धनबाद: जज उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) मौत मामले में सीबीआई (CBI) ने ऑटो चालक और उसके सहयोगी को 7 अगस्त को 5 दिनों के रिमांड पर लिया था. गुरुवार को 5 दिनों की रिमांड अवधि पूरी होगी. इससे पूर्व ही आज सीबीआई की विशेष अदालत में दोनों आरोपियों राहुल वर्मा और लखन वर्मा को पेश किया गया है. कोर्ट में आगे की कागजी प्रक्रिया चल रही है.
जज उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) की मौत मामले के आरोपियों ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और सहयोगी राहुल वर्मा के झूठ और सच का पता लगाने के लिए सीबीआई नार्को टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है. इसके अलावा आरोपियों का ब्रेन मैपिंग टेस्ट, लाई डिटेक्टर टेस्ट, इलेक्ट्रॉनिक आसिलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग टेस्ट कराने की भी सीबीआई की योजना है. इसके लिए सीबीआई ने अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी और सीबीआई की विशेष दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत में आवेदन देकर टेस्ट कराने की अनुमति मांगी. अदालत ने आरोपियों की सहमति पर इसकी इजाजत दे दी है.
क्या है पूरा मामला
28 जुलाई सुबह जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे. वॉक के दौरान अज्ञात वाहन के चपेट में आने से उनकी मौत की बात सामने आई थी, लेकिन उसी दिन सीसीटीवी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दिख रही फुटेज से सामान्य हादसा होने पर सवाल उठ रहे थे. ऑटो में लोगों के बैठे होने और संदिग्ध अवस्था में उसके किनारे आने से जज उत्तम आनंद के चपेट आने जैसा लगता है.
बाद में धनबाद एडीजे अष्टम उत्तम आनंद की पत्नी के बयान पर धनबाद के सदर थाने में अज्ञात ऑटो चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने अब तक की जांच में सुनियोजित हत्या से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं पाया था.
वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. मामले में झारखंड हाईकोर्ट की ओर से मॉनिटरिंग की जा रही है. 30 जुलाई को झारखंड सरकार ने सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा की थी. इसके बाद सीबीआई टीम बुधवार को धनबाद पहुंच गई.