धनबाद: सरकार बच्चों को खेल के प्रति प्रेरित करने की कोशिश कर रही है, इसके साथ ही तमाम तरह के मैदान जिनमें बच्चे खेलते हैं उनमें किसी भी तरह के कार्यक्रम पर रोक लगाने का आदेश भी जारी कर चुकी है. हालांकि जिले में इसका पालन होता नहीं दिख रहा है. जिले के मैदानों में मेलों का आयोजन धड़ल्ले से हो रहा है.
जिस मैदान में बच्चे क्रिकेट का छक्का चौका लगा रहे थे. उस मैदान में अब स्वदेशी मेला लगा हुआ है. मैदान में बच्चे खेल सकें, इसके लिए खेल निदेशालय ने जिला खेल पदाधिकारी को बतौर पत्र जारी कर मैदान में किसी भी तरह के कार्यक्रम आयोजन पर सख्त रोक लगा रखी है. इसके बावजूद निदेशालय के आदेशों को अधिकारी हवा में उड़ा रहे हैं. आयोजक का कहना है कि मैदान में मेला लगाने के लिए जिला परिषद को राशि का भुगतान किया जाता है. राशि भुगतान के बाद ही मेला लगाने की अनुमति जिला परिषद की ओर से दी जाती है.
वहीं, जिला खेल पदाधिकारी अजफर हसनैन ने बताया कि खेल निदेशालय के द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि जिले में जितने भी खेल के मैदान हैं, उनमें दूसरी तरह की गतिविधियां नहीं हो. उन्होंने कहा कि जिन मैदानों में किसी तरह के कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.