धनबाद: कोयलांचल के झरिया प्रखंड के जामाडोबा इलाके के रहने वाले एक परिवार ने कोरोना को जिस तरह मात दी है, वह पूरे देश के लिए एक आदर्श मिसाल बन सकती है. 77 वर्षीय कैंसर पीड़ित महिला और उसके बेटे ने कोरोना वायरस को पटखनी देते हुए स्वस्थ होकर अपने घर भी अब लौट चुके हैं. इस पूरे कार्य के लिए धनबाद में इन दोनों मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर भी बधाई के पात्र हैं. इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने स्वस्थ हुए दोनों लोगों से बात की.
कैंसर पीड़ित भी थी महिला
बता दें कि झरिया इलाके के जामाडोबा के रहने वाले एक मां और बेटा जो अपनी मां की कैंसर का इलाज कराने अक्टूबर में ही मुंबई गए हुए थे, लेकिन मुंबई में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वहां के डॉक्टरों ने उन्हें घर लौटने की सलाह दे दी. जिसके बाद मां और बेटे दोनों एंबुलेंस के जरिए मुंबई से वापस धनबाद लौट गए. यहां आने के बाद इन्होंने एक अच्छे नागरिक का परिचय देते हुए अपना कोविड-19 टेस्ट करवाया, जिसमें यह दोनों पॉजिटिव पाए गए.
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स्वस्थ होकर लौटे घर
पॉजिटिव पाए जाने के बाद इन दोनों मां और बेटे को धनबाद के कोविड-19 हॉस्पिटल यानी सेंट्रल हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां धनबाद के डॉक्टरों ने भी अपना दमखम दिखाते हुए 77 वर्षीय महिला जो कैंसर पीड़ित थी, हाई बीपी की मरीज थी उन्हें भी उनके बेटे के साथ स्वस्थ कर वापस घर भेज दिया है.
'डॉक्टरों का भी 110% सहयोग'
इन दोनों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि कोरोना से एकमात्र बचाव सुरक्षा है. क्योंकि जिस तरीके से आज पूरा विश्व कोरोना वायरस से त्रस्त है, वैसे में सिर्फ सतर्कता ओर सुरक्षा से ही कोरोना वायरस को दूर रखा जा सकता है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उस वृद्ध महिला के बेटे ने बताया कि मां को बहुत कुछ जानकारियां नहीं दी गई थी. मां को सिर्फ धनबाद के डॉक्टरों की ओर से इलाज कराने की बात कह कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मां बराबर कहती थी कि उन दोनों को कुछ नहीं होगा. वे दोनों स्वस्थ होकर जरूर घर लौटेंगे. वहां इलाज कर रहे डॉक्टरों का भी 110% सहयोग मिला.
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'छिपाने से बीमारियां बढ़ती हैं, घटती नहीं'
उन्होंने कहा कि जो कोई भी प्रवासी बाहर से आ रहे हैं, या फिर जिन्हें कुछ भी शंका हो वह जरूर अपना कोरोना जांच करवाएं. क्योंकि इससे न सिर्फ आप समाज बल्कि अपने परिवार और आस-पड़ोस को भी कोरोना से दूर रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि छिपाने से बीमारियां बढ़ती हैं, घटती नहीं.