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केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की चेतावनी

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Published : Jan 21, 2020, 2:11 PM IST

केंद्र सरकार के केंद्रीय कोयला मंत्रालय के खिलाफ सीटू मजदूर यूनियन ने प्रदर्शन किया. कोयला मंत्रालय पर मजदूर विरोधी नीतियों को लाने और कोल इंडिया, रेल सहित अन्य उद्योगों को निजीकरण की ओर ले जाने का आरोप लगाया.

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बीसीकेयू का प्रदर्शन

धनबाद: केंद्र सरकार के केंद्रीय कोयला मंत्रालय के खिलाफ सीटू मजदूर यूनियन ने 19 जनवरी से 26 जनवरी तक देशव्यापी स्तर पर घोषित आंदोलन के दौरान प्रदर्शन किया. बीसीसीएल एरिया वन और ब्लॉक दो महाप्रबंधक कार्यालय के पास बिहार कोलियरी कामगार यूनियन (बीसीकेयू) के सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी भी की.

देखें पूरी खबर

स्थानीय प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा गया
कोयला मंत्रालय पर मजदूर विरोधी नीतियों को लाने और कोल इंडिया, रेल सहित अन्य उद्योगों को निजीकरण की ओर ले जाने का आरोप लगाया. मैन पावर की कटौती, निजी मजदूरों के वेतन भुगतान में अनियमितता सहित कई मांगों के समर्थन में स्थानीय प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा गया है.

ये भी पढ़ें- पति की प्रताड़ना से तंग पत्नी ने दे दी जान, विरोध में घंटों रहा सड़क जाम

'प्रधानमंत्री निजीकरण को बढ़ावा दे रहे'
वहीं, बीसीकेयू के केंद्रीय सचिव जेके झा ने कहा कि केंद्र सरकार की नीति केवल मजदूर विरोधी है. कोल इंडिया सहित अन्य सभी उद्योग को निजीकरण की मंशा बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि जनता ने नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने का काम किया, लेकिन प्रधानमंत्री निजीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- शहर में 10 दिन से सड़क पर बह रहा नाली का पानी, शिकायत के बाद भी समस्या जस की तस

उग्र आंदोलन की चेतावनी
मजदूर नेताओं ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक केंद्र सरकार इन नियमों को पहले की तरह लागू करे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन होगा.

धनबाद: केंद्र सरकार के केंद्रीय कोयला मंत्रालय के खिलाफ सीटू मजदूर यूनियन ने 19 जनवरी से 26 जनवरी तक देशव्यापी स्तर पर घोषित आंदोलन के दौरान प्रदर्शन किया. बीसीसीएल एरिया वन और ब्लॉक दो महाप्रबंधक कार्यालय के पास बिहार कोलियरी कामगार यूनियन (बीसीकेयू) के सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी भी की.

देखें पूरी खबर

स्थानीय प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा गया
कोयला मंत्रालय पर मजदूर विरोधी नीतियों को लाने और कोल इंडिया, रेल सहित अन्य उद्योगों को निजीकरण की ओर ले जाने का आरोप लगाया. मैन पावर की कटौती, निजी मजदूरों के वेतन भुगतान में अनियमितता सहित कई मांगों के समर्थन में स्थानीय प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा गया है.

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'प्रधानमंत्री निजीकरण को बढ़ावा दे रहे'
वहीं, बीसीकेयू के केंद्रीय सचिव जेके झा ने कहा कि केंद्र सरकार की नीति केवल मजदूर विरोधी है. कोल इंडिया सहित अन्य सभी उद्योग को निजीकरण की मंशा बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि जनता ने नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने का काम किया, लेकिन प्रधानमंत्री निजीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं.

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उग्र आंदोलन की चेतावनी
मजदूर नेताओं ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक केंद्र सरकार इन नियमों को पहले की तरह लागू करे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन होगा.

Intro:स्लग -- केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ प्रदर्शन
एंकर -- केंद्र सरकार के केंद्रीय कोयला मंत्रालय के खिलाफ सीटू मजदूर यूनियन के द्वारा 19 जनवरी से 26 जनवरी तक देशव्यापी स्तर पर घोषित आंदोलन के दौरान आज बीसीसीएल एरिया वन तथा ब्लॉक दो महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी भी किया। कोयला मंत्रालय पर मजदूर विरोधी नीतियों को लाने और कोल इंडिया,रेल सहित अन्य उद्योगों को निजीकरण की ओर ले जाने का आरोप लगाया। केंद्र सरकार के द्वारा एमएमडीआर एक्ट ओर प्रोविजन एक्ट के खिलाफ बीसीकेयू के द्वारा हमेशा आन्दोलन किया गया है। साथ ही मेंन पावर की कटौती,निजी मजदूरों के वेतन भुगतान में अनियमितता सहित कई मांगों के समर्थन में स्थानीय प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा गया।


Body:वही बीसीकेयू के केंद्रीय सचिव जेके झा ने कहा कि केंद्र सरकार की नीति केवल मजदूर विरोधी है। कोल इंडिया सहित अन्य सभीं उद्योग धंधों को निजीकरण की मंशा बनाये हुए है। जनता ने नरेंद्र मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री बनाने का काम किया लेकिन प्रधानमंत्री निजीकरण को बढ़ावा दे रहे है। अब तो ऐसा लग रहा है कि मोदी है तो कुछ भी मुमकिन है। वहीं उन्होंने कहा कि आज देश जात धर्म में बंट चुकी है जो देश हित में उचित नहीं है। मजदूर नेताओ ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा इन नियमों को पूर्व की भांति लागू नहीं किया जाएगा तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन जारी किया जाएगा।
बाइट -- जे के झा(बीसीकेयू,केंद्रीय सचिव)


Conclusion:नो
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