धनबाद: कोयला नगरी होने के बावजूद जिले के एक बड़े हिस्से में खेती की जाती है. जिले के गोविंदपुर, टुंडी, बाघमारा, बलियापुर इलाकों में काफी संख्या में लोग खेती करते हैं और उसी पर निर्भर हैं. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने भी किसानों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है.
गोविंदपुर प्रखंड के तेतुलियाटांड गांव में कृषक पाठशाला का आयोजन किया गया. जिसमें जियलगढ़ा पंचायत के किसान काफी संख्या में उपस्थित हुए. नई तकनीक से खेती करने की विधि के बारे में ब्लॉक से आए हुए पदाधिकारियों से सीखा.
गोविंदपुर प्रखंड से इस पाठशाला में आए हुए सहायक तकनीकी प्रबंधक मुकेश राय ने बताया कि श्री विधि और लाइन स्विंग विधि के द्वारा अगर किसान खेती करते हैं, तो किसानों को काफी फायदा होगा. उन्होंने बताया कि श्री विधि से बिचड़ा 8 से 10 दिनों में तैयार हो जाता है. लाइन स्विंग विधि के द्वारा एक लाइनिंग बनाकर 25 सेंटीमीटर के अंतराल में पौधों को लगाया जाता है. अगर किसान इस तरह खेती करते हैं तो पैदावार में काफी इजाफा होता है, और समय की भी बचत होती है.
इस पाठशाला में आए हुए किसानों ने भी बताया कि हमें यहां बहुत कुछ सीखने को मिला. आने वाले दिनों में इसी प्रकार की खेती हम करेंगे और हमें विश्वास है कि इससे हमें अवश्य फायदा मिलेगा.