठाते हैं.
रेवेन्यू जेनरेट कर सकती है सरकार
मैथन डैम झारखंड का अत्यधिक सुंदर पर्यटक स्थल है. अगर राज्य सरकार मैथन डैम पर और थोड़ा ध्यान आकर्षित करे तो मैथन डैम को और सजाया संवारा जा सकता है जिससे राज्य सरकार को काफी रेवेन्यू की प्राप्ति हो सकती है और यहां के स्थानीय बेरोजगार युवकों को रोजगार मुहैया करा सकती है.