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कैसे मिलेगा देश को दूसरा 'धोनी', खेल के मैदान पर हो रहे अवैध काम

धनबाद के मैदानों पर प्रदर्शनी आयोजित की गई है. इससे स्थानीय बच्चों को खेलने में बेहद तकलीफों को झेलना पड़ रहा है. हालांकि खेल निदेशालय के आदेशानुसार मैदानों पर इन प्रदर्शनी पर साफ तौर पर रोक है.

खेल के मैदान पर हो रहे अवैध काम
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Published : Jul 17, 2019, 11:21 AM IST

धनबाद: सरकार बच्चों को खेल के प्रति प्रेरित करने की कोशिश कर रही है, इसके साथ ही तमाम तरह के मैदान जिनमें बच्चे खेलते हैं उनमें किसी भी तरह के कार्यक्रम पर रोक लगाने का आदेश भी जारी कर चुकी है. हालांकि जिले में इसका पालन होता नहीं दिख रहा है. जिले के मैदानों में मेलों का आयोजन धड़ल्ले से हो रहा है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

जिस मैदान में बच्चे क्रिकेट का छक्का चौका लगा रहे थे. उस मैदान में अब स्वदेशी मेला लगा हुआ है. मैदान में बच्चे खेल सकें, इसके लिए खेल निदेशालय ने जिला खेल पदाधिकारी को बतौर पत्र जारी कर मैदान में किसी भी तरह के कार्यक्रम आयोजन पर सख्त रोक लगा रखी है. इसके बावजूद निदेशालय के आदेशों को अधिकारी हवा में उड़ा रहे हैं. आयोजक का कहना है कि मैदान में मेला लगाने के लिए जिला परिषद को राशि का भुगतान किया जाता है. राशि भुगतान के बाद ही मेला लगाने की अनुमति जिला परिषद की ओर से दी जाती है.

वहीं, जिला खेल पदाधिकारी अजफर हसनैन ने बताया कि खेल निदेशालय के द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि जिले में जितने भी खेल के मैदान हैं, उनमें दूसरी तरह की गतिविधियां नहीं हो. उन्होंने कहा कि जिन मैदानों में किसी तरह के कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

धनबाद: सरकार बच्चों को खेल के प्रति प्रेरित करने की कोशिश कर रही है, इसके साथ ही तमाम तरह के मैदान जिनमें बच्चे खेलते हैं उनमें किसी भी तरह के कार्यक्रम पर रोक लगाने का आदेश भी जारी कर चुकी है. हालांकि जिले में इसका पालन होता नहीं दिख रहा है. जिले के मैदानों में मेलों का आयोजन धड़ल्ले से हो रहा है.

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जिस मैदान में बच्चे क्रिकेट का छक्का चौका लगा रहे थे. उस मैदान में अब स्वदेशी मेला लगा हुआ है. मैदान में बच्चे खेल सकें, इसके लिए खेल निदेशालय ने जिला खेल पदाधिकारी को बतौर पत्र जारी कर मैदान में किसी भी तरह के कार्यक्रम आयोजन पर सख्त रोक लगा रखी है. इसके बावजूद निदेशालय के आदेशों को अधिकारी हवा में उड़ा रहे हैं. आयोजक का कहना है कि मैदान में मेला लगाने के लिए जिला परिषद को राशि का भुगतान किया जाता है. राशि भुगतान के बाद ही मेला लगाने की अनुमति जिला परिषद की ओर से दी जाती है.

वहीं, जिला खेल पदाधिकारी अजफर हसनैन ने बताया कि खेल निदेशालय के द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि जिले में जितने भी खेल के मैदान हैं, उनमें दूसरी तरह की गतिविधियां नहीं हो. उन्होंने कहा कि जिन मैदानों में किसी तरह के कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

Intro:धनबाद।सरकार बच्चों को खेल के प्रति प्रेरित करने को लेकर एक ओर पूरे राज्य में कमल क्लब के गठन पूरे जोर शोर से करवा रही है।साथ ही तमाम तरह के मैदान जिनमें बच्चे खेलते हैं,उनमें किसी तरह के कार्यक्रम पर रोक लगाने का आदेश भी जारी कर चुकी है।लेकिन जिले में इसका पालन होता नही दिख रहा है।जिले मैदानों में मेला का आयोजन धड़ल्ले से हो रहा है।


Body:VO 01:-जिस मैदान में बच्चे क्रिकेट का छक्का चौका लगा रहें हैं।उस मैदान में अब स्वदेशी मेला लगा हुआ है।मैदान में बच्चे खेल सके उन्हें खेलने में कोई कठिनाई न हो इसके लिए खेल निदेशालय ने जिले के खेल पदाधिकारी को बतौर पत्र प्रेषित कर मैदान में किसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन पर सख्त रोक लगा रखा है।बावजूद इसके जिले के अधिकारियों को इस बात की कोई फिक्र नही है।जिला परिषद मैदान में पिछले कई दिनों से स्वदेशी मेले का आयोजन चल रहा है।मेला लगने के पूर्व इस मैदान में बच्चे क्रिकेट खेलते थे।लेकिन मेला के कारण उनका प्रतिदिन का क्रिकेट खेल बाधित है।मैदान में क्रिकेट खेल रहे बच्चों का कहना है कि अक्सर इस मैदान में मेला लगाया जाता है।बच्चे चाहते हैं कि यहां मेला न लगे और वे अपना क्रिकेट का खेल खेलते रहे।

BYTE 01:-JAHID
BYTE 02:-SHYAM
BYTE 03:-EHSHAN

VO 02:-मेला लगाने वाले आयोजक का कहना है कि मैदान में मेला लगाने के लिए जिला परिषद को राशि की भुगतान की जाती है।राशि भुगतान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही मेला लगाने की अनुमति जिला परिषद की ओर से दी जाती है।

BYTE 04:-SALAUDDIN KAMAR,AAYOJAK

V0 04:-वहीं जिला खेल पदाधिकारी अजफर हसनैन ने बताया कि खेल निदेशालय के द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि जिले में जितने भी खेल के मैदान हैं।उनमें अन्य तरह की गतिविधियां न हो।उन्होंने कहा कि जिन मैदानों में किसी तरह के कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

BYTE 05:-AJFAR HASNAIN,KHEL PADADHIKARI


Conclusion:बहरहाल,खेल को बढ़ावा देने को लेकर सरकार जिस तरह से कदम उठा रही है।सरकार के अधिकारी खेल के प्रति संजीदा होते नजर नही आते।

नरेंद्र कुमार, ईटीवी भारत, धनबाद
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